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Top 10 Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

Top 10 Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

Moral Stories on Respecting Elders in Hindi: प्रिय पाठकों, आपको यह जानकर खुशी होगी कि बड़ों के प्रति सम्मान की महत्ता को सिखाने के लिए अन्य भी एक अद्वितीय और मजेदार माध्यम हैं – Moral Stories। ये कहानियाँ हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाती हैं और हमें बड़ों के प्रति सम्मान की अहमियत को समझाती हैं।

इस लेख में, हम आपको बताएंगे Top 10 Moral Stories on Respecting Elders in Hindi जिनके माध्यम से आप अपने बच्चों को बड़ों के प्रति सम्मान की शिक्षा दे सकते हैं। ये कहानियाँ आपके बच्चों को एक अद्वितीय और मनोरंजक तरीके से बड़ों के प्रति सम्मान का महत्त्व बताएंगी और उन्हें जीवन के मूल्यों का आदर्श बनाने में मदद करेंगी।

बड़ों के प्रति सम्मान की शिक्षा हमारे समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ये स्टोरीज़ हमें यह बताती हैं कि बड़े लोगों के साथ भलाई बाँटने, उनकी सलाह सुनने, उनकी सेवा करने, उनके बोलने की आदत डालने और उनका सम्मान करने का महत्त्व हमारे जीवन में कैसे आवश्यक होता है। इन कहानियों के माध्यम से हम अपने बच्चों को एक संस्कृत और समझदार समाज का निर्माण करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। तो आइए पढ़ते है.

Table of Contents

    Short Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

    कहानी 1: बुजुर्गों का सम्मान

    एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में राम नामक एक बच्चा रहता था। वह गरीबी के कारण अपने माता-पिता के साथ बड़े मकान में नहीं रह सकता था। एक दिन, राम ने देखा कि उसके गांव में एक गुरु आये हुए हैं। गुरु ने लोगों को बड़े समय तक योग और ध्यान की शिक्षा दी। राम ने भी इस शिक्षा का लाभ लेने का फैसला किया। गुरु के आदेश पर, राम ने गुरु की सेवा करना शुरू की।

    गुरु की सेवा करते समय, राम को पता चला कि उसके माता-पिता भी उसी गुरु के बच्चे थे। यह समझने के बाद से, राम ने अपने माता-पिता का बहुत सम्मान किया और उनकी सेवा की। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।

    कहानी 2: श्रद्धा की महिमा

    एक गांव में रहने वाला राजू एक बहुत ही नादान बच्चा था। वह अपने बड़े भाई की बात नहीं मानता था और हमेशा उनसे जगड़ता रहता था। एक दिन, उसके भाई ने उसे बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने बड़े और वृद्ध लोगों की श्रद्धा करनी चाहिए। यह सुनकर राजू को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह अपने बड़े भाई के आदेशों का पालन करने लगा। उसके भाई के प्रति श्रद्धा दिखाने के बाद से, राजू के जीवन में बहुत सुख और समृद्धि आयी। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपने बड़ों की श्रद्धा करनी चाहिए।

    कहानी 3: बच्चे का अदालती ज्ञान

    एक बार की बात है, एक गांव में एक बच्चा अपने दोस्त के साथ खेल रहा था। उन्होंने एक पेड़ की पत्ती तोड़ी और वृद्ध आदमी के सामने फेंक दी। उसके दोस्तों ने हंसते हुए कहा, “अरे वह तो आदमी तेरे पापा हैं!” बच्चा जब गलती समझा, तो वह आदमी के पास गया, माफी मांगते हुए। वृद्ध आदमी ने उसे आशीर्वाद दिया और उसे समझाया कि हमेशा बड़ों का सम्मान करना चाहिए। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें आदर्श और वृद्ध लोगों की सेवा करनी चाहिए।

    कहानी 4: दादी मां की ममता

    एक बहुत ही बड़ी सड़की जंगल में एक छोटे से गांव में एक बच्ची रहती थी। उसकी माता-पिता उसके बड़े भाई की शादी में गए हुए थे, इसलिए उसे दादी मां के पास रहना पड़ा। दादी मां ने उसे पूरी ममता और प्यार से पाला। जब उसके माता-पिता वापस आए, तो वह उनकी देखभाल के लिए आभार व्यक्त करती है। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपने पुराने लोगों की सम्मान करनी चाहिए।

    कहानी 5: श्रद्धा और सेवा का महत्व

    एक गांव में रहने वाला मोहन अपने माता-पिता की सेवा के बिना रहने लगा। वह उनके आदेशों का पालन नहीं करता था और उनसे बदसलूकी करता था। एक दिन, मोहन ने अपने बड़े भाई से सलाह मांगी और उसके आदेशों का पालन करने का फैसला किया। जैसे-जैसे मोहन ने सेवा और श्रद्धा दिखाई, उसके जीवन में सुख और समृद्धि आयी। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए।

    कहानी 6: बुजुर्ग की सम्मान

    एक गांव में रहने वाला राजू बहुत ही नादान था। वह हमेशा बड़े भाई की बात नहीं मानता था और उनसे झगड़ता रहता था। एक दिन, राजू ने एक बुजुर्ग व्यक्ति को बिना सलाम के गुजरते हुए देखा। बुजुर्ग व्यक्ति ने राजू को आदेश दिया कि वह बुजुर्गों की सम्मान करने की शिक्षा लेने के लिए बड़े भाई से सीखे। इससे राजू ने अपनी गलती समझी और उसने बड़े भाई की सम्मान करनी शुरू की। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।

    कहानी 7: आदर्श नाते

    एक बहुत ही गरीब गांव में रहने वाला राजू अपने दादा-दादी के साथ रहता था। उसके दादा-दादी उसे बहुत प्यार करते थे और हमेशा उसके अच्छे भविष्य की कामना करते थे। एक दिन, राजू को अपने दोस्त ने कहा कि वे दादा-दादी को छोड़कर अपने माता-पिता के साथ रहना चाहते हैं। राजू ने अपने दादा-दादी के प्यार को समझा और उनकी सेवा करने का फैसला किया। उसके बाद से, राजू ने अपने दादा-दादी की सेवा की और उनका सम्मान किया। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए।

    कहानी 8: आदर्श बेटा

    एक गांव में एक बड़े व्यापारी की एक सुंदर सी बेटी रहती थी। उसकी बेटी बहुत ही निपुण और प्रतिभाशाली थी। एक दिन, उसके पिता ने एक गरीब वृद्ध को उनके पास बुलाया। बेटी ने उनकी सेवा की और उनका सम्मान किया। इसके बाद से, उसके पिता ने उसे बड़े व्यापारी का अदार्श बेटा माना और उसका आशीर्वाद दिया। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपने पुराने लोगों की सेवा करनी चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए।

    कहानी 9: वृद्ध की सीख

    एक बड़ी शहर में एक युवा लड़का रहता था। उसे बहुत गर्व था और वह हमेशा बुजुर्गों को अपमानित करता था। एक दिन, उसने एक वृद्ध आदमी को बड़े गर्व से देखा। वह आदमी ने उसे सिखाया कि बुजुर्गों की सम्मान करना और उनसे सीखना कितना महत्वपूर्ण है। इससे युवा लड़का ने अपनी गलती समझी और उसने बुजुर्गों की सम्मान करनी शुरू की। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।

    कहानी 10: प्रेम और आदर्श

    एक बड़े शहर में एक युवक और एक वृद्ध आदमी एक ही बस में सवार हुए। यात्रा के दौरान, युवक ने बड़े गर्व से बस की सीट पर बैठ लिया और वृद्ध आदमी को खड़ा होने के लिए कहा। वृद्ध आदमी ने धैर्य से उसे समझाया कि प्रेम और आदर्श के साथ सभी को सम्मान करना चाहिए। युवक ने अपनी गलती समझी और उसने वृद्ध आदमी से माफी मांगी। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें सभी को प्रेम और आदर्श के साथ सम्मान करना चाहिए।

    ये थीं 10 Moral Stories on Respecting Elders in Hindi जो बुजुर्गों का सम्मान करने के बारे में हैं। उम्मीद है कि ये कहानियां आपको पसंद आएंगी और आपको इनसे सबक मिलेगा।

    Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

    आदरणीय पाठकों के लिए, आज की भागदौड़ भरी दुनिया में, हमारे भारतीय संस्कृति में बड़ों के प्रति सम्मान और आदर्शों का महत्व अभी भी बहुत महत्वपूर्ण है। बड़े लोगों के प्रति सम्मान दिखाना हमारी संस्कृति और मूल्यों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे हमें नई पीढ़ी को सिखाना चाहिए। एक अच्छा तरीका इसे सिखाने का है मोरल स्टोरीज़ का प्रयोग करना।

    मोरल स्टोरीज़ एक ऐसा माध्यम हैं जिसके माध्यम से हम अपनी आदतों, आचार और विचारधारा को सुधार सकते हैं। बचपन से ही हमें इन मोरल स्टोरीज़ के माध्यम से बड़ों के प्रति सम्मान का महत्व समझाया जाता है। ये कहानियाँ हमें दिखाती हैं कि बड़े लोगों की सेवा करने, उनके बोलों को मानने और उनकी सलाह को ध्यान से सुनने का महत्व होता है।

    बड़ों की सेवा और सम्मान करना हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण गुण है, जो हमें संबंधों को मजबूत बनाने और संघर्षों को कम करने में मदद करता है। बड़ों के प्रति सम्मान और आदर के माध्यम से हम उनके अनुभव और ज्ञान से लाभान्वित हो सकते हैं और अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।

    इस लेख के माध्यम से, हम आपको 10 ऐसी मोरल स्टोरीज़ प्रस्तुत करेंगे जो बड़ों के प्रति सम्मान के महत्व को बढ़ाने के लिए संदेश प्रदान करेंगी। ये कहानियाँ हमें सिखाएंगी कि कैसे हम अपने जीवन में बड़ों की सेवा, आदर और सम्मान को अपना सकते हैं और एक सदैव समृद्ध और सात्विक जीवन जी सकते हैं।

    कहानी 1: बुजुर्ग की सम्मान – Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

    एक छोटे से गांव में रहने वाला राजू एक बहुत ही नादान और बड़माश बच्चा था। वह हमेशा अपने बड़े भाई की बात नहीं मानता था और उनसे झगड़ता रहता था। उसके माता-पिता ने कई बार उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन राजू को बुजुर्गों का सम्मान करने का ख्याल ही नहीं था।

    एक दिन, राजू बाजार में घूम रहा था, तभी उसने एक बुजुर्ग व्यक्ति को बिना सलाम के गुजरते हुए देखा। वह व्यक्ति बहुत ही सजग और संतुलित दिख रहा था। राजू के दिल में अचानक एक सवाल उठा – क्या बुजुर्गों का सम्मान करना सही है या नहीं?

    वह व्यक्ति राजू के पास आया और उससे विनती करने लगा, “बेटा, आप अपने बड़े भाई की तरह बुजुर्गों का सम्मान करना सीखिए। ये आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।” उसके शब्दों से राजू को एक अच्छी सीख मिली।

    इसके बाद से, राजू ने अपने बड़े भाई को समझा और उसकी सलाह सुनने का निर्णय लिया। वह उनकी बातों पर ध्यान देने और उनका सम्मान करने की कोशिश करने लगा। बदलते समय के साथ, राजू बहुत ही संयमित और सभ्य व्यक्ति बन गया। उसने बुजुर्गों की सम्मान करने का महत्व समझ लिया और उनके आदेशों का पालन करने के साथ-साथ उनकी सेवा करना भी शुरू कर दिया। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए।

    कहानी 2: आदर्श नाते – Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

    एक छोटे से गांव में एक बहुत ही गरीब परिवार रहता था। उनके परिवार में राजू नामक बेटा था, जो बहुत ही निपुण और प्रतिभाशाली बच्चा था। राजू के माता-पिता ने उसे हमेशा पढ़ाई में समर्पित होने की सलाह दी और उसे बड़ी उम्मीदें रखीं। वे उसे दिन-रात मेहनत करते हुए देखना चाहते थे, कि उसका भविष्य उज्ज्वल हो और वह उनकी इच्छाओं को पूरा करेगा।

    एक दिन, राजू के एक दोस्त ने उसे अपने घर बुलाया और कहा, “राजू, तुम अपने दादा-दादी की सेवा करने के लिए समय निकालो। उन्हें खुश रखना तुम्हारा कर्तव्य है।” राजू ने अपने दोस्त के शब्दों को समझा और उनकी सेवा करने का फैसला किया।

    उसके बाद से, राजू ने दादा-दादी की देखभाल की और उनकी सेवा की। उसने उनकी सुविधा के लिए सब कुछ किया और उन्हें खुश रखने का पूरा प्रयास किया। उसकी यह नेक कार्यशीलता उसके माता-पिता को गर्व महसूस होती थी और वे उसे अपने दामाद-दामादी की उदाहरण मानते थे। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए।

    कहानी 3: आदर्श बेटा – Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

    एक गांव में एक बड़े व्यापारी की एक सुंदर सी बेटी रहती थी। वह बेटी बहुत ही निपुण और प्रतिभाशाली थी। उसके पिता ने एक दिन एक गरीब वृद्ध को उनके पास बुलाया। वृद्ध आदमी बहुत थका हुआ और बहुत ही दुखी दिख रहा था। वह बिना ठहरे उसके सामने खड़ा हो गया और अपनी मदद की अपेक्षा करने लगा।

    बेटी ने उसे ध्यान से सुना और उसे बिना किसी संकोच के आगे आने के लिए कहा, “आप मेरे आदर्श हो। मुझे आपकी सहायता करने का अवसर मिलने पर मुझे खुशी हो रही है।” उसने उस वृद्ध आदमी की सेवा की, उसे खाना खिलाया और उसे आराम करने की सुविधा दी। उसकी इस नेक कार्यशीलता ने उसके पिता को गर्व महसूस होता था। वे उसे अपनी बेटी की आदेशों के सम्मान में रखते थे और उसे उत्तेजित करने के लिए उसकी सराहना करते थे। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें बड़ों की सुनना चाहिए और उनके संदेशों का पालन करना चाहिए।

    कहानी 4: परोपकारी संबंध – Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

    एक गांव में एक बहुत ही छोटा सा घर रहता था, जहां एक युवा लड़का और एक बुजुर्ग आदमी एक साथ रहते थे। लड़के की आदत थी कि वह बुजुर्ग आदमी की बातें सुनने की कभी ध्यान नहीं देता था और उसकी बातों को मजाक में लेता था।

    एक दिन, उस छोटे घर में अचानक एक दिक्कत आ गई। घर के बाहर बड़ी बारिश हो रही थी और घर की छत टूट गई। लड़का बहुत परेशान हो गया और निराश होकर बिना कुछ सोचे उस बुजुर्ग आदमी की ओर देखने लगा। उसने कहा, “आप बहुत ही बुद्धिमान हैं, कृपया मेरी मदद कीजिए।”

    बुजुर्ग आदमी ने उसकी इस अपरिहार्य स्थिति को समझा और उसकी मदद करने के लिए तत्पर हो गए। वे जोर-जोर से काम करने लगे और छत को ठीक कर दिया। लड़का देखकर हैरान हो गया और अपनी गलती को समझा। उसने बुजुर्ग आदमी से माफी मांगी और उसकी सम्मान की। वह अपनी आदत सुधारने का वचन दिया और उसकी सेवा करने की शपथ ली। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें दूसरों की सुनना चाहिए और उनकी सहायता करनी चाहिए।

    कहानी 5: परमेश्वर का स्वरूप – Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

    एक छोटे से गांव में एक बहुत ही पवित्र संत रहते थे। उनके पास बहुत से शिष्य थे और वे अपनी शिष्यों को संतान की तरह प्यार और सम्मान देते थे। वे हमेशा यह सिखाते थे कि परमेश्वर सभी में होते हैं और सभी को सम्मान की आदत रखनी चाहिए।

    एक दिन, उनका एक शिष्य उनके पास आया और पूछा, “गुरुजी, कैसे पता चलेगा कि परमेश्वर कहां होते हैं?” संत ने मुस्कराते हुए कहा, “बेटा, परमेश्वर हर जगह होते हैं। उन्हें तुम अपने आस-पास देख सकते हो।”

    उसके बाद, संत ने शिष्य को अपने पास बुलाया और एक बगीचे में ले गए, जहां वे अनेक पेड़-पौधों के पास खड़े हो गए। संत ने कहा, “इन पेड़-पौधों को देखो, बेटा। क्या तुम्हें लगता है कि परमेश्वर इस बगीचे में हैं?” शिष्य ने समझा कि संत का मतलब दरबारी जगह नहीं है, बल्कि परमेश्वर हर जगह हो सकते हैं।

    इसी तरह, संत ने अनेक स्थानों में शिष्य को ले जाकर दिखाया कि परमेश्वर हर जगह मौजूद हैं, चाहे वह पवित्र मंदिर हो या आम बाजार। वे शिष्य को सिखाते थे कि हमें हर व्यक्ति को सम्मान देना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति परमेश्वर का स्वरूप हो सकता है।

    कहानी 6: परम्परा का महत्व – Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

    एक गांव में एक बहुत ही सदियों से चली आ रही परंपरा थी। इस परंपरा के अनुसार, बड़े लोगों की सेवा और सम्मान करना अत्यंत महत्वपूर्ण था। एक छोटे से लड़के ने इस परंपरा के बारे में अवगत होते हुए अपने पिता से पूछा, “पिताजी, हमें बड़ों की सेवा क्यों करनी चाहिए?”

    पिता ने एक गहरे विचार में पड़कर कहा, “बेटा, बड़ों की सेवा करना हमें अपनी संस्कृति और मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा बनाए रखने में मदद करता है। बड़ों की अनुभूति, ज्ञान, और अनुभव हमें गुरु बनाती हैं और हमें सही मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। इसके साथ ही, बड़ों की सेवा करना हमें समझदारी, न्याय और सम्मान की आदत देता है।”

    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें परंपरा और सभ्यता का सम्मान करना चाहिए और बड़ों की सेवा करना वह संस्कृति का हिस्सा है जो हमें मानवता की मूल्यों को समझने में मदद करती है।

    कहानी 7: अनुशासन का महत्व – Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

    एक छोटे से गांव में एक पुराने समय का एक सम्मानित वृद्ध रहते थे। वे एक दिन अपने छात्र से पूछा, “क्या तुम अनुशासन के बारे में जानते हो?”

    छात्र ने ध्यानपूर्वक सुना और उसने कहा, “अनुशासन संप्रभुता और व्यवस्था का पालन करना है। यह हमें समय पर काम करना, आदर्शों को मानना और नियमों का पालन करने के लिए सिखाता है।”

    वृद्ध ने मुस्कराते हुए कहा, “बेटा, अनुशासन व्यक्ति को संयमित, समर्पित और उद्यमी बनाता है। यह हमें अपने कर्तव्यों को ध्यान में रखने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। अनुशासन बड़ों का आदर करने, समय की महत्वा समझने और स्वयं को संयमित रखने की सीख देता है।”

    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अनुशासन को अपनाना चाहिए और नियमों का पालन करने के लिए समर्पित होना चाहिए। यह हमें एक संयमित और सफल जीवन जीने में मदद करता है।

    कहानी 8: श्रद्धा की महिमा – Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

    एक गरीब लड़का अपने गांव के प्रमुख वृद्ध संत के पास गया और पूछा, “स्वामीजी, क्या श्रद्धा की महिमा है?”

    संत ने प्रसन्नतापूर्वक कहा, “बेटा, श्रद्धा एक आदर्श गुण है जो हमें ईश्वर में विश्वास रखने, और उसकी सेवा और पूजा करने के लिए प्रेरित करता है। यह हमें नेक कर्मों करने, धार्मिकता और आदर्शों का पालन करने के लिए सिखाता है।”

    संत ने लड़के को अपने वृक्षों के पास ले जाया, जहां उन्होंने एक छोटे से पौधे को दिखाया। संत ने कहा, “बेटा, देखो इस पौधे को। इसे थोड़ा सा पानी और संयम से रखने से यह वृद्धि करेगा। उसी तरह, तुम्हें भी अपनी श्रद्धा को पानी की तरह पोषित रखना चाहिए और उसे अपने जीवन की हर क्रिया में लागू करना चाहिए।”

    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें श्रद्धा और धार्मिकता का आदर करना चाहिए और ईश्वर में विश्वास रखने के लिए प्रेरित होना चाहिए। यह हमें आदर्शों के साथ एक नेक और सच्चे जीवन जीने में मदद करता है।

    कहानी 9: सेवा की महत्व – Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

    एक दिन, एक लड़का ने अपने पिता से पूछा, “पिताजी, क्या हमें बड़ों की सेवा क्यों करनी चाहिए?”

    पिता ने उसे एक छोटी सी कथा सुनाई: “एक गांव में एक बुजुर्ग व्यक्ति रहते थे। वह गांव के लिए बहुत महत्वपूर्ण थे। उन्होंने सबकी सेवा की और हमेशा लोगों की मदद की। एक दिन वह गांव के गोलू नामक बच्चे के पास गए और पूछा, ‘गोलू, तू मुझसे क्या चाहता है?’

    गोलू ने उत्साह से कहा, ‘धन्यवाद दादा! मुझे एक गुड़िया चाहिए, जैसी की मेरी दूसरी गुड़िया है।’

    बुजुर्ग व्यक्ति ने स्मिति लिए कहा, ‘ठीक है, लेकिन तू एक शर्त के साथ मुझसे गुड़िया मांग सकता है। शर्त यह है कि तू अपनी पहली गुड़िया मुझे दे दे।’

    गोलू ने थोड़ी समय सोचा और फिर अपनी पहली गुड़िया बुजुर्ग व्यक्ति को सौंप दी। उसके बाद उसे उसकी दूसरी गुड़िया मिली।”

    पिता ने कहा, “बेटा, बुजुर्ग व्यक्ति ने तुम्हें यह सिखाया कि सेवा करने के लिए हमें अपनी आपगति की परवाह नहीं करनी चाहिए। सेवा करने से हमें बड़े आत्मसम्मान और आनंद मिलता है।”

    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें दूसरों की सेवा करने की आदत डालनी चाहिए। सेवा करने से हम न केवल दूसरों की मदद करते हैं, बल्कि खुद को भी संतुष्ट और पूर्ण महसूस करते हैं।

    कहानी 10: समझदारी का महत्व – Moral Stories on Respecting Elders in Hindi

    एक गांव में एक बुजुर्ग शिक्षक रहते थे। उन्होंने हमेशा अपने छात्रों को समझदारी और ज्ञान के महत्व के बारे में सिखाया। एक दिन, उनके पास एक बच्चा गांव के अंधेरे में जा रहा था।

    बुजुर्ग शिक्षक ने उसे रोका और पूछा, “बच्चा, क्या तुम अंधेरे में चलने के बारे में सोचकर क्यों नहीं रुक रहे हो?”

    बच्चा ने कहा, “मुझे रास्ता नहीं पता, इसलिए मैं अंधेरे में ही चल रहा हूँ।”

    बुजुर्ग शिक्षक ने एक दीपक जलाकर बच्चे के सामने रखा और कहा, “देखो बच्चा, अब तुम्हें रास्ता दिखाई दे रहा है। समझदारी का उपयोग करके तुम अपने लक्ष्य की ओर चल सकते हो।”

    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें समझदारी का उपयोग करके अपने जीवन के निर्णयों को लेना चाहिए। समझदारी हमें सही रास्ता दिखाती है और हमें अंधकार से बाहर निकलने में मदद करती है।

    यहीं पर कहानियों का समापन होता है। हर कहानी अपने तरीके से हमें नेक कार्यों की महत्वपूर्णता सिखाती है और हमें यह बताती है कि हमें बड़ों की सेवा करनी चाहिए, दूसरों की मदद करनी चाहिए और सभी का सम्मान करना चाहिए।

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    लेखक के बारे में

    सूरज बढ़ई

    लिक्स्कार्ट डॉट कॉम में सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर और संस्थापक हैं। खुद की ब्लॉग से करियर की शुरुआत हुई।

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