क्या आपने कभी Saamp Aur Kauwa Ki Kahani सुनी है? यदि नहीं तो आज इस पोस्ट में हमने Saamp Aur Kauwa Ki Kahani और जिसे Story of crow and snake In Hindi कहा जाता है उसे लिखा है.
जिसमे हमने Saamp Aur Kauwa Ki Kahani को विस्तार से बताया है. इसके साथ ही पुरी कहानी को आप फोटो (Saamp Aur Kauwa Ki Kahani with picture) के साथ पढ़ सकते है. जिससे आपको Saamp Aur Kauwa Ki Kahani को समझने में स्मश्या नहीं होगी.
तो आइए अब देर न करते हुए Saamp Aur Kauwa Ki Kahani को विस्तार से पढ़ते है.
Table of Contents
Saamp Aur Kauwa Ki Kahani – सांप और कौआ की कहानी
एक ज़माने में। जंगल में दो कौए अपना घर बनाने के लिए इधर-उधर घूम रहे थे। तभी उन दोनों को एक बहुत बड़ा पेड़ दिखाई दिया। दोनों ने उस पेड़ में अपना घर बना लिया। उस पेड़ पर कौए का एक जोड़ा खुशी से रह रहा था। ऐसे ही कुछ दिन बीत गए।
एक दिन उसकी खुशी पर एक सांप की नजर पड़ गई। सांप ने भी उसी पेड़ में रहने की सोची और उसी पेड़ के नीचे बने बिल में रहने लगा जिस पर कौए का घोंसला था।
एक दिन जब एक कौए का जोड़ा चरने के लिए गया था, तो सांप उनके घोंसले में घुस गया और उनके अंडे खा गया। शाम को जब वे लौटे तो घोंसला खाली पाया, जिसे देखकर वे परेशान हो गए। उन्हें नहीं पता था कि अंडे कौन ले गया।
इसी तरह लगातार कुछ दिनों तक जब भी कौए खाने के लिए बाहर जाते तो सांप उनके घोंसले में जाकर उनका अंडा खा जाता था। जिससे दोनों कौए परेशान रहने लगे। लेकिन उन्हें यह पता नहीं चल पा रहा था कि उनके अंडे कौन ले रहा है।
बहुत दिन ऐसे ही निकल गए। एक दिन एक कौए कुछ अनाज खाकर जल्दी ही अपने घोंसले में आ गया, तो उन्होंने देखा कि बिल में रहने वाला एक सांप उनके अंडे खा रहा है। जिसके बाद दोनों कौवों ने आपस में बात की और पेड़ पर एक ऊंचे स्थान पर छिपकर अपना घोंसला बना लिया।
सर्प ने देखा कि कौए का जोड़ा पहले वाली जगह से चला गया है, लेकिन दोनों कौए शाम को वापस पेड़ पर आ जाते हैं, लेकिन सांप को यह जानकारी नहीं मिल रही थी कि वे कहां रहते हैं।
इस प्रकार बहुत दिन बीत गए। कौए के अंडों से बच्चे निकले और वे बड़े होने लगे। एक दिन सांप को उनके नए घोंसले के बारे में पता चला और वह कौए के जाने का इंतजार करने लगा। जैसे ही कौए ने घोंसला छोड़ा, सांप उनके घोंसले की ओर बढ़ने लगा।
लेकिन किसी कारणवश कौओं का जोड़ा वापस पेड़ पर लौटने लगा। उन्होंने सांप को दूर से अपने घोंसले की ओर जाते हुए देखा और वे दोनों जल्दी से वहां पहुंचे और अपने बच्चों को पेड़ की आड़ में छिपा दिया।
सांप ने देखा कि घोंसला खाली है, तो वह कौए की चाल समझ गया और बिल के पास वापस गया और सही समय का इंतजार करने लगा। इस बीच कौओ ने सांप से छुटकारा पाने के लिए एक योजना बनाई।
कौआ उड़ गया और जंगल के पास के एक राज्य में चला गया। उस राज्य में एक सुन्दर महल था। राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ महल में खेल रही थी। कौआ उसके गले का मोतियों का हार लेकर उड़ गया। जब सभी ने शोर मचाया तो पहरेदारों ने हार पाने के लिए कौए का पीछा करना शुरू कर दिया।
कौए ने जंगल में पहुंचकर हार को सांप के बिल में डाल दिया, जिसे पीछे चल रहे सैनिकों ने देखा। सिपाहियों ने जैसे ही हार निकालने के लिए बिल में हाथ डाला सांप फुफकारता हुआ बाहर निकल आया। सांप को देखकर सिपाहियों ने उस पर तलवारों से हमला कर दिया।
जिससे सांप घायल हो गया और अपनी जान बचाकर भाग गया। सांप के जाने के बाद कौआ अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी रहने लगा।
Saamp Aur Kauwa Ki Kahani से हमने क्या सीखा?
Saamp Aur Kauwa Ki Kahani से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी कमजोर का फायदा नहीं उठाना चाहिए। साथ ही मुसीबत में समझदारी से काम लेना चाहिए। उदाहरण के लिए इस कहानी में कौए ने अपनी सूझबूझ दिखाते हुए सांप को भगाया और अपने बच्चों को भी बचा लिया।
FAQs
Q. इस कहानी में कौए का अंडा कौन खा जाता था?
Ans: इस कहानी में पेड़ के नीचे बिल में रहने वाला सांप कौए का अंडा खाता था।
Q. अंत में सांप का क्या हुआ?
Ans: कहानी के अंत में सांप घायल हो गया और अपनी जान बचाकर भाग गया.
निष्कर्ष
बच्चो के लिए Saamp Aur Kauwa Ki Kahani बहुत ही मजेदार होती है. यदि आप इस Saamp Aur Kauwa Ki Kahani को अपने बच्चो को सुनाते है तो उन्हें आगे जीवन में एक सही दिशा मिलती है.
हमे उम्मीद है की यह Saamp Aur Kauwa Ki Kahani पसंद आई होगी. यदि ये Moral Kahaniyaa से आपको कुछ सिखने को मिला है या उपयोगी है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर जरुर करे.
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