Famous Hindi Short Stories: आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आए है World Famous Short Stories in Hindi. जिसे आपको पढ़ने में बहुत ही मजा आने वाला है. यदि आपके घर में बच्चे है तो आपको इन Famous Hindi Short Stories को जरुर पढ़के सुननी चाहिए.
जिससे बच्चो का सिर्फ मनोरंजन ही नही बल्कि उनको अच्छी सीख भी मिलेगी. कई बार बच्चे रात को सोने से पहले कहानियां (Bedtime Stories In Hindi Panchtantra) सुनना चाहते है. जिनके लिए आप ये सभी कहानियां (100+ Hindi Moral Stories) उनको सुना सकते है. बच्चो में हमारे दिए गए सभी Famous Hindi Short Stories बहुत ही ज्यादा प्रशीद्ध है.
तो आइए अब देर न करते हुए पढ़ते है Famous Hindi Short Stories और सीखते है कुछ बहुत ही अच्छी अच्छी बाते.
Table of Contents
Famous Hindi Short Stories | World Famous Short Stories in Hindi
हमने निचे कुल 10 Famous Hindi Short Stories दी है. जो भारत के साथ साथ अन्य देशो में भी काफी प्रशीद्ध मानी जाती है.
1# शेर और चूहा – Sher Aur Chuha Ki Kahani
Sher Aur Chuha Ki Kahani: एक समय की बात है। एक जंगल में एक शेर और एक चूहा रहता था। एक दिन शेर सो रहा था। चूहा सोते हुए शेर के ऊपर खेलने लगा। शेर की नींद ‘खुल गई और उसने गुस्से से चूहे को पकड़ा और मार डालना चाहा। किन्तु चूहे ने माफ़ी मांग कर खुद को बचा लिया।
कुछ समय बाद शिकारियों ने उस शेर को जाल में पकड़ लिया। शेर बहुत घबरा गया। चूहे ने शेर को इस हालत में देखा, उसने झट से अपने दाँतो से जाल को काट दिया और शेर की जान बचाई।
Famous Hindi Short Stories, सीख – अच्छा करो, अच्छा मिलेगा।
2# लालची बर्तन वाला तेनाली रामा की कहानी – Tenali Raman Short Stories
एक समय की बात है कि गाँव में पले-बढ़े धनी लोगों के लालच से परेशान होकर गाँव के लोग तेनाली रामा के पास आने लगे। रोज-रोज की शिकायतें सुनकर तेनाली भी परेशान रहने लगा। उसने लालची लोगों को सुधारने की रणनीति बनाई।
वह एक लालची बर्तन बेचने वाले के पास गया। तेनाली- सेठ जी, मुझे घर में दावत करनी है, आप मुझे तीन बड़े बर्तन किराए पर दे दीजिए। लालची ने उससे जरूरत से ज्यादा पैसे मांगे। तेनाली समझ गया कि लोगों की बात सही है। वह बर्तन घर ले आया और समान दिखने वाले छोटे आकार के बर्तन खरीदे और लालची बर्तन वाले के पास वापस चला गया।
तेनाली- सेठ जी, मुझे लगता है कि आपके बर्तन पेट से थे, इसने तीन छोटे बर्तनों को जन्म दिया है। लालची तेनाली की बात तो समझ नहीं पाया लेकिन समझ गया कि यह पागल आदमी है। तेनाली के जाने के बाद वह बहुत खुश हुआ। उसे तीन के बदले छह बर्तन मिले।
कुछ दिनों के बाद तेनाली अपनी दुकान पर वापस जाता है और पैसे का लालच देकर पांच बर्तन किराए पर ले लेता है। लालची ने सोचा क्यों न उसे फिर मूर्ख बनाया जाए।
लोभी (तेनाली से) :-सुन भैया, ये बर्तन भी मेरे पेट से हैं, दो-तीन दिन बाद इनके बच्चे होने वाले हैं, इसलिए इनका ध्यान रखना और वापस आकर दस बर्तन मुझे दे देना। यह सुनकर तेनाली वहां से चला जाता है। कई दिन बीत जाने के बाद भी जब तेनाली दुकान पर नहीं लौटा तो लालची उसके घर पहुंचा।
लालची- भाई तुमने मेरे बर्तन वापस क्यों नहीं दिए? अब तक उनके बच्चे भी हो गए होंगे। चल मेरे दस बर्तन दे दे। तेनाली (दुःख से)- मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि आपके बर्तन बच्चे को जन्म देते समय मर गए। लालची (गुस्से में) – क्या तुम मुझे मूर्ख समझते हो ? बर्तन भी मर जाते हैं।
तेनाली- क्यों बर्तन जब बच्चे दे सकते हैं तो बच्चे देते समय मर भी सकते हैं. लालची अब समझ चुका था कि वह मूर्ख नहीं ज्ञानी है।
Hindi Tenali Raman Short Stories, शिक्षा:- लालच ही एक ऐसा रास्ता है जो हमारे जीवन को बर्बादी की ओर ले जाता है।
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Hindi Short Stories With English Translation
3# शरारती चूहा की कहानी – Famous Hindi Short Stories
गोलू के घर में एक शरारती चूहा घुस आया। वह बहुत छोटा था लेकिन घर के चक्कर लगाता रहता था। उसने गोलू की किताब भी काट ली थी। कुछ कपड़े भी चबा गया था। गोलू की माँ जो खाना पकाती और बिना ढके रखती थी, वह चूहा उसे भी चट कर जाता था।
चूहा खा – पीकर बड़ा हो गया था। एक दिन गोलू की मम्मी ने एक बोतल में शरबत बनाकर रखा। शरारती चूहे की नज़र बोतल पर पड़ गयी। चूहा कई तरकीब लगाकर थक गया था, उसने शरबत पीना था।
चूहा बोतल पर चढ़ा किसी तरह से ढक्कन को खोलने में सफल हो जाता है। अब उसमें चूहा मुंह घुसाने की कोशिश करता है। बोतल का मुंह छोटा था मुंह नहीं घुसता। फिर चूहे को आइडिया आया उसने अपनी पूंछ बोतल में डाली। पूंछ शरबत से गीली हो जाती है उसे चाट-चाट कर चूहे का पेट भर गया। अब वह गोलू के तकिए के नीचे बने अपने बिस्तर पर जा कर आराम करने लगा।
Famous Hindi Short Stories, नैतिक शिक्षा: मेहनत करने से कोई कार्य असम्भव नहीं होता।
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4# टोपीवाला और बंदर – Topi Wale Bandar Ki Kahani
Kahaniyan Bandar Wali: एक गांव में एक आदमी रहता था। उसका काम टोपियां बेचना था। वह अपने गांव के साथ-साथ आसपास के अन्य गांवों में भी टोपियां बेचता था। वह रोज सुबह एक बड़ी टोकरी में ढेर सारी रंग-बिरंगी टोपियां भरकर सिर पर रखकर घर से निकल जाता था। शाम को सारी टोपियां बेचकर वह घर लौट आता था।
एक दिन वह अपने गांव में टोपियां बेचकर पास के दूसरे गांव जा रहा था। दोपहर का समय था। वह थके हुए थे और उनका गला भी सूख रहा था। रास्ते में एक स्थान पर कुआं देखकर वह रुक गया। कुएं के पास एक बरगद का पेड़ था, जिसके नीचे उसने टोपियों की टोकरी रखी और कुएं से पानी पीने लगा।
प्यास बुझाकर उसने सोचा कि कुछ देर आराम करने के बाद ही आगे बढ़ना ठीक रहेगा। उसने टोकरी से एक टोपी निकाली और पहन ली। फिर वह बरगद के पेड़ के नीचे गमछा बिछाकर बैठ गया। वह थक गया था, जल्दी ही सो गया।
वह खर्राटे मारते हुए सो रहा था जब शोर ने उसे जगाया। जब उसने अपनी आँखें खोलीं, तो उसने देखा कि बरगद के पेड़ के ऊपर कई बंदर कूद रहे हैं। वह यह देखकर हैरान रह गया कि उन सभी बंदरों के सिर पर टोपियां थीं। जब उसने अपनी टोपी की टोकरी को देखा, तो उसने पाया कि सभी टोपियाँ गायब थीं।
वह चिंता में सिर पीटने लगा। सोचने लगा कि अगर बंदर ने सारी टोपियां ले लीं तो उसका बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा। उसे सिर पीटता देख बंदर भी अपना सिर पीटने लगे। बंदरों को नकल करने की आदत होती है। वे टोपी बेचने वाले की नकल कर रहे थे।
बंदरों को अपनी नकल करते देख टोपीवाले ने टोपी वापस पाने का उपाय सोचा। उपाय के बाद उन्होंने अपनी टोपी उतार कर फेंक दी। फिर क्या था? बन्दरों ने भी अपनी टोपियाँ उतार कर फेंक दीं। टोपीवाले ने जल्दी से सारी टोपियाँ टोकरी में समेट लीं और आगे बढ़ गया।
Famous Hindi Short Stories, इस कहानी से सीख: सूझबूझ से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है.
Moral Story In Hindi For Education
5# जादुई चक्की की कहानी – Famous Hindi Short Stories
एक बार की बात है, रामपुर नाम का एक गाँव था। उस गांव में अनिल और सुनील नाम के दो भाई रहते थे। बड़ा भाई अनिल बहुत अमीर था और छोटा भाई सुनील एक वक्त की रोटी भी कमा नहीं पाता था और वे दोनों भाई एक दूसरे से बहुत अलग रहते थे। सुनील भले ही गरीब था, लेकिन वह हर काम को ईमानदारी से करते थे।
एक बार सुनील जंगल से आ रहा था, तभी एक बुजुर्ग व्यक्ति को देखा, वह अपना लकड़ी का भार ढो रहा था। उस बूढ़े को देखकर सुनील उसकी मदद के लिए उसके पास गया और उसका बोझ अपने सिर पर ले लिया, सुनील ने बोझ को सुरक्षित रूप से उसके घर पहुंचा दिया।
सुनील की ईमानदारी देखकर बूढ़ा बहुत खुश हुआ और उसने उसे एक गुफा के बारे में बताया और कहा कि “तुम उस गुफा में जाओ, तुम्हें वहा चार आदमी मिलेंगे और उनके पास एक जादुई चक्की हैं, तुम्हे वह चक्की उनसे लेकर अपने घर चले जाना” सुनील कहा “मैं इस चक्की का क्या करूँगा, मुझे चक्की की कोई जरुरत नहीं हैं” सुनील बुजुर्ग की बात मानकर उस गुफा में चला गया.
गुफा में जाने के बाद सुनील ने उनसे वह जादुई चक्की ली और उन्होंने सुनील को कहा “यह एक जादुई चक्की है, यह आपकी सभी परेशानियों को खत्म कर देगी, अगर आपको कुछ चाहिए तो इस चक्की को बताना यह आपकी सभी इच्छाओं को पूरा करेगी लेकिन एक बात का हमेशा याद रखें जब इस चक्की से माँगी हुई वस्तु मिल जाए तो उसे लाल कपड़े से ढँक दें, यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह चक्की आपके घर से गायब हो जाएगी।
सुनील चक्की को अपने घर ले गया और चक्की को कहा की “चक्की चक्की मुझे नमक की जरुरत हैं” और चक्की ने नमक का ढेर लगा दिया. लेकिन अब भी उसे इस घटना पर विश्वास नहीं हो रहा था. तब इसी प्रकार सुनील दाल, चावल, तेल, साबुन आदि चीजे निकालने लगा।
वह रोज घर के चीजों के आलावा बाकि जरुरत की वस्तुए निकलता रहा। अब वह कुछ ही दिनों में उसके पास ऐसो आराम की वह सारी चीजें आ गए। अब वह अपने पड़ोस में अपने गाँव में सबसे आमिर हो गया था यहाँ तक की सुनील अपने अनिल भाई से भी आमिर हो गया। अनिल सुनील की कामयाबी को देखकर हैरान हो गया।
अनिल को शक हुआ की इसकी कामयाबी अचानक ऐसे कैसे हुयी। रोज वह सुनील के घर के बाहर जाकर देखता रहता की वह क्या करता है । एक दिन उसने चक्की को चलाते हुए देख लिया। और अपने भाई की कामयाबी का पता लगा लिया।
और एक दिन रात को अनिल ने सुनील के घर से उस चक्की को चुरा लिया। और अपना घर बार छोड़ कर एक नाव खरीद लिया और अपने पुरे घर के जरुरत के सामान को लेकर नाव पर चढ़ गया। अनिल की पत्नी अपने मन में कब से कुछ कहने के लिए बेक़रार थी।
अच्छा मौका देखकर उसने कहा की एक चक्की के लिए अपना पूरा घर बार छोड़ दिए ।अब वह पति पत्नी नाव ले कर आगे जाने लगे फिर भी उसकी पत्नी परेशान थी.
आगे जाकर अनिल ने उसकी पत्नी को कुछ बताया अनिल ने कहा की तुम्हे एक उदहारण देता हूँ। अनिल ने चक्की पर से लाल कपड़ा निकाल कर कहा की चक्की चक्की नमक निकाल और नमक का ढेर लगा गया किन्तु अनिल को उसे रोकना नहीं आता था। नमक का ढेर बढ़ते गया और नाव ढूब गई। ऐसा कहते है वह चक्की अभी भी चल रही है तभी तो समुन्द्र का पानी खारा है।
Famous Hindi Short Stories, इस कहानी से सीख: इस कहानी से यह सीख मिलती है कि किसी भी चीज का लालच नहीं करना चाहिए। क्योंकि लालच आपको पूर्ण विनाश की ओर ले जाता है, आपको इससे बाहर निकलने का मौका कभी नहीं मिलेगा। इसलिए बच्चों, जो है उसमें खुश रहना चाहिए और दुसरो की उन्नति देख जलना नहीं चाहिए.
Moral Story In Hindi For Education
6# दो मेंढकों की कहानी – Famous Hindi Short Stories
Famous Hindi Short Stories: एक बार मेंढकों का एक समूह जंगल में पानी की तलाश में घूम रहा था। अचानक समूह के दो मेंढक गलती से एक गहरे गड्ढे में गिर जाते हैं। पार्टी के दूसरे मेंढक गड्ढे में अपने दोस्तों के लिए चिंतित थे। यह देखकर कि गड्ढा कितना गहरा है, उसने दोनों मेंढकों से कहा कि गहरे गड्ढे से बचने का कोई रास्ता नहीं है और कोशिश करने का कोई मतलब नहीं है।
वे उन्हें हतोत्साहित करते रहे क्योंकि दो मेंढक गड्ढे से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। वे दोनों कितनी भी कोशिश कर लें लेकिन वे पूरी तरह सफल नहीं हो पाते हैं। जल्द ही, दो मेंढकों में से एक ने दूसरे मेंढकों पर विश्वास करना शुरू कर दिया – कि वे गड्ढे से कभी नहीं निकल पाएंगे और अंततः हार मान ली और मर गया।
दूसरा मेंढक कोशिश करता रहता है और अंत में गड्ढे से बचने के लिए काफी ऊंची छलांग लगाता है। इस पर दूसरे मेंढक चौंक गए और आश्चर्य करने लगे कि उसने यह कैसे किया। अंतर यह था कि दूसरा मेंढक बहरा था और समूह की निराशा को नहीं सुन सका। उसने सोचा कि वे उसका उत्साह बढ़ा रहे हैं और उसे कूदने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं!
A Moral Story In Hindi, इस कहानी से सीख: इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि दूसरों की राय आपको तभी प्रभावित करेगी जब आप उस पर विश्वास करेंगे, बेहतर होगा कि आप खुद पर ज्यादा विश्वास करें, सफलता आपके कदम चूमेगी।
Short Stories In Hindi By Famous Authors
7# Famous Short Stories of Munshi Premchand in Hindi – बंद दरवाजा (कथा-कहानी)
Famous Short Stories of Munshi Premchand in Hindi: सूरज क्षितिज की गोद से निकला, बच्चा पालने से। वही स्निग्धता, वही लाली, वही खुमार, वही रोशनी। मैं बरामदे में बैठा था। बच्चे ने दरवाजे से झांका। मैंने मैं मुस्कुराकर पुकारा। वह मेरी गोद में आकर बैठ गया।
उसकी शरारतें शुरू हो गईं। कभी कलम पर हाथ बढ़ाया, कभी कागज पर। मैंने मैं गोद से उतार दिया। वह मेज का पाया पकड़े खड़ा रहा। घर में न गया। दरवाजा खुला हुआ था। एक चिड़िया फुदकती हुई आई और सामने के सहन में बैठ गई। बच्चे के लिए मनोरंजन का यह नया सामान था।
वह उसकी तरफ लपका। चिड़िया जरा भी न डरी। बच्चे ने समझा अब यह परदार खिलौना हाथ आ गया। बैठकर दोनों हाथों से चिड़िया को बुलाने लगा। चिड़िया उड़ गई, निराश बच्चा रोने लगा। मगर अंदर के दरवाजे की तरफ ताका भी नहीं।हीं दरवाजा खुला हुआ था।
गरम हलवे की मीठी पुकार आई। बच्चे का चेहरा चाव से खिल उठा। खोंचेखों चेवाला सामने से गुजरा। बच्चे ने मेरी तरफ याचना की आँखों से देखा। ज्यों-ज्योंज्यों खोंचेखों चेवाला दूर होता गया, याचना की आँखें रोष में परिवर्तित होती गईं।
यहाँ तक कि जब मोड़ आ गया और खोंचेखों चेवाला आँख से ओझल हो गया तो रोष ने पुरजोर फरियाद की सूरत अख्तियार की। मगर मैं बाजार की चीजें बच्चों को नहीं खाने देता। बच्चे की फरियाद ने मुझ पर कोई असर न किया। मैं आगे की बात सोचकर और भी तन गया। कह नहीं सकता बच्चे ने अपनी माँ की अदालत में अपील
करने की जरूरत समझी या नहीं।हीं आमतौर पर बच्चे ऐसे हालातों में माँ से अपील करते हैं। शायद उसने कुछ देर के लिए अपील मुल्तवी कर दी हो। उसने दरवाजे की तरफ रुख न किया। दरवाजा खुला हुआ था।
मैंने मैं आँसू पोंछपों ने के ख्याल से अपना फाउंटेनपेन उसके हाथ में रख दिया। बच्चे को जैसे सारे जमाने की दौलत मिल गई। उसकी सारी इंद्रियाँ इस नई समस्या को हल करने में लग गईं। एकाएक दरवाजा हवा से खुद-ब-खुद
बंद हो गया। पट की आवाज बच्चे के कानों में आई। उसने दरवाजे की तरफ देखा। उसकी वह व्यस्तता तत्क्षण लुप्त हो गई। उसने फाउंटेनपेन को फेंक दिया और रोता हुआ दरवाजे की तरफ चला क्योंकिक्यों दरवाजा बंद हो गया था।
Written By: मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand
8# चोर की दाढ़ी में तिनका : अकबर बीरबल की कहानी (Akbar Birbal Hindi Stories with Moral)
Famous Hindi Short Stories: एक ज़माने में। बादशाह अकबर की हीरे की अंगूठी गायब हो गई। उन्होंने उसकी काफी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली।
जब उन्होंने बीरबल से यह बात कही तो बीरबल ने पूछा, “हुजूर! क्या आपको याद है कि आपने वह अँगूठी कहाँ उतारी थी?”
कुछ देर सोचने के बाद अकबर ने जवाब दिया, “नहाने से पहले मैंने वह अंगूठी उतार कर पलंग के पास रखी संदूक में रख दी। नहाने के बाद देखा तो अंगूठी गायब थी।
“हुजूर! फिर हमें इस पूरे कमरे की अच्छी तरह से तलाशी लेनी चाहिए, जिसमें संदूक भी शामिल है। अंगूठी यहीं कहीं होगी। बीरबल बोला।
“लेकिन वह यहाँ नहीं है। मैंने नौकरों से कमरे के कोने-कोने की तलाशी लेने को कहा, एक संदूक की तो बात ही छोड़िए। लेकिन अंगूठी कहीं नहीं मिली। अकबर ने कहा।
“तो आपकी अँगूठी खोई नहीं है हुजूर, चोरी हो गई है और चोर आपके नौकरों में से एक है। आप उन नौकरों को बुलाइए जो इस कमरे की सफाई करते हैं। अकबर ने सभी सफाई कर्मचारियों को बुलाया। वे कुल 6 लोग थे।
जब बीरबल ने उनसे अंगूठी के बारे में पूछा तो सभी ने अनभिज्ञता जाहिर की। तब बीरबल ने कहा, “ऐसा लगता है कि अंगूठी चोरी हो गई है। बादशाह सलामत ने अंगूठी को संदूक में रखा था। इसलिए अब संदूक ही बताएगा कि चोर कौन है?”
यह कहकर बीरबल संदूक के पास गए और कान से कुछ सुनने की कोशिश करने लगे। तब उसने सेवकों को सम्बोधित करते हुए कहा, “संदूक ने मुझे सब कुछ बता दिया। अब चोर का बचना नामुमकिन है। जो चोर है उसकी दाढ़ी में तिनका है।
सुनने में आया था कि 6 नौकरों में से एक ने नज़रें बचाते हुए अपनी दाढ़ी पर हाथ फेर लिया। ऐसा करते हुए बीरबल की आंखों ने उन्हें देख लिया। उन्होंने तुरंत उस नौकर को गिरफ्तार करने का आदेश दिया।
सख्ती से पूछने पर उस नौकर ने सच-सच बताकर अपनी गलती स्वीकार कर ली। बीरबल की सूझबूझ से राजा को उनकी अंगूठी वापस मिल गई।
Famous Hindi Short Stories, नैतिक शिक्षा: घबराहट के कारण दोषी व्यक्ति अपने हाव-भाव से अपनी गलती जाहिर कर देता है और अंतत: पकड़ा जाता है। सदाचार का सादा जीवन ही श्रेष्ठ है, किसी भी प्रकार के लोभ में आकर गलत कार्यों में न पड़ें।
9# लोमड़ी की चालाकी | World Famous Short Stories in Hindi
एक दिन एक लोमड़ी अचानक एक कुएँ में गिर गई। कुएँ में गिरकर वह चिल्लाने लगी,”बचाओ-बचाओ, कोई मुझे बचाओ।” उधर से गुजर रही एक बकरी कुएँ से पानी पीने के लिए रुकी। कुएँ के पास आकर जब उसने झाँककर देखा तो कुएँ के अंदर लोमड़ी को देखकर पूछा, “बहन! तुम यहाँ क्या कर रही हो?” लोमड़ी चालाक थी। बड़े मीठे स्वर में बोली, इस कुएँ का पानी बहुत मीठा है।
मैं हमेशा यही पानी पीती हूँ। मैं आज इसमें इसलिए आई हूँ, कि ज्यादा पानी पी सकूँ। तुम भी अंदर आ जाओ और जी भर कर पानी पियो। यह सुनते ही बकरी कुएँ में कूद पड़ी। उसकी पीठ पर चढ़कर लोमड़ी कुएँ से बाहर आ गई। बाहर आकर उसने हँसते हुए बकरी से कहा, “कुछ भी करने से पहले उसका परिणाम जरूर जान लो।”
World Famous Short Stories in Hindi, नैतिक शिक्षा : बिना सोचे-समझे काम करने से बाद में पछताना पड़ता है।
10# खरगोश और उसके मित्र – Famous Hindi Short Stories
एक बार की बात है, एक जंगल में एक बहुत ही प्यारा खरगोश था। उसके कई दोस्त थे। वह हमेशा अपने दोस्तों से मिलता था और उनके साथ बाते भी करता था। कभी-कभी वह उनकी मदद भी करता। लेकिन एक दिन खरगोश खुद मुसीबत में पड़ गया। कुछ शिकारी कुत्तों ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया।
यह देख खरगोश तुरंत अपनी जान बचाने के लिए भागने लगा। भागते-भागते खरगोश का दम फूलने लगा। वह थककर चूर हो गया। मौका देखकर वह एक घर्नी झाड़ी में घुस गया और वहीं छिपकर बैठ गया।
लेकिन उसे डर था कि कहीं भी कुत्ते वहां आकर उसे सूंघ कर ढूंढ न लें। वह समझ गया कि यदि उसका कोई मित्र समय पर नहीं पहुंच पाया तो उसकी मृत्यु निश्चित है। तभी उसकी नजर अपने दोस्त घोड़े पर पड़ी। वह सड़क पर तेजी से दौड़ रहा था। खरगोश ने घोड़े को पुकारा तो घोड़ा रुक गया।
उसने घोड़े से प्रार्थना की, “घोड़ा भाई, कुछ शिकार करने वाले कुत्ते मेरे पीछे पड़े हैं। कृपया मुझे अपनी पीठ पर बिठाएं और मुझे कहीं दूर ले जाएं। नहीं तो ये शिकार करने वाले कुत्ते मुझे मार डालेंगे। घोड़े ने कहा, “प्रिय भाई! मैं आपकी मदद करता, लेकिन इस समय मैं जल्दी में हूं।
वह देखों तुम्हारा मित्र बैल इधर ही आ रहा है। तुम उससे कहो। वह जरुर तुम्हारी मदद करेगा।” यह कहकर घोड़ा तेजी से दौड़ता हुआ चला गया। खरगोश ने बैल से प्रार्थना की, “बैल दादा, कुछ शिकारी कुत्ते मेरा पीछा कर रहे हैं।
कृपया आप मुझे अपनी पीठ पर बिठा ले और कहीं दूर ले चले। नहीं तो कुत्ते मुझे मार डालेंगें।” बैल ने जवाब दिया, “भाई खरगोश! मैं तुम्हारी मदद जरुर करता। पर इस समय मेरे कुछ दोस्त बड़ी बेचैनी से मेरा इंतजार कर रहे होंगे। इसलिए मुझे वहाँ जल्दी पहुँचना है। देखो, तुम्हारा मित्र बकरा इधर ही आ रहा है। उससे कहो, वह जरुर तुम्हारी मदद करेगा। यह कहकर बैल भी चला गया।”
खरगोश ने बकरे से विनती की, “बकरे चाचा, कुछ शिकारी कुत्ते मेरा पीछा कर रहे हैं। तुम मुझें अपनी पीठ पर बिठाकर कहीं दूर ले चलो, तो मेरे प्राण बच जाएँगे। वरना वे मुझे मार डालेंगे। बकरे ने कहा, “बेटा, मैं तुम्हें अपनी पीठ पर दूर तो ले जाऊँ, पर मेरी पीठ खुरदरी है। उस पर बैठने से तुम्हारे कोमल शरीर को बहुत तकलीफ होगी। मगर चिंता न करो। देखो, तुम्हारी दोस्त भेड़ इथर ही आ रही है। उससे कहोगे तो वह जरुर तुम्हारी मदद करेगी।”
यह कहकर बकरा भी चलता बना। खरगोश ने भेड़ से भी मदद की याचना की, पर उसने भी खरगोश से बहाना करके अपना पिछा छुड़ा लिया। इस तरह खरगोश के अनेक पुराने मित्र वहाँ से गुजरे। खरगोश ने सभी से मदद करने की प्रार्थना की, पर किसी ने उसकी मदद नहीं की। सभी कोई न कोई बहाना कर चलते बने। खरगोश के सभी मित्रो ने उसे उसके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया।
खरगोश ने मन ही मन कहा, अच्छे दिनों में मेरे अनेक मित्र थे। पर आज संकट के समय कोई मित्र काम नहीं आया। मेरे सभी मित्र केवल अच्छे दिन के ही साथी थे। थोड़ी देर में शिकारी कुत्ते आ पहुँचे। उन्होंने बेचारे खरगोश को मार डाला। अफसोस की बात है कि इतने सारे मित्र होते हुए भी खरगोश बेमौत मारा गया।
Famous Hindi Short Stories, नैतिक शिक्षा : इस कहानी से पता चलता है कि स्वार्थी मित्र पर विश्वास करने से विनाश होता है। तो बच्चो दोस्त उसे ही बनाओ जो बुरे वक्त में आपकी मदद करे।
FAQs
Q. क्या ये सभी कहानियां प्रशीद्ध है?
Ans: जी हां, इस पोस्ट के सभी कहानियां भारत में बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय है.
Q. ये सारी कहानियाँ किस लिए तैयार की गई हैं?
Ans: ये सभी कहानियाँ विशेष रूप से आपके मनोरंजन और शिक्षा के लिए तैयार की गई हैं।
निष्कर्ष
बच्चो के लिए Famous Hindi Short Stories सुनना बहुत ही मजेदार होती है. यदि आप इस Famous Hindi Short Stories कहानी को अपने बच्चो को सुनाते है तो उन्हें आगे जीवन में एक सही दिशा मिलती है.
हमे उम्मीद है की यह Famous Hindi Short Stories लेख पसंद आई होगी. यदि ये Moral Kahaniyaa से आपको कुछ सिखने को मिला है या यह Small Moral Stories in Hindi उपयोगी है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर जरुर करे.
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