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4-5 Lines Story in Hindi with Moral - पढ़ें बच्चों के लिए सरल और मजेदार 4-5 लाइन की हिंदी कहानियाँ

4-5 Lines Story in Hindi with Moral - पढ़ें बच्चों के लिए सरल और मजेदार 4-5 लाइन की हिंदी कहानियाँ

4-5 Lines Story in Hindi with Moral: बच्चों को छोटी-छोटी कहानियाँ सुनना बहुत पसंद होता है। 4-5 लाइन की छोटी कहानियाँ आसान होती हैं और बच्चे जल्दी समझ जाते हैं। ये कहानियाँ बच्चों को अच्छे संस्कार सिखाती हैं और उन्हें सही और गलत में फर्क समझने में मदद करती हैं।

हर कहानी के साथ एक छोटा सा संदेश भी होता है, जिसे हम ‘मोरल’ कहते हैं। यह मोरल बच्चों के लिए बहुत जरूरी होता है क्योंकि इससे वे जीवन में अच्छी बातें सीखते हैं। इस ब्लॉग में हम ऐसी 4-5 लाइन की आसान हिंदी कहानियाँ लाए हैं, जो बच्चों को पढ़ने और समझने में मज़ा देंगी।

1. नदी का इम्तिहान (ईमानदार लकड़हारा)

एक गाँव में मोहन नाम का एक ईमानदार लकड़हारा रहता था। वह रोज़ जंगल जाकर पेड़ों की लकड़ियाँ काटता और उन्हें बेचकर अपना गुज़ारा करता। एक दिन वह नदी किनारे लकड़ी काट रहा था कि अचानक उसकी कुल्हाड़ी फिसलकर नदी में गिर गई।

मोहन परेशान हो गया और किनारे बैठकर रोने लगा। तभी पानी से एक देवता प्रकट हुए। उन्होंने मोहन से पूछा, “तुम क्यों रो रहे हो?” मोहन ने पूरी बात बताई। देवता ने पानी में हाथ डालकर सोने की कुल्हाड़ी निकाली और पूछा, “क्या यह तुम्हारी है?” मोहन ने सिर हिलाकर मना किया।

फिर देवता ने चाँदी की कुल्हाड़ी निकाली, मोहन ने फिर मना कर दिया। अंत में लोहे की कुल्हाड़ी दिखाई गई, जिसे देखते ही मोहन खुश हो गया और बोला, “हाँ, यही मेरी कुल्हाड़ी है।” देवता उसकी ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने उसे तीनों कुल्हाड़ियाँ इनाम में दे दीं।

मोहन बहुत खुश होकर घर लौटा और सबको बताया कि सच्चाई और ईमानदारी से भगवान भी खुश होते हैं।

सीख: जो सच्चा और ईमानदार होता है, भगवान भी उसकी मदद करते हैं।

2. एक वादा, एक दिन (शेर और चूहा)

जंगल में एक दिन शेर आराम कर रहा था। एक छोटा चूहा खेलते हुए उसके ऊपर चढ़ गया। शेर ने उसे पकड़ लिया। चूहा बोला, “मुझे छोड़ दो, मैं एक दिन मदद करूंगा।” शेर हँसा और छोड़ दिया। कुछ दिन बाद शेर जाल में फँस गया। वही चूहा आया और जाल काट दिया। शेर आज वादा याद कर मुस्करा उठा।

सीख: छोटा हो या बड़ा, मदद सबकी क़ीमती होती है।

3. जंगल की परीक्षा

राम और श्याम दो घनिष्ठ दोस्त थे, जो एक ही गाँव में रहते थे। दोनों हमेशा साथ-साथ स्कूल जाते, खेलते और खाने-पीने की चीज़ें बाँटते थे। एक बार गर्मी की छुट्टियों में वे जंगल की सैर पर निकल पड़े। रास्ता सुनसान था, लेकिन दोनों ने सोचा, "हम साथ हैं, डरने की क्या बात?"

अचानक एक बड़ा भालू उनके सामने आ गया। राम घबरा गया और जल्दी से एक पेड़ पर चढ़ गया। श्याम पेड़ पर नहीं चढ़ सकता था, इसलिए वह ज़मीन पर लेट गया और अपनी साँस रोक ली। भालू उसके पास आया, उसे सूँघा और समझा कि वह मर गया है, फिर वहाँ से चला गया।

राम पेड़ से नीचे उतरा और हँसकर बोला, "क्या भालू तेरे कान में कुछ कह रहा था?"
श्याम ने गम्भीर होकर उत्तर दिया, "हाँ, उसने कहा – जो दोस्त मुसीबत में छोड़ देता है, वो सच्चा दोस्त नहीं होता।"

राम शर्मिंदा हो गया। उसने माफी माँगी और वादा किया कि अब से वह हर हाल में अपने दोस्त के साथ खड़ा रहेगा।

सीख: सच्चा दोस्त वही होता है जो मुसीबत में आपका साथ ना छोड़े।

4. धीमी चाल का जादू - 5 लाइन की कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक घमंडी खरगोश जंगल में रहता था। उसे अपनी तेज़ दौड़ने की शक्ति पर बहुत घमंड था। वह हमेशा छोटे और धीमे चलने वाले जानवरों का मज़ाक उड़ाता। एक दिन उसने एक कछुए को चुनौती दे दी, "क्या तुम मेरे साथ दौड़ लगाओगे?" सभी जानवर हँस पड़े, लेकिन कछुआ शांति से बोला, "ठीक है, मैं तैयार हूँ।"

अगले दिन दौड़ शुरू हुई। खरगोश बिजली की तरह दौड़ पड़ा और जल्दी ही बहुत आगे निकल गया। कछुआ अपनी धीमी चाल में बस आगे बढ़ता रहा। खरगोश ने सोचा, "ये तो बहुत पीछे है, थोड़ा आराम कर लेता हूँ।" और वह एक पेड़ के नीचे सो गया।

इस बीच कछुआ बिना रुके, बिना थके लगातार चलता रहा। जब खरगोश की नींद खुली, तो उसने देखा कि कछुआ फिनिश लाइन के पास पहुँच चुका था। वह भागा, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी — कछुआ जीत चुका था।

खरगोश शर्मिंदा हुआ और समझ गया कि केवल तेज़ होना काफी नहीं होता, लगातार मेहनत और धैर्य भी ज़रूरी है।

सीख: धीरे-धीरे लेकिन लगातार मेहनत करने वाला व्यक्ति ही जीतता है।

5. पंखों वाली मदद - 5 lines Short stories with moral

नदी के किनारे एक छोटी सी चींटी फिसलकर पानी में गिर गई। वह डूबने लगी और मदद के लिए चीखने लगी। पास में बैठे कबूतर ने यह देखा और एक बड़ा पत्ता पानी में गिराया। चींटी उस पत्ते पर चढ़ गई और सुरक्षित बाहर आ गई।

कुछ दिन बाद जब कबूतर एक शिकारी के जाल में फंस गया, तो चींटी ने अपने तेज दांतों से जाल काट दिया और कबूतर को बचा लिया। दोनों ने महसूस किया कि मदद करने से दोस्ती और भी गहरी हो जाती है।

सीख: हमेशा दूसरों की मदद करें क्योंकि मदद वापस भी मिलती है।

6. सच्चाई की ताकत - 5 line story in Hindi

एक छोटे से गाँव में रीता नाम की एक लड़की रहती थी। रीता बहुत ही ईमानदार और सच्ची थी। उसने कभी भी झूठ नहीं बोला था। स्कूल में भी वह अपनी पढ़ाई में मेहनत करती और हमेशा सही जवाब देती। गाँव के लोग उसे उसकी ईमानदारी और सरल स्वभाव के लिए पसंद करते थे।

एक दिन स्कूल में एक बहुमूल्य किताब चोरी हो गई। सभी बच्चे डर गए और शिक्षक भी चिंतित थे। शिक्षक ने सब बच्चों से पूछा कि जो किताब चोरी की है, वह सामने आए। लेकिन कोई भी चुप्पी साधे रहा। रीता ने हिम्मत जुटाकर कहा, “मैं नहीं जानती कि किताब किसने चुराई है, लेकिन मैं सच बोलूंगी।” उसने सबके सामने पूरी बात बताई कि वह भी किताब के पास थी, लेकिन उसने चोरी नहीं की।

कुछ दिन बाद सच सामने आया कि चोरी किसी और ने की थी। रीता की सच्चाई और ईमानदारी को देखकर शिक्षक और सारे बच्चे बहुत खुश हुए। उन्होंने उसे सम्मानित किया और बताया कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है, चाहे मुश्किल कितनी भी बड़ी हो।

रीता ने इस घटना से सीखा कि चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन हो, झूठ बोलने से बेहतर है कि हम सच्चा रास्ता चुनें। सच्चाई से हमारा दिल साफ रहता है और लोग हम पर भरोसा करते हैं।

सीख: सच्चाई हमेशा विजयी होती है और ईमानदारी से बड़ी कोई ताकत नहीं होती।

7. प्यार से बड़ा कोई धन नहीं - 10 लाइन की कहानी

एक छोटे से गाँव में सीमा नाम की एक माँ अपनी प्यारी बेटी नन्ही के साथ रहती थी। सीमा अपनी बेटी से बहुत प्यार करती थी। वह हमेशा उसका ध्यान रखती, उसे अच्छा खाना खिलाती और उसकी हर जरूरत पूरी करती। सीमा चाहती थी कि नन्ही एक अच्छी और सभ्य लड़की बने।

नन्ही भी अपनी माँ से बहुत प्यार करती थी। वह माँ की बातों को ध्यान से सुनती और उनका सम्मान करती। जब कभी सीमा थक जाती, तो नन्ही उसके लिए पानी लेकर आती या घर के काम में मदद करती। दोनों का रिश्ता बहुत खास था। प्यार की वजह से उनका घर हमेशा खुशियों से भरा रहता था।

एक बार गाँव में एक बड़ा त्यौहार आया। सीमा ने नन्ही के लिए खास कपड़े और मिठाईयां तैयार कीं। नन्ही ने भी अपनी माँ के लिए सुंदर सा तोहफा बनाया। त्यौहार के दिन दोनों ने मिलकर खूब खुशियां मनाईं। इस बीच नन्ही ने समझा कि पैसा या चीज़ें नहीं, बल्कि माँ-बेटी का प्यार ही सबसे बड़ा धन है।

सीख ये है कि चाहे हमारे पास कितने भी पैसे हों, लेकिन अगर हमारे रिश्तों में प्यार नहीं तो हम कभी खुश नहीं रह सकते। प्यार से बड़ा कोई धन नहीं होता।

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लेखक के बारे में

सूरज बढ़ई

लिक्स्कार्ट डॉट कॉम में सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर और संस्थापक हैं। खुद की ब्लॉग से करियर की शुरुआत हुई।

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