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The Moral Stories in Hindi For Kids | बच्चों के लिए मोरल स्टोरीज, इससे मिलेगा सिख

The Moral Stories in Hindi For Kids | बच्चों के लिए मोरल स्टोरीज, इससे मिलेगा सिख

Short Stories in Hindi with Moral for Kids: एक छोटा बच्चा हमेशा कहानी पसंद करता है। बात जब Hindi Stories in Short की आती है तो सबको अपना बचपन याद आता है, बचपन में हर इंसान को कोई न कोई कहानी सुनाई जाती रही है। कहानी सुनना अच्छा लगता है जब Short Inspirational Stories in Hindi में कुछ दिलचस्प भूमिका और सिख मिलते हैं।

जब भी बचपन में या बच्चों को कुछ कहानियाँ सुनाई जाती हैं, तो उन्हें कुछ न कुछ सिखाया जाता है। हिंदी में 100+ Short Stories in Hindi हैं जिन्हें बच्चों को बताकर सीधी शिक्षा दी जा सकती है। वही Short Hindi Story बच्चों के दिमाग को तेज कर सकती है। क्योंकि ऐसी कहानी में बहुत सारी बुद्धि, चतुराई और अच्छा ज्ञान प्राप्त होता है।

यहाँ पर कुछ ऐसे ही रोचक कहानियाँ और Story in Hindi With Moral दिया गया है जिसे आप बच्चो को सूना सकते है. Very Short Stories बच्चो के लिए ही होता है. यह कहानियाँ पढने से बच्चे हो या बढ़े इससे कुछ अच्छी सिख मिलती है. जिससे आगे क्या करना इसके लिए सही दिशा मिलता है या भविष्य में अपनी होने वाले गलतियों को सुधार सकते है.

कहानियाँ कई प्रकार के होते है. जैसे Short Stories in Hindi, Long Stories in Hindi, Moral Stories Hindi, Hindi Story for Kids आदि. वही यदि Hindi Stories की केटेगरी के बात करे या ऐसे Best Hindi Stories को देखे तो इस तरह की कहानियाँ ज्यदा पढ़े जाते है.

जैसे राजा-रानी की कहानी, शेर-शेरनी की कहानी, भूत-प्रेत की कहानी, बच्चों की लोरियां, प्यासा कौवा की कहानी, चन्दा-मामा की कहानी, पक्षियों की कहानी, भयानक या डरानेवाले कहानी, प्रेरणादायक कहानियां, प्रेरक कहानियां आदि.

बच्चो को एक बेहतरीन कहानी सुनाने के लिए आप निचे दिए गए कहानी पढ़ सकते है. इसके अलेवा इस लेख में हमने कुछ Hindi Stories Video को भी जोड़ा है जिससे बच्चो को ये कहानियाँ सुनाने में कोई परेशानी नहीं होगी.

Table of Contents

    1. लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी की कहानी: Moral Stories in Hindi in Short for Kids

    एक समय की बात है एक जंगल के पास एक लकड़हारा रहता था. वो जंगल से लकड़ी इकठ्ठा करता था और उन्हें बाज़ार में बेचता था.

    जब वह एक पेड़ काट रहा था, तभी गलती से उसकी कुल्हाड़ी पास की नदी में गिर गई. नदी बहुत ज्यादा गहरी थी. उसने बहुत प्रयास किया कुल्हाड़ी को खोजने की, लेकिन उसे वो नहीं मिली. अब उसे लगा की उसने कुल्हाड़ी खो दी है, तो लकड़हारा वहीँ दुखी होकर नदी के किनारे बैठकर रोने लगा.

    उसके रोने की आवाज सुनकर नदी के भगवान उठे और उस लकड़हारे से पूछा कि क्या हुआ. लकड़हारा ने उन्हें अपनी दुखद कहानी बताई. नदी के भगवान ने उसकी मदद करने की सोची.

    वो नदी में गायब हो गए और एक सुनहरी कुल्हाड़ी वापस लाया, लेकिन लकड़हारे ने कहा कि यह उसका नहीं है. वो फिर से गायब हो गए और अब की बार उन्होंने चांदी की कुल्हाड़ी लेकर वापस आये, लेकिन इस बार भी लकड़हारे ने कहा कि ये कुल्हाड़ी उसका नहीं है।

    अब नदी के भगवान पानी में फिर से गायब हो गए और अब की बार वो एक लोहे की कुल्हाड़ी के साथ वापस आ गए. लकड़ी का कुल्हाड़ी देखकर लकड़हारा मुस्कुराया और कहा कि यह उसकी कुल्हाड़ी है.

    नदी के भगवान ने लकड़हारे की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे सोने और चांदी की दोनों कुल्हाड़िया भेंट के रूप में दिया.

    प्रश्न: इस कहानी से क्या शिख मिलती है?

    उत्तर: हमने इस कहानी से यह शिखा की ईमानदारी ही सर्वोत्तम नीति है.

    2. कहानी “प्यासा कौवा” का: The Moral Stories in Hindi

    एक समय की बात है एक जंगल में भीषण गर्मी पड़ी थी। जिस वजह से पूरा जंगल सूख चूका था और पानी का एक कतरा भी नहीं बचा था।

    सभी जानवर, पक्षी प्यासे थे और पानी पीने के लिए तड़प रहे थे। उसी जंगल में एक कौआ भी रहता था जो बहुत ही प्यासा था। सुबह से पानी ढून्ढ रहा था पर उसको एक बूँद पानी भी नहीं मिला.

    Moral Story of Thirsty crow in Hindi
    कड़ी मेहनत से दिनभर इधर उधर घूमा तो कही जाके उसे एक घड़ा दिखाई दिया। वह घड़ा बहुत ही गहरा था और उसमे थोड़ा सा पानी था। साथ ही घड़े का मुँह भी छोटा था। कौआ काफी प्रयास कर रहा था फिर भी चोंच पानी तक नहीं पहुँच पा रही थी।

    तब उसने हिम्मत नहीं हारी और प्रयास करता रहा, सोचता रहा, अचानक उसे एक उपाय सूझा। कौआ ने पास ही पड़ा पत्थर के कुछ टुकड़े देखे। कौआ एक एक पत्थर उठाने लगा और घड़े में डालता गया।

    और उसे सफलता मिली, पानी अब धीरे धीरे ऊपर आने लगा। सफलता देख कौए ने लगातार पत्थर डाला. पानी अब काफी ऊपर आ चूका था, कौए की चोंच वहाँ तक पहुँच गई।

    अंत में कौए ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई, खुद के प्रयास को सराहा और वहां से उड़ गया।

    प्रश्न: इस कहानी से क्या शिख मिलती है?

    उत्तर: हमने इस कहानी से यह शिखा की समय कितना भी बुरा हो थोड़ा दिमाग लगाएंगे और थोड़ा सा मेहनत करें, तो हर परेशानी का हल संभव है.

    3. दो मेंढ़कों की कहानी: Hindi Moral Story Short

    एक बार मेंढकों का एक दल पानी की तलाश में जंगल में घूम रहा था। अचानक, समूह में दो मेंढक गलती से एक गहरे गड्ढे में गिर गए।

    दल के दूसरे मेंढक गड्ढे में अपने दोस्तों के लिए चिंतित थे। गड्ढा कितना गहरा था, यह देखकर उन्होंने दो मेंढकों से कहा कि गहरे गड्ढे से बचने का कोई रास्ता नहीं है और कोशिश करने का कोई मतलब नहीं है।

    वे लगातार उन्हें हतोत्साहित करते रहे क्योंकि दो मेंढक गड्ढे से बाहर कूदने की कोशिश कर रहे थे। वो दोनों जितनी भी कोशिश करते लेकिन सफल नहीं हो पाते।

    जल्द ही, दो मेंढकों में से एक ने दूसरे मेंढकों पर विश्वास करना शुरू कर दिया – कि वे कभी भी गड्ढे से नहीं बच पाएंगे और अंततः हार मान लेने के बाद उसकी मृत्यु हो गई।

    दूसरा मेंढक अपनी कोशिश जारी रखता है और आखिर में इतनी ऊंची छलांग लगाता है कि वह गड्ढे से बच निकलता है। अन्य मेंढक इस पर चौंक गए और आश्चर्य किया कि उसने यह कैसे किया।

    अंतर यह था कि दूसरा मेंढक बहरा था और समूह का हतोत्साह नहीं सुन सकता था। उसने ये सोचा कि वे उसके इस कोशिश पर उसे कूदने के लिए उत्साहित कर रहे हैं और वह बाहर निकल आया.

    प्रश्न: इस कहानी से क्या शिख मिलती है?

    उत्तर: हमने इस कहानी से यह शिखा की दुसरे की राय ना सुने और अपने काम को करते रहे, सफलता आपके कदम चूमेगी.

    4. भूखी लोमड़ी और खट्टे अंगूर की कहानी: Moral Story of Hindi

    एक भूखी लोमड़ी जंगल से होकर गुजर रही थी। रास्ते में अंगूर के लटकते हुए गुच्छों को देखकर लोमड़ी के मुँह में पानी आ गया। वह बोली,”ये अंगूर अवश्य ही मीठे और रसीले होंगे।”

    लोमड़ी ने अंगूर पाने के लिए कई बार ऊँची छलांग लगाई, पर अंगूर उसके हाथ नहीं आए। वह सोच रही थी कि काश! अंगूरों की वेल थोड़ी नीचे होती तो वह आसानी से अंगूर तोड़ लेती या फिर उसका कोई दोस्त ही मिल जाता तो वह उसकी मदद से अंगूर तोड़ पाती।

    उसने दूर-दूर तक नजर दौड़ाई, लेकिन कहीं कोई नजर नहीं आ रहा था। हमेशा पेड़ों पर ही उछल-कूद करने वाला बंदर भी कहीं नहीं दिख रहा था। लोमड़ी ने थोड़ा आराम करके फिर छलांग लगाई।

    इस बार वह पहले से ज्यादा ऊँचा कूदी थी पर फिर भी अंगूर उसके हाथ नहीं लगे। वह बुरी तरह थक चुकी थी। हारकर उसने अंगूर तोड़ने का इरादा यह कहते हुए छोड़ दिया,”अंगूर खट्टे हैं। मैं खट्टे अंगूर नहीं खाती।”

    प्रश्न: इस कहानी से क्या शिख मिलती है?

    उत्तर: हमने इस कहानी से यह शिखा की केवल अच्छी चीजों का लालच करना ठीक है.

    5. मधुमक्खी का डंक: Hindi Stories With Moral in Short

    एक मधुमक्खी थी। वह दिनभर बड़े परिश्रम पूर्वक एक फूल से दूसरे फूल पर जाती और उनका रस चूसती। फिर वह अपने छत्ते पर जाकर उस रस से शहद बनाती। एक दिन उसने सोचा,

    Bee Sting Story in Hindi
    ‘मैं दिनभर मेहनत करती हूँ और फूलों के रस से शहद बनाने के बाद हर समय डर लगा रहता है कि कहीं कोई मेरा शहद न चुरा ले।’ एक दिन मधुमक्खी गुरु बृहस्पति के पास जा पहुँची।

    उन्हें थोड़ा-सा शहद भेंट करके वह बोली, “गुरुवर! कोई भी आकर कड़ी मेहनत से तैयार किया गया मेरा शहद चुराकर ले जाता है। इसलिए कृपा करके आप मुझे एक डंक दे दें, ताकि मैं शहद चुराने वालों को डंक मार सकूँ।”

    यह सुनकर गुरु बृहस्पति को बुरा लगा, लेकिन उन्हें मधुमक्खी को वर देना ही पड़ा। वैसे उन्होंने एक शर्त रख दी, “तुम किसी भी व्यक्ति को डंक मारकर जान से नहीं मारोगी, वरना डंक तुम्हें ही मार देगा।”

    प्रश्न: इस कहानी से क्या शिख मिलती है?

    उत्तर: हमने इस कहानी से यह शिखा की दूसरों का बुरा करना पाप है.

    6. खरगोश और कछुआ की कहानी: Hindi Moral Story Short

    एक दिन खरगोश और कछुए के बीच बहस हो गई की कौन सबसे बेहतर है. तब कछुआ ने कहा “आइए आज रेस करें और देखें कि कौन जीतेगा।” खरगोश कछुआ पर हँसा और कहा, “तुम मेरे खिलाफ जीतोगे?” “चलो दौड़ लगाये।” दौड़ शुरू होते ही खरगोश तेजी से दौड़ा और कछुआ धीरे-धीरे चलता रहा।

    रास्ते में एक पेड़ के पास बहुत घास थी। खरगोश ने सोचा कि कछुआ बहुत पीछे है और वह जल्दी से जाकर घास खा जाएगा। और वह खाने लगा। खाना खाने के बाद उसे नींद आने लगी। वह उसी पेड़ के नीचे सो गया।

    कछुआ धीरे-धीरे खरगोश के पास पहुंचा। लेकिन कछुआ स्मार्ट था। वह खरगोश को नहीं जगाया और आगे बढ़ता रहा। खरगोश सोता रहा। कछुआ अंत में फिनिश लाइन पर पहुंच गया। उसके बाद, खरगोश यह सोचकर उठा, “कछुआ बहुत पीछे होगा”

    खरगोश आगे की ओर दौड़ा और कछुआ को पहले से ही देख कर चौंक गया। वह बहुत शर्मिंदा था और खेद महसूस करता था क्योंकि कछुआ जीत गया था, भले ही खरगोश तेज था। लेकिन कछुआ अपनी इच्छा शक्ति या शक्ति खोए बिना विजय की ओर आगे बढ़ता रहा और जीत हासिल किया.

    प्रश्न: इस कहानी से क्या शिख मिलती है?

    उत्तर: हमने इस कहानी से यह शिखा की कभी हार मत मानो। धीरे-धीरे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए इससे हम कभी नहीं हारेंगे और लक्ष्य को प्राप्त करेंगे.

    7. शेर और चूहा की कहानी: In Hindi Short Story in Moral

    हम सभी जानते हैं कि शेर जंगल का राजा होता है। एक बार एक शेर गहरी नींद में सो रहा था कि एक छोटा चूहा उसके ऊपर-नीचे दौड़ा। इसने शेर को जगा दिया। वह गुस्से में था और उसने अपने विशाल पंजे से चूहे को पकड़ लिया। फिर उसने उसे निगलने के लिए अपना बड़ा मुँह खोला।

    “कृपया मुझे क्षमा करें, हे जंगल के राजा”, छोटा चूहा रोया। “मैं आपकी दया को कभी नहीं भूलूंगा। मैं छोटा हो सकता हूं लेकिन कौन जानता है, किसी दिन मैं आपकी किसी तरह की मदद कर सकता हूं। ”

    शेर हँसा और दया करके चूहे को मुक्त कर दिया। कुछ दिनों बाद, शेर एक शिकारी के जाल में फंस गया। वह गर्जना लेकिन व्यर्थ। छोटे चूहे ने सुना और शेर की ओर भागा। तुरंत चूहे ने अपने छोटे दांतों से जाल काटना शुरू कर दिया। जल्द ही शेर मुक्त हो गया और छोटे चूहे को धन्यवाद दिया। इसके बाद, वे दोस्त बन गए।

    प्रश्न: इस कहानी से क्या शिख मिलती है?

    उत्तर: हमने इस कहानी से यह शिखा की मित्र वही जो मुसीबत में काम आए।

    8. दो पत्नियो की कहानी: Story in Hindi Short

    एक व्यक्ति की दो पलियाँ थीं। पहली पत्नी थोड़ी बूढ़ी थी, जबकि दूसरी पत्नी अभी जवान थी। एक दिन दूसरी पत्नी को पति के सिर में कंघी फेरते हुए कुछ सफेद बाल दिखाई दिए।

    उसने सोचा कि यदि लोगों ने मेरे पति के सिर में सफेद बाल देखे तो समझेंगे कि वे बूढ़े हो चले हैं। यह सोचकर उसने पति के सिर से सभी सफेद बाल निकाल दिए।

    दो-चार दिन बाद जब पहली पत्नी ने पति के सिर में सारे बाल काले देखे तो उसे अच्छा नहीं लगा। वह सोचने लगी, ‘इस तरह तो लोग मेरे पति को मेरा बेटा समझेंगे।’

    यह सोचकर उसने पति के सिर से काले बाल निकाल दिए। यह क्रम दो हफ्तों तक चला। एक दिन अचानक पति ने शीशे में अपना चेहरा। देखा तो वह डर गया। दोनों पत्नियों की जिद्द में वह गंजा हो गया था।

    प्रश्न: इस कहानी से क्या शिख मिलती है?

    उत्तर: हमने इस कहानी से यह शिखा की सबको खुश करने की चाह में इंसान अपना नुकसान ही करता है।

    9. डरपोक पत्थर की कहानी: Hindi Moral Stories Short

    बहुत समय पहले की बात है, एक गांव में एक मूर्तिकार रहता था। उसे एक मूर्ति बनाने के लिए पत्थर की आवश्यकता थी। वह पत्थर खोजने के लिए जंगल में चला गया, वहां पर उसे एक अच्छा और सुन्दर सा पत्थर मिल जाता है, वह इस पत्थर को उठाकर अपने साथ अपने घर ले जाने लगता है, जब वह रास्ते में आ रहा होता है, तो उसे एक पत्थर और मिल जाता है, मूर्तिकार उस पत्थर को भी अपने साथ ले जाता है।

    मूर्तिकार अपने औजारों से पत्थर को मूर्ति का आकार देने लगता है। जैसे ही वह पत्थर पर चोट मरता है, पत्थर कहने लगता है, की मुझे छोड़ दो इससे मुझे दर्द हो रहा है, अगर तुम मेरे ऊपर ज्यादा चोट माँरोगे तो में टूट कर बिखर जाऊंगा। इससे मूर्तिकार को उस पर दया आ जाती है, और वह दूसरे पत्थर की मूर्ति बनाने लग जाता है। यह पत्थर कुछ नहीं बोला और कुछ ही समय में मूर्तिकार इस पत्थर को एक भगवान की मूर्ति में बदल देता है।

    मूर्ति बनने के बाद गांव वाले उस मूर्ति को लेने के लिए आते है और वह मूर्ति के पास नारियल तोड़ने के लिए दूसरे पत्थर को भी अपने साथ ले जाते है। गांव वालों ने मूर्ति को मंदिर में रख कर पूजा करते थे और दुरसे निचे रखे पत्थर पर नारियल को फोड़ते थे। इससे पत्थर बहुत परेशान होता था।

    जब भी लोग उस पर नारियल फोड़ते थे, उसको दर्द होता था। इस पर वह पत्थर मूर्ति बने पत्थर से बोलता है, की तुम तो बहुत ही आराम में हो लोग तुम्हारी पूजा करते है और मेरी किस्मत तो बहुत ही ख़राब है। इस बात पर मूर्ति वाले पत्थर ने जबाब दिया की मूर्तिकार तो तुम्हे मूर्ति बनाना चाहता था, लेकिन तुमने दर्द की वजह से इंकार कर तुमने शुरुआत का दर्द सहन नहीं किया और तुमने आराम का रास्ता चुना जिसकी वजह से अब तुम्हे दर्द सहना पड़ रहा है। यह बात उस पत्थर को समझ आ गयी.

    प्रश्न: इस कहानी से क्या शिख मिलती है?

    उत्तर: हमने इस कहानी से यह शिखा की जो व्यक्ति शुरुआत की कठिनाइयों को सामना करके आगे बढ़ जाता है, उसका आने वाला जीवन पूरा सुखमय हो जाता है।

    10. मुर्गी और सोने का अंडा: Short Hindi Story in Moral

    एक बार की बात है. एक किसान था, जिसके पास कई मुर्गियां थी. मुर्गी कई अंडे देते थे. वह अंडे बेचता था और ईमानदारी से जीवन यापन करता था. लेकिन एक दिन किसान को एक ऐसी मुर्गी मिली जो सोने का अंडा देती थी.

    उसने यह देख कहाँ की अब में सोने का अंडा बेचूंगा और इतना पैसा कमाऊंगा. मुर्गी ने सोने के अंडे रोज दिए और किसान इन सुनहरे अंडों को बेचकर धीरे-धीरे अमीर होता गया. हाहाहा.. मैं एक भाग्यशाली आदमी हूं जो हर रोज सोने के अंडे देने वाली मुर्गी है!

    अब मेरे पास सब कुछ है. हाहाहा जल्द ही किसान ने अपने लिए एक आलीशान हवेली खरीदी थी. जैसे-जैसे समय बीतता गया, किसान अमीर होता गया और उसका लालच बिना किसी सीमा के बढ़ता गया। अब वह सबसे अमीर आदमी बनने का सपना देखता है.

    किसान ने मुर्गी को नुकसान पहुंचाने का फैसला किया। किसान मुर्गी के पास गया. आज मेरे सारे सपने सच होंगे! किसान ने बिना समय बर्बाद किए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी को नुकसान पहुंचाया।

    लेकिन मुर्गी के पेट में कुछ भी नहीं मिला। अपने लालच के कारण, उसने अपने प्रिय और वफादार मुर्गी को मूर्खता से नुकसान पहुँचाया है जिसने उसे सारी समृद्धि और आराम दिया है। किसान बहुत दुखी था क्योंकि उसके लालच ने उसे सोने के अंडे देने वाली उसकी प्यारी मुर्गी की कीमत चुकानी पड़ी थी।

    प्रश्न: इस कहानी से क्या शिख मिलती है?

    उत्तर: हमने इस कहानी से यह शिखा की अत्यधिक लालच हमेशा बड़ा नुकसान करता है।

    11. भाई का रुमाल: Story in Hindi in Short

    अजय और बिजय दो भाई थे इन दोनों भाई में से अजय बढ़ा भाई और बिजय छोटा भाई है. अजय और बिजय दोनों एक विधालय में पढ़ते थे. अजय सातवीं कक्षा में पढ़ता था और बिजय पांचवी कक्षा में पढता था. बिजय अपने बढे भाई अजय के साथ स्कूल जाता-आता था.

    दोनों भाई हर वक़्त एक साथ ही खेलते और मौज मस्तिया करता था. इस बिच में अजय और विजय एक बार मेला घुमने के लिए गया था तब बड़े भईया अजय ने अपना मन पसंद एक रुमाल खरीदा था और बिजय ने अपने लिए एक गुब्बारा ले लिया था.

    कुछ घंटे के बाद ही बिजय का गुब्बारा खेलते वक़्त फट गया और बिजय रोने लगा. लेकिन अजय का रुमाल अभी भी उसके हाथ में ही था. अजय बड़े भाई है इसलिए ये बिजय से थोड़ा समझदार और चालाक भी है. अजय अपने रुमाल को हर वक़्त साफ़ सफाई करते रहता है.

    बिजय हमेशा अपने भईया अजय को देखता था की अजय रुमाल को बड़े अच्छे से रखता है. रुमाल थोड़ा गंदा होने से अजय उसे डेंटल और डीटरजेंट पाउडर से धुलाई करके रख देता है. वही जब अजय स्कूल जाता था तब अपने रुमाल को मोड़ कर जेब में ले लेता था.

    अजय अपने रुमाल को बहुत ज्यादा प्यार करता था. कभी भी गंदा होने नहीं देता. हमेशा रुमाल को लेकर चिंतित रहता की रुमाल गंदा ना हो जाए. अजय अपने रुमाल को कैसे रखता है और कितना ख्याल रखता है, ये सब अजय के छोटे भाई बिजय देखता रहता था. लेकिन बिजय को ये सब कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की भईया ऐसा क्यों कर रहा है.

    एक दिन संध्या का समय में बिजय झुला झूल रहा था तभी झुला झूलते वक़्त झुला का रस्सी टूट गया और बिजय झूले से निचे जमीन में गिर गया. झुला से निचे जमीन में गिरते ही बिजय का हाथ और घुटने में चोट लगा गया. घुटने में चोट ज्यादा होने से खून बहने लगा.

    झुला से गिरते ही बिजय रोने लगा. रोने की आवाज़ सुनते ही अजय तुरंत दौड़ा चला आया और देखा की उसका छोटा भाई झुला से जमीन में गिर गया है और काफी चोट लगने की वजह से खून भी बह रहा है. अजय ने एक तनिक भी नहीं सोचा, तुरंत अपना हाथ जेब में डाला और रुमाल निकाल कर बिजय की घाव में बांध दिया.

    बिजय की घाव में रुमाल बांधते ही खून बहना बंद हो गया. इतने में अजय और बिजय की माता पिता भी पहुंच गया और उसे हॉस्पिटल ले गया. हॉस्पिटल लेने के बाद डॉक्टर ने मलहम पट्टी किया और कुछ दवाई दी जिससे कुछ दिन के बाद बिजय का घाव ठीक हो गया और बिजय फिर से खेलने कूदने लगा.

    बिजय ने देखा की उसका भईया का रुमाल अब गंदा हो गया है. अजय जिस रुमाल को साफ़ सफाई करके रखता था. हर वक़्त सफाई का ख्याल रखता था. अपने रुमाल से इतना प्यार करता था. यह रुमाल अब गन्दी हो चुकी है.

    बिजय ने समझा की उसका बड़े भाई उससे कितना प्यार करता है. छोटे भाई के प्यार के सामने वह रुमाल अधिक प्यारा नहीं था.

    प्रश्न: इस कहानी से क्या शिख मिलती है?

    उत्तर: रिस्तो के सामने कोई भी सामान हो वह अधिक प्यारा नहीं होता है.

    12. बहुत दिन बाद घर में आया मेहमान: In Hindi Short Story

    एक बार की बात है, एक शहर के एक छोटे से घर में तीन लोग रहते थे, जिसमें विशाल अपनी पत्नी संगीता और अपनी मां के साथ रहता है। विशाल की शादी को 5 साल हो चुके थे और कई सालों से उनके घर कोई मेहमान नहीं आया था। एक दिन विशाल की पत्नी ने घर की छत पर कपड़े सुखाते हुए मां से पूछा कि उसके परिजन घर क्यों नहीं आते।

    तो मां ने कहां कहा कि वे सभी गांव में रहते हैं और शहर में रहना सभी को पसंद नहीं है। यह सुनकर संगीता फिर से अपना काम शुरू करती है। ऐसे ही कुछ दिन और बीत जाते हैं और एक दिन गाँव से घर में चिट्ठी आती है कि उसका मामा अपनी पत्नी और बच्चे के साथ घर आ रहा है।

    यह सुनकर संगीता बहुत खुश हो जाती है कि उसके घर कई सालों बाद मेहमान आ रहे हैं। चिट्ठी आने के एक हफ्ते बाद मामा अपनी पत्नी और बच्चे के साथ घर आते हैं. घर छोटा होने के कारण विशाल की माँ विशाल का कमरा उसके मामा, मामा और उनके बच्चे को देती है। जिसकी वजह से विशाल और संगीता हॉल के बाहर सोना पड़ता थे।

    घर में मेहमानों के आने से सभी खुश थे, लेकिन कुछ दिन ऐसे ही बीत गए, हर दिन विशाल और संगीता को बाहर सोना पड़ता था। जल्द ही महीना बीत गया। अब विशाल को गुस्सा आ रहा था तो उसने टेरिश में अपनी माँ से पूछा कि क्या चाचा उसके घर नहीं जाएंगे? मैं कब तक हॉल में सोता रहूंगा?

    जहां संगीता ने यह भी कहा कि पहले मुझे बहुत खुशी होती थी कि घर में मेहमान आ गए हैं लेकिन अब वे जाने का नाम नहीं ले रहे हैं. यह सब सुनकर माँ ने कहाँ कि तुम्हारे मामा बहुत दिनों बाद घर आए हैं, अब मैं उन्हें वापस जाने के लिए कैसे कहूँ, यह सब नातेदारी की बात है।

    यह सुन बिशाल ने कहाँ की रुको आज में उनसे पूछ ही लूँगा की वे घर कब जाएंगे. इसके बाद रात के खाने के समय में बिशाल ने मामा से पूछा की, मामा आप काफी दिन से शहर आए है, गाँव में आपका घर खेत कौन संभालेगा, तो मामा ने कहाँ की में तो गाँव में खेत, घर सबकुछ बेच आया हु.

    अब शहर में रहकर कुछ करने की सोच रहा हूं। जिसके लिए मुझे इस शहर को कम से कम 4-5 महीने में समझना है। उसके बाद मैं सोचूंगा कि आगे क्या करना है।

    यह सुनकर संगीता और विशाल मन ही मन गुस्सा कर रहे थे. फिर सबके खाना ख़तम होने के बाद रात को माँ के कमरे में विशाल और संगीता, माँ के साथ बैठ के बाते कर रहे थे की अब क्या किया जाए? तो संगीता ने कहाँ की मेरे पास एक तरकीब है.

    आधी रात को संगीता और विशाल ने भुत और चुड़ैल बनकर मामा-मामी को खूब डराया. जिससे मामा सुबह होते ही कही दुसरे जगह घर किराए में लेने के लिए निकल गए और एक घंटे के भीतर ही सभी घर से चले गए.

    गेस्ट हाउस से निकलने के बाद, विशाल और संगीता को फिर से अपना कमरा मिल गया और वे फिर से खुशी-खुशी रहने लगे।

    Q. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

    Ans: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की कभी भी रिश्ते का गलत फायदा नहीं उठाना चाहिए.

    13. चलाक लोमड़ी: Hindi Stories In Short

    एकबार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक बकरी रहती थी, जिसे हरी-हरी घांस खाना बहुत पसंद था. एक दिन वह बकरी घांस खाते-खाते पास के जंगल में चली गयी. दिन भर वह हरी-हरी घांस खाती रही और उसको समय का पता ही नहीं चला.

    जिससे शाम हो गई और अँधेरे में बकरी घर का रास्ता भूल गई। अंत में कुछ देर चलते हुए वह एक नदी के पास पहुंच गई। बकरी बहुत देर तक चलने के कारण प्यासी थी इसलिए वह नदी के किनारे पानी पीने चली गई और पानी पिया।

    उसने देखा कि नदी के किनारे एक शेर आ रहा है. तभी बकरी ने तरकीब लगाईं, पास में एक पेड़ गिरा हुआ था जो अंदर से खोखला था. उस पेड़ के एक तरफ से बकरी ने ऐसे चिल्लाया की शेर को लगा कि जंगल में कोई बड़ा जानवर आ गया है. यह सोचकर शेर डर के मारे सब कुछ छोड़ कर अपनी गुफा की ओर भागा।

    यह पूरा घटना कुछ ही दूर खड़ा एक लोमड़ी देख रहा था. वह लोमड़ी शेर का मंत्री बनना चाहता था. उसने सोचा की येही सही मौका है. उसके बाद लोमड़ी शेर के गुफा के अंदर गया और शेर को पुरी घटना बताई और कहाँ की यदि आप चाहे तो में बकरी को आपके पास ला सकता हु.

    शेर ने कहा, जितनी जल्दी हो सके बकरी को मेरे पास ले आओ। यह सुनकर लोमड़ी बकरी को कुछ देर बाद शेर के सामने ले आई। शेर ने बकरी से बात की और उसकी चतुराई देखकर बकरी को अपना दोस्त बना लिया।

    अब शेर ने बकरी को जंगल में रहने के लिए एक अच्छी जगह दे दी और हर दिन शेर और बकरी दोनों एक साथ बैठकर खूब बातें किया करते थे। यह देख लोमड़ी जलने लगी। उसने एक विचार सोचा कि क्यों न इन दोनों के बीच लड़ाई हो जाए।

    लोमड़ी ने बकरी को शेर के पास न देखकर शेर से कहा कि बकरी तुमसे दोस्ती का बड़ा ढोंग कर रही है। वह गांव के लोगों को लाकर तुम्हें मारने की योजना बना रही है। मौका मिलते ही वह तुम्हें मार डालेगी।

    यह सुनकर पहले तो शेर ने विश्वास करने से इनकार कर दिया, लेकिन अंत में शेर ने लोमड़ी की बातों को सच मान लिया। अब लोमड़ी फौरन बकरी के पास गई जहाँ शेर सिर्फ तुमसे दोस्ती करने का दिखावा कर रहा है। मौका मिलते ही वह तुम्हें मार कर खा जाएगा।

    यह सुनकर बकरी डर गई और अपने गांव चली गई। फिर लोमड़ी फिर शेर के पास गई और जहां बकरी गांव में अपने लोगों को लाने जा रही है ताकि वे तुम्हें मार सकें। यह सुनकर शेर तेजी से बकरी की ओर दौड़ा और बकरी को पकड़ लिया।

    अंत में बकरी को शेर ने मार डाला और लोमड़ी को उसका मंत्री बनाया गया। इससे लोमड़ी की चाल चली और वह अपनी चाल में कामयाब हो गया।

    Q. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

    Ans: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों की बातों में आकर अपने दोस्त पर कभी शक नहीं करना चाहिए। दोस्त बहुत कीमती होते हैं।

    14. झूट बोलने के कारण परीक्षा में फ़ैल: Hindi Story In Short

    एक शहर में दो दोस्त एक साथ पढ़ते थे। दोनों को पढ़ना पसंद नहीं था। इसलिए दोनों ने खूब मस्ती की। और टीचर से झूठ बोलकर बच जाता था। ऐसे ही कुछ दिन बड़े मजे से गुजर रहे थे।

    कई दिन बीत जाने के बाद उसका परीक्षा सामने आ गया था। लेकिन तब भी दोनों ने पढ़ाई नहीं की। दोनों दोस्त पार्टी करने और मस्ती करने में लगे थे। वह पढ़ाई से इतना दूर भागता था कि परीक्षा के पहले दिन भी वह पार्टी और खेल में व्यस्त रहता था।

    उन दोनों ने सोचा कि कल वे स्कूल जाएंगे और कुछ दिनों बाद शिक्षक को परीक्षा देंगे। रात में पार्टी करने के बाद दोनों सुबह स्कूल पहुंचे। टीचर से मिला और कहा कि कल रात हमारे चाचा की शादी था। जिससे हमें रात हो गई और जब हम अपनी बाइक से घर आ रहे थे तभी हमारी बाइक का टायर पंचर हो गया और हमें बाइक को धक्का देकर घर आना पड़ा.

    7 किमी से पैदल घर आने और बाइक को ऊपर से धक्का देने के कारण हम परीक्षा देने की स्थिति में नहीं हैं। क्या हम बाद में परीक्षा दे सकते हैं?

    टीचर ने कहा कि ठीक है, तुम दोनों कल परीक्षा दे सकते हो। यह सुनकर दोनों दोस्त खुशी-खुशी घर आ गए। अगले दिन जब वे दोनों परीक्षा के लिए गए, तो शिक्षक ने उन्हें परीक्षा देने के लिए अलग-अलग कमरों में बैठाया।

    उन्हें प्रश्न पत्र दिए गए जिसमें केवल दो प्रश्न हैं। पहला प्रश्न आपका नाम क्या है? और दूसरा, कल रात आपकी बाइक का कौन सा टायर पंक्चर हो गया?

    अलग-अलग कमरों में बैठने की वजह से दोनों दोस्तों ने सवाल का अलग-अलग जवाब दिया, दो दोस्तों में से एक ने लिखा कि आगे का टायर और दूसरे ने पीछे का टायर. इससे दोनों दोस्तों का झूठ पकड़ा गया और अंत में दोनों परीक्षा में फेल हो गए।

    Q. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

    Ans: इस कहानी से हमें एक सीख मिलती है कि हमें कभी भी पढ़ाई से दूर नहीं भागना चाहिए, इसे गंभीरता से लेना चाहिए और कभी भी झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए। शिक्षक का हमेशा सम्मान करें।

    15. बिल्ली के गले में घंटी बाँधन: Hindi Story Short

    एक बार की बात है, एक घर में बहुत से चूहे बहुत खुशी से रहते थे। ये सभी बिना किसी डर के जहां चाहें वहां आ सकते हैं। जिसे देख घर का मालिक काफी परेशान हो गया। घर के मालिक ने सोचा कि घर में बिल्ली आ जाएगी तो चूहे भाग जाएंगे।

    घर का मालिक अगले ही दिन एक बिल्ली को घर ले आया। बिल्ली के आते ही वह अपने काम में लग गया। वह खोज कर चूहे को पकड़ कर खा जाती थी। कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। घर के सभी चूहे परेशान हो गए। चूहा जहां भी रहता, बिल्ली आ जाती। जिससे चूहे को बिल से बाहर निकालना मुश्किल हो गया।

    अब चूहों ने आपातकालीन बैठक यानि सभा बुलाई। उस सभा में घर के सारे चूहे इकट्ठे हो गए। बैठक की चर्चा का विषय ‘बिल्ली से छुटकारा कैसे पाएं’ था। सब इस विषय पर सोचने लगे।

    एक चूहा सभा से उठा और बोला, हम बिल्ली के गले में घण्टी बाँध दें तो बिल्ली जहाँ भी जाती है, सब चूहों को पता चल जाता है। तभी एक बूढ़ा चूहा उठा और बोला बेटा, आपने अच्छा सुझाव दिया है। लेकिन कौन सा चूहा बिल्ली के गले में घंटी बांधेगा? यह सुनकर सभी चुप हो गए और सोचने लगे और एक-दूसरे को देखने लगे।

    Q. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

    Ans: यह कहानी हमें सिखाती है कि असंभव कार्य को कहना आसान है लेकिन करना मुश्किल।

    16. मोटा मेंढक और बैल: Story In Hindi With Moral

    एक बार की बात है, एक जंगल में एक मेंढक और उसके तीन बच्चे एक नदी के किनारे रहते थे। मेंढक खाने के बाद बहुत मोटा हो गया था और दूसरे मेंढकों की तुलना में काफी बड़ा लग रहा था। जिससे मेंढक खुद को दुनिया का सबसे बड़ा जानवर मानने लगा।

    वह मोटा मेंढक सबके सामने डींग मारता रहा। एक दिन मोटे मेंढक के बच्चे नदी के किनारे खेल रहे थे। तभी पास के गांव से एक किसान का बैल नदी के किनारे पानी पीने आया। जब वह पानी पी रहा था, मोटे मेंढक के बच्चों ने बैल को देखा।

    उसने बैल के सिर, सींग, बड़ा शरीर और पीछे एक लंबी पूंछ देखी। यह देख सभी डर गए और भाग गए। इस बैल को देखकर सभी बच्चों ने सोचा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा खतरनाक जानवर है।

    जब सब डर के मारे घर पहुंचे तो मोटे मेंढक ने उससे पूछा, ‘क्या हुआ बच्चों, तुम इतने डरे हुए क्यों हो’। ‘तुम दुनिया के सबसे बड़े प्राणी के बच्चे हो, तुम किस बात से डरते हो’। यह सुनकर सभी बच्चों ने मोटे मेंढक को सारी बात बता दी।

    मोटे मेंढक ने यह मानने से इंकार कर दिया कि इस दुनिया में उससे बड़ा कोई हो सकता है। उसने अपने अंदर सांस ली और खुद को फुला लिया और बच्चों से पूछा ‘क्या वह इतना बड़ा है’। बच्चों ने जवाब दिया कि ‘नहीं, वह इससे बड़ा था’।

    मोटा मेंढक यह सुन फिर से अपने अंदर पहले से ज्यादा साँस खिची और उसके बाद बच्चो से पूछा ‘क्या वह इतना बड़ा था’. बच्चो ने फिर से जवाब दिया की ‘नहीं वह इससे भी बड़ा था’.

    मेंढक को गुस्सा आया और वह अपने अहंकार में इस बार और भी ज्यादा साँस अपने अंदर खीचा. लेकिन इस बार वह फट गया.

    Q. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

    Ans: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की घमंड पतन का कारण बनता है।

    17. खुदही करो: Top 10 Moral Stories in Hindi

    एक बार की बात है एक जंगल में एक खरगोश रहता था। उसके कई दोस्त थे और वह सबके साथ बहुत खुश रहता था। वह रोज सभी दोस्तों के साथ बैठकर बातें करता था। एक दिन जंगली कुत्ता जंगल में खरगोशों के पीछे पड़ गया।

    वह यह सोचकर भाग गया कि अब उसके दोस्त उसे बचा सकते हैं। वह पहले हिरण के पास गया। हिरण से कहा कि ‘मेरे पीछे कुछ जंगली कुत्ते पड़े हैं, क्या तुम उन्हें अपने इस तेज सींग से मार सकते हो’। तब हिरण ने कहा कि ‘हां, भगा तो सकती हु’, ‘लेकिन मुझे कुछ जरूरी काम है, मैं अभी व्यस्त हूं, किसी और से मदद मांगो।

    यह सुनकर खरगोश भालू के पास पहुंचा। भालू को सारी बात बताने के बाद भालू ने कहा कि ‘मैंने कई दिनों से कुछ नहीं खाया है, मैं परेशान हूं, मुझे खाना खोजने जाना है, तुम किसी और से मदद मांगो’।

    यह सुनकर खरगोश अपनी जान बचाने के लिए बंदर के पास गया, हाथी के पास गया और फिर बकरी के पास भी गया, लेकिन किसी ने खरगोश की मदद नहीं की। इससे खरगोश को बहुत दुख हुआ और वह समझ गया कि अब जो कुछ करना है उसे खुद करना होगा।

    उसने यह सोचा और घनी झाड़ियों के बीच में बैठ गया। जंगली कुत्तों ने खरगोश की तलाश की लेकिन खरगोश कहीं नहीं मिला। बाद में सभी कुत्ते चले गए और खरगोश बच गया।

    Q. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

    Ans: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें कभी भी दुसरे के ऊपर निर्भर नहीं रहना है. जो भी हो खुदसे ही करना है.

    18. गधा बन गया बाघ: Motivational Story in Hindi

    एक गाँव में एक धोबी रहता था। धोबी बहुत गरीब था और उसने एक गधा भी अपने साथ रखा हुआ था। जिसे बहुत कम खाना मिलता था, जिसके कारण वह बहुत दुबले-पतले थे।

    एक दिन धोबी को जंगल में एक मरा हुआ बाघ मिला। जिसे देखकर धोबी ने सोचा कि “मैं इस बाघ की खाल को गधे पर रख कर पड़ोसियों के खेतों में चरने के लिए छोड़ दूंगा। किसान समझ जाएगा कि वह असली बाघ है और डर के मारे उससे दूर रहेगा और गधा चरेगा।” मैदान में आराम से।

    धोबी ने तुरंत बाघ की खाल उतार कर गधे के शरीर में डाल दी। उनकी योजना काम कर गई। एक रात गधा खेत में चर रहा था कि उसने गधी के रेंगने की आवाज सुनी।

    उस आवाज को सुनकर वह इतने जोश में आ गया कि वह भी जोर-जोर से रेंगने लगा। गधे की आवाज सुनकर किसानों को उसकी असलियत का पता लग गया और उन्होंने गधे की खूब पिटाई की.

    Q. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

    Ans: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की अपनी सच्चाई नहीं छिपानी चाहिए।

    19. जंगल में कानी हिरणी: Short Story In Hindi for Kids

    एक बार एक जंगल में एक हिरण रहता था। वह बहुत चालाक थी, लेकिन एक दिन शिकारी ने उसकी एक आंख में तीर चला दिया। जिससे हिरण को सिर्फ एक आंख से ही दिखाई देता था.

    हिरण के साथ इतने बड़े हादसे के बाद भी वह निराश नहीं हुई। वह अपने घर गई और बहुत सोचा और एक विचार के साथ आई कि अब से वह पहाड़ी की चोटी पर चरेगी।

    एक दिन हिरण पहाड़ी पर चर रही थी। तभी नीचे समुद्र में एक नाव से दो शिकारी आ रहे थे। अचानक शिकारी की निगाह हिरण पर पड़ी और वह हिरण पर निशाना साध रहा था कि हिरण ने वह गति देखी।

    शिकारी को देखते ही वह सब समझ गई और वहां से भाग गई।

    Q. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

    Ans: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की सूझबूझ से खुद को बचाया जा सकता है.

    20. गुस्से में खुद का नुकसान: Short Inspirational Stories in Hindi

    एक बार की बात है एक छोटे से गाँव में बिरजू नाम का एक लड़का रहता था। उसकी एक छोटी सी दुकान है, जिससे वह अपना गुजारा करता है। वह दुकान का सामान बेचता और उस वस्तु को बेचने से मिलने वाले लाभ से घर चलाता।

    बिरजू की हालत उसकी दुकान के आसपास के सभी लोगों को पता थी कि वह बहुत गरीब है. इस वजह से दुकान के आसपास के लोग जानबूझकर बिरजू की दुकान से कुछ ऐसा सामान खरीद लेते थे। जिससे बिरजू को थोड़ा ज्यादा लाभ होता।

    ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.लेकिन कुछ दिनों बाद कई चूहों ने बिरजू की दुकान में अपना डेरा जमा लिया। चूहे बहुत उपद्रव करते और चीजों को नष्ट कर देते। इन सभी चूहों से बिरजू बहुत परेशान था। एक दिन बिरजू अपनी दुकान पर बैठा था।

    तभी 4 चूहे आपस में लड़ रहे थे और खूब शोर मचा रहे थे। यह देख बिरजू को बहुत गुस्सा आया और उसने पास में रखी छड़ी को उठाकर बहुत जोर से चूहों की ओर फेंक दिया।

    जिससे चूहा उछल कर भाग गया, लेकिन लाठी को जोर से फेंकने के कारण वह जाकर टॉफी वाली शीशी में लगा और शीशी टूट गई. अंत में, ऐसा करने से और भी अधिक नुकसान हुआ।

    Q. इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

    Ans: इस Hindi Stories in Short से हमें यह शिक्षा मिलती है की क्रोध में किसी प्रकार का कार्य नहीं करना चाहिए, यह स्वयं के लिए नुकसानदेह होता है।

     1 की. जिसमे हमने बहुत ही मजेदार Hindi Short Stories लिखी है. जिसे यदि आप बच्चो को सुनाते है तो वह बहुत कुछ सिख सकता है.

    1# बंदर और दो बिल्लियाँ: Short Hindi Moral Stories for Class 1

    एक बार की बात है एक जंगल के पास एक गाँव था, जिसमें दो बिल्लियाँ रहती थीं। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थी। एक दिन वे दोनों बिल्लियाँ गाँव के एक घर से रोटी चुराकर जंगल की ओर भागीं।

    अब दोनों बिल्लियाँ आपस में रोटी बाँटना नहीं चाहती थीं। जिससे दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। एक बिल्ली ने कहा “मैंने इसे चुराया है, इसलिए यह रोटी मेरी है”।

    इन दोनों बिल्लियों के बीच लड़ाई दूर के पेड़ पर बैठे एक बंदर ने देखा। वह दोनों बिल्लियों के पास आया और उनसे झगड़े का पूरा कारण सुना। उसके बाद बंदर ने कहा “तुम दो बिल्लियाँ दोस्त हो, तुम्हें लड़ना सोभा नहीं देता”

    “मेरी एक बात सुनो, तुम दोनों इस रोटी को एक दूसरे के बीच आधा-आधा बराबर बाँट लो।” कुछ देर सोचने के बाद दोनों बिल्लियाँ तैयार हो गईं।

    लेकिन अब रोटी को बराबर भागों में कौन बांटेगा, तो बंदर ने कहा कि “रुको, मैं इसे दो बराबर भागों में बांटता हूं”। अब बंदर ने रोटी को दो भागों में बांट दिया और दोनों भागों को बिल्ली के सामने रख दिया।

    लेकिन रोटी का एक हिस्सा थोड़ा बड़ा हो गया तो बंदर ने उस हिस्से को बराबर करने के लिए थोड़ा सा तोड़कर खा लिया। इस बार दूसरा हिस्सा बड़ा हो गया। तो बंदर ने दूसरे हिस्से से थोड़ा सा तोड़कर खा लिया।

    इस प्रकार बन्दर ने रोटी के बराबर भाग बनाने के चक्कर में पूरी रोटी खा ली। लेकिन जब बिल्लियों ने बंदर से रोटी वापस करने के लिए कहा, तो चालाक बंदर पेड़ पर चढ़ गया और सेवा के लिए इनाम के रूप में रोटी खाने का दावा करते हुए बैठ गया। अंत में पेड़ पर बैठे बंदर को दोनों बिल्लियां देखती रह गई।

    2# बाप और बेटी: Hindi Small Story for Class 1

    एक बार की बात है एक युवती अपने पिता के साथ गाड़ी चलाते हुए अपने मामा के घर जा रही थी। लेकिन कुछ ही किलोमीटर के बाद दोनों एक तूफान में फस गए। फिर लड़की ने पिता से पूछा, “मैं क्या करूँ?”

    पिता ने उत्तर दिया, “चलते रहो।” कुछ किलोमीटर के बाद, लड़की ने देखा कि तूफान के कारण एक और कार एक तरफ खींचने लगी। यह देख बेटी थोड़ी डर गई।

    फिर पिता से पूछा, “क्या मुझे गाड़ी रोक देनी चाहिए?” पिता ने उत्तर दिया, “नहीं, तुम बस चलाते रहो।” तूफान और भी भयानक लग रहा था।

    बेटी के लिए कार को आगे ले जाना मुश्किल हो गया। उसे लगा कि अब गाड़ी को रोककर सुरक्षित स्थान पर ले जाना चाहिए।

    लेकिन, उसने तूफान के बीच में गाड़ी चलाना जारी रखा। क्योंकि उसके पिता ने उसे गाड़ी चलाते रहने के लिए कहा था। वह तूफान के बीच गाड़ी चलाती रही।

    जल्द ही वह पहले से थोड़ी बेहतर स्थिति देखने में सक्षम हो गई। कुछ किलोमीटर चलने के बाद वह तूफान से पूरी तरह बाहर निकल आई। पिता ने कहा, “अब तुम बाहर जा सकते हो।”

    लड़की ने कहा, “लेकिन, अभी क्यों? अभी के लिए, हम तूफान से बाहर हैं।” पिता ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, ‘तूफान से बाहर आने पर आप उन सभी लोगों को देख सकते हैं।

    जिन्होंने हार मान ली है और कुछ अब भी तूफान से जूझ रहे हैं। आपने कभी हार नहीं मानी और हमेशा आगे बढ़ते रहे। क्योंकि आपने तूफ़ान में चलना कभी बंद नहीं किया।”

    नैतिक शिक्षा : जीवन में कठिन समय के बीच मानसिक तनाव को दूर करना ही सफलता का मंत्र है।

    3# कछुआ और चिड़िया की कहानी: Short Moral Stories in Hindi for Class 1

    एक बार एक कछुआ एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। उसी पेड़ के ऊपर एक चिड़िया अपने बच्चे के साथ घोंसले में रहती थी। चिड़िया का घोंसला देखकर कछुआ हंसने लगता है और उसकी बहुत बुराई करता है।

    वह चिड़िया से कहता है कि “तुमने कैसा घोंसला बनाया है, जो इतने टूटे-फूटे तिनकों से बना है। इससे तुम न तो बारिश में बच सकोगी और न धूप में। और मुझे देखो, मेरे पास मेरा खोल (कवच) है” जो मेरा घर है”

    यह सुनकर चिड़िया के बच्चे उदास हो गए लेकिन फिर चिड़िया कहती है कि मेरा मानना है कि मेरा घर टूटे तिनकों का बना है लेकिन मेरा पूरा परिवार मेरे साथ मेरे घर में रहता है और मैं अपने परिवार के साथ इस घर में बहुत खुशी से रहती हूं।

    लेकिन तुम्हारे घर में तुम्हारे सिवा कोई नहीं रह सकता। अब बताओ कौन सा घर बेहतर है।

    नैतिक शिक्षा : दूसरों का हाल देखकर कभी हंसना नहीं चाहिए। जो मिला है उसी में खुश रहना चाहिए।

    4# भेड़िया और चालाक लड़का: Hindi Story for Class 1

    एक बार की बात है एक जंगल के पास एक गाँव था। जिसमें एक बांसुरी बजाने वाला लड़का रहता था। एक दिन लड़का खेलते-खेलते जंगल में चला गया।

    शाम का समय था, जब एक भेड़िये ने लड़के को देखा और उसे खाने के लिए आगे बढ़ा। जब लड़के ने देखा कि बचने का कोई रास्ता नहीं है, तो उसने भेड़िये से प्रार्थना की, “सुनो भाई! मैं मौत से नहीं डरता, लेकिन मैं निश्चित रूप से खुशी से मरना चाहूंगा।

    यदि आप मुझे बांसुरी बजाने देंगे, तो मैं उसकी धुन पर नाचूंगा और गाऊंगा। अगर तुम मुझे खा भी लो तो मुझे कोई दुख नहीं होगा। भेड़िया बोला, “ठीक है।” अब लड़का बाँसुरी बजाने लगा।

    उस बांसुरी की आवाज सुनकर लड़के का कुत्ता कहीं से दौड़ता हुआ आया और भेड़िये को देखकर उस पर कूद पड़ा। भेड़िया तुरंत भाग गया।

    नैतिक शिक्षा : बुरी स्थिति में भी अगर दिमाग का इस्तेमाल किया जाए तो बचा जा सकता है।

    5# दुश्मन बना दोस्त: Simple Hindi Story for Class 1

    जार के मुख्यमंत्री काउंट विट्टी कई दिनों से देख रहे थे की उनकी राज्य में बहुत ही आलोचना चल रही है.

    इसे देख उन्होंने एक दिन अपने मंत्री से कहा, “ऐसे सारे लेखकों की सूची बनाओ, जिन्होंने अखबार में मेरे विरुद्ध लिखा है।”

    जब सूची तैयार हो गई तब विट्टी ने कहा, “अब उन लेखकों के नाम चुनो, जिन्होंने मेरी सबसे कठोर आलोचना की है ।”

    यह नई सूची भी जब बन गई तब उनके मंत्री ने पूछा, “इन्हें क्या सजा दी जाएगी?”

    तब काउंट विट्टी ने जवाब दिया की “सजा ? कैसी सजा ? अब मैं इनमें से अपने सबसे कठोर आलोचक को अपने समाचार पत्र का संपादक बनाऊँगा। मेरा अनुभव है कि सबसे कठोर आलोचक ही सबसे सच्चा हितैषी होता है।”

    6# लालची कुत्ता: Small Hindi Story for Class 1

    एक बार गांव की गलियों में एक कुत्ता घूम रहा था। तभी उसे दुकान के बाहर हड्डी का एक छोटा सा टुकड़ा दिखाई दिया।

    कुत्ते ने दौड़ की उस हड्डी को अपने मुंह में ले लिया और अपनी गली के कुत्तों से बचाते हुए एक पुल के ऊपर खड़ा हो गया।

    लेकिन जब उसने पुल के नीचे नदी में देखा, तो उसने पानी में अपनी परछाई देखी, जिसके मुंह में एक हड्डी थी। उसने सोचा कि नदी में कोई और कुत्ता है।

    यह देखकर कुत्ते के मन में लोभ पैदा हो गया कि दूसरी हड्डी भी मेरी हो जाए तो मजा आ जाएगा।

    अब उसने दूसरी हड्डी छीनने की नीयत से दूसरे कुत्ते पर भौंकने के लिए अपना मुंह खोला, तो उसके मुंह से हड्डी का टुकड़ा नदी में गिर गया। एक और हड्डी के लालच में उसने अपने मुंह की हड्डी भी गंवा दी।

    7# शेर और चूहा: Beginner Hindi Short Stories for Class 1

    एकबार की बात है, गर्मी के मौसम में झुलसा देने वाली गर्मी पड़ रही थी। दोपहर में जंगल का राजा शेर पेड़ की छाया में सो रहा था। उसी पेड़ के पास बिल में एक चूहा रहता था। वह भी खेलने के लिए अपने बिल से बाहर निकला और सोए हुए शेर के पास उछल कूद करने लगा।

    इससे शेर की नींद टूट गयी। उसने चूहे को अपने पंजे मे धर दबोचा। बेचारा छोटा चूहा डर से काँपने लगा और चीं-चीं करते हुए शेर से कहा, “हे जंगल के राजा, कृपया मुझे माफ कर दीजिए। मुझे छोड़ दीजिये। इस अहसान का बदला एक दिन मैं जरूर चुका दूगाँ।”

    नन्हे चूहे के ये शब्द सुनकर शेर जोर से हँस पड़ा। उसने कहा, ” तुम तो बड़ी चालाक हो, इतना छोटा होकर मुझ जैसे ताकतवर जंगल के राजा की तू क्या मदद करेगा? फिर भी शेर को नन्हे से चूहे पर दया आ गयी। उसने चूहे को छोड़ दिया। चूहा वहां से भाग निकला।

    कुछ दिन के बाद चूहे ने शेर की दर्द भरी दहाड़ सुनी। वह तुरंत अपने बिल से बाहर निकला। उसने देखा कि शेर एक शिकारी के जाल मे फँस गया था।

    उसने जाल से निकलने की बहुत कोशिश की, पर उसे सफलता नही मिली। चूहा दौड़ता हुआ शेर के पास आया। उसने शेर से कहा, “हे जंगल के राजा, आप बिलकुल भी चिंता न करें। मै अभी आप को इस शिकारी के जाल से बाहर निकलता हूँ।

    चूहा अपने तेज दाँतो से जाल को कुतरने लगा। और फिर शेर जाल से मुक्त हो गया। शेर ने चूहे को धन्यवाद दिया और अपनी गुफा की ओर चल दिया।

    नैतिक शिक्षा : छोटे प्राणी के सक्ती को कभी कम नहीं समझना चाहिए.

    8# दो शेर: Short Hindi Moral Stories for Class 1

    एक बार की बात है एक जंगल में दो शेर रहते थे। जंगल के पास एक झरना भी था। दोनों शेर बहुत शक्तिशाली थे। जिस वजह से दोनों के बीच अक्सर कहासुनी हो जाती थी।

    एक दिन झरने के पास पुल के एक तरफ से एक शेर आ रहा था और दूसरी तरफ से दूसरा शेर आ रहा था।

    पुल के बीच में दो शेर आमने-सामने आ गए। दोनों एक दूसरे के सामने सख्ती से खड़े रहे। पुल बहुत पतला था। उस पुल से एक बार में केवल एक ही जानवर जा सकता था।

    एक शेर दूसरे शेर पर गरज कर बोला, “मेरे रास्ते से हट जाओ।” दूसरे ने भी गुर्राया और उसी तरह उत्तर दिया, “अबे, वापस जाओ, नहीं तो मैं तुम्हें इस झरने में फेंक दूंगा।”

    कुछ देर तक दोनों एक दूसरे को धमकाते रहे। लेकिन किसी ने हार नहीं मानी और दोनों आपस में भिड़ गए। फिर क्या था! पतले पुल पर दोनों संतुलन खो बैठे और झरने में गिर पड़े।

    पानी की तेज धारा के साथ दोनों बहने लगे और कुछ ही देर में दोनों डूब गए और उनकी मौत हो गई.

    कुछ दिनों बाद इसी तरह इस पुल के बीच में दो हिरण आमने-सामने आ गए। लेकिन वे दोनों बहुत बुद्धिमान और चतुर थे। उनमें से एक बैठ गया और दूसरे हिरण को उसके शरीर के ऊपर से जाने दिया। उसके जाने के बाद वह खड़ी हो गई और धीरे-धीरे चलते हुए वह भी पुल पार कर गई।

    9# चालाक लोमड़ी: Easy Hindi Story for Class 1

    एक जंगल में एक बूढ़ा शेर रहता था। उसके पास अब शिकार करने की ताकत नहीं थी। वह कई दिनों से भूखा था, फिर उसने कोई उपाय सोचा। शेर ने पूरे जंगल में यह बात फैला दी कि अब वह कुछ ही दिनों में मरने वाला है।

    जो कोई भी उनसे मिलना चाहता है वह निडर होकर मिल सकता है; क्योंकि अब उसने मांस खाना भी बंद कर दिया है। यह सुनकर एक के बाद एक जंगल के मासूम जानवर उससे मिलने गुफा में जाने लगे।

    भूखा शेर उन्हें आसानी से मार कर खा जाता था। अंत में एक लोमड़ी ने सोचा, “मैं भी शेर से मिल आऊँ”। लोमड़ी बहुत चालाक थी।

    जैसे ही वह गुफा के पास पहुंची, उसने देखा कि जमीन पर मौजूद सभी जानवरों के पैरों के निशान अंदर की ओर जा रहे हैं। लेकिन एक भी पैरों के निशान बाहर की ओर नहीं आ रहा था।

    वह सारा मामला समझ गई और गुफा के दरवाजे से ही लौट गई ।

    इस Easy Hindi Story for Class 1 या नैतिक शिक्षा से हमे यह जालिमो पर कभी भी बिस्वास नहीं करना चाहिए.

    10# एक डायनासौर: Hindi Story for Class 1

    एक बार की बात है एक गाँव में बिलाल नाम का एक लड़का रहता था। उसने एक नकली उड़ने वाली पंख बनाया था। जिसकी मदद से वह आसमान में उड़ सकता था।

    एक दिन वह आकाश में उड़ते हुए बहुत दूर पहुँच गया जहाँ उसने कई डायनासोर देखे। उनसे भागते हुए वहां से एक डायनासोर का अंडा लिया और अपने घर चला आया।

    बिलाल ने उस अंडे को अपने पुराने घर में छिपा दिया था। कुछ दिनों बाद अंडे के अंदर से डायनासोर का एक बच्चा निकला। बिलाल रोज डायनासोर के खाने के लिए गांव के लोगों के घर से बकरी और मुर्गियां चुरा ले आता था।

    एक दिन गांव के लोगों को इस बात का पता चला और उन्होंने मिलकर उस डायनासोर को घर से बाहर निकाल दिया। तब डायनासोर बहुत तबाही मचाता हैं।

    वह बहुत सारा सामान तोड़ता है और फिर बिलाल अपने ग्रामीणों के साथ डायनासोर को उसके परिवार के पास वापस छोड़ देता है।

    Class 2 Short Moral Stories in Hindi: कक्षा 2 के लिए कहानियाँ

    Hindi Stories for Class 2: इंसान की उम्र के साथ साथ दिमाग भी तेज़ होता है. वही समय के साथ बच्चो की कहनियाँ भी बदलती रहती है. इस लेख में आपने ऊपर बहुत सारे Hindi Short Moral Stories पढ़े होंगे जिसमे हर एक Hindi Stories में कुछ बढ़िया Moral Value मिला है.

    लेकिन जब बच्चा Students होता है तब उनके लिए अलग Hindi Short Story for Students सुनाना होता है. क्युकी ऐसे बच्चों के उम्र के साथ मिलता जुलता और बच्चो की तेज़ दिमाग को देखते हुए ऐसे Hindi Story for Class 2 With Moral पढ़ाना होता है.

    इस लेख में हम Hindi Stories for Class 2 के बारे में कुछ बढ़िया Moral Stories for Students के बारे में जानेंगे. यदि आपने बचपन में मोरल कहानियाँ सुने होंगे तो आपको यह लेख फिर से Short Moral Stories पढ़ने की एक अवसर देगा.

    ये Short Story in Hindi for Class 2 आपके बच्चो को अच्छी शिक्षा देगी और बच्चो को अपने जीवन में सही रास्ते में चलने के लिए उपयोगी होगी. आइये जानते है Hindi Story Class 2 के बारे में.

    1. मूर्खता का फल: Hindi Story For Class 2 With Moral

    एक आदमी था, वह लकड़ी के एक लंबे लट्ठे को आरी से काट रहा था। उसे इस लट्ठे को दो टुकड़ों में काटना था। वही सामने पेड़ पर एक बंदर बैठा था जो बहुत समय से उस आदमी के काम को बहुत ध्यान से देख रहा था। जब दोपहर हो गया तो वह आदमी भोजन करने के लिए अपना काम बंद कर दिया।

    उस आदमी ने अभी तक लकड़ी के लट्ठे को बस आधा ही काटा था। इसी बीच युवक को भूख लगी और वह घर के लिए निकल गया। इससे पहले, आदमी ने लकड़ी के आधे हिस्से में लकड़ी की गुल्ली फँसा दी ताकि वह वापस आ सके और बाकी हिस्से को आरी से काट सके।

    आदमी के जाने के बाद, बंदर पेड़ से निचे कूद गया और आधे कटे हुए लकड़ी के लट्ठे के पास आ गया। कुछ देर तक बंदर उस रास्ते को देख रहा था जिससे वह आदमी भोजन करने अपने घर गया था। इसके बाद बंदर ने लकड़ी के लट्ठे को इधर-उधर देखा।

    बंदर की नजर उस लकड़ी की गुल्ली पर थी। बंदर लकड़ी के लट्ठे पर दोनों पैरों को फैला कर बैठ गया जैसे वह साइकिल पर बैठा हो। ऐसे बैठे बंदर की पूंछ लकड़ी के कटे हुए हिस्से के बीच में लटकी हुई थी। बंदर बैठ गया और इधर-उधर की लकड़ी की गुल्ली को हिलाने लगा, जिससे अचानक फंसी गुल्ली बाहर निकल आई और लकड़ी का कटा हुआ हिस्सा आपस में चिपक गया।

    लकड़ी की गुल्ली निकलते ही बंदर की पूंछ उसमें बुरी तरह फंस गई। बंदर दर्द से जोर-जोर से चिल्लाया। दूसरी तरफ बंदर को डर था कि कहीं वह आदमी वापस न आ जाए। बंदर अपनी पूंछ पाने के लिए जोर-जोर से रोने लगा। पूंछ पाने के लिए बंदर ने कई बार कूदने की कोशिश की। अंत में बंदर की पूंछ टूट गई और बंदर बिना पूंछ के रह गया।

    इस Moral Story से यह शिक्षा मिलता है की कभी भी अनजान चीजों से छेड़-छाड़ नहीं करनी चाहिए. इस तरह की अनजान चीजों के साथ खेलने से कभी भी आपके साथ कोई दुर्घटना घट सकती है.

    2. गधा और मूर्ति: Class 2 Short Moral Stories in Hindi

    एक गाँव में एक मूर्तिकार रहता था। वह देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियां गढ़ता था। एक बार उन्होंने भगवान की एक बहुत ही सुंदर मूर्ति बनाई। उसे उस मूर्ति को ग्राहक तक पहुंचाना था। इसलिए उसने एक कुम्हार से एक गधा किराए पर लिया। फिर उसने मूर्ति को एक गधे पर लाद दिया और रास्ते में चल दिया, जो उस मूर्ति को देखकर एक पल के लिए रुक जाता और निश्चित रूप से मूर्ति की प्रशंसा करता। उस मूर्ति को देखकर कुछ लोग झुक गए।

    यह देखकर मूर्ख गधे ने सोचा कि लोग उसकी प्रशंसा कर रहे हैं और उसे प्रणाम कर रहे हैं। वह बीच सड़क पर स्तब्ध खड़ा था। और जोर जोर से रेंकने लगा। मूर्तिकार ने गधे को गले लगाकर चुप कराने की पूरी कोशिश की। लेकिन गधा लापरवाह रहा। अंत में मूर्तिकार ने उसे डंडे से पीटा। पिटाई के बाद गधे का सारा घमंड चला गया। उसका होश ठिकाने आया और वह फिर से चुपचाप चलने लगा।

    इस Hindi Stories for Class 2 से यह शिक्षा मिलता है की समझदार के लिए इशारा और मूखों के लिए डंडा जरुरी है.

    3. भेड़ चरानेवाला लड़का और भेड़िया: Short Story in Hindi for Class 2

    एक भेड़ चराने वाला लड़का था। वह प्रतिदिन भेड़ों को चराने के लिए जंगल में ले जाता था। वह जंगल में अकेला था। इसलिए उसका मन नहीं लग रहा था। एक दिन उसने मजाक करने का सोचा। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा, “बचाओ भेड़िया आ गया, भेड़िया आ गया।” किसान आसपास के खेतों में काम कर रहे थे। उन्होंने लड़के की आवाज सुनी, वे अपना काम छोड़कर लड़के की मदद के लिए दौड़ पड़े।

    जब लड़का पहुँचा तो उन्होंने भेड़िया को कहीं नहीं देखा। किसानों ने लड़के से पूछा, “भेड़िया नहीं है, तो तुमने हमें क्यों बुलाया?”, लड़का हंसने लगा, उसने कहा, “मैं मजाक कर रहा था। भेड़िया आया भी नहीं था। जाओ तुम लोग।” किसानों ने लड़के को काफी डाटा फटकार लगाई, जिसके बाद वह लौट गया। एक बार फिर लड़के ने वही मजाक किया। आसपास के किसान मदद के लिए दौड़ पड़े।

    लड़के के इस मजाक पर उन्हें बहुत गुस्सा आया और लड़के को फटकार लगाकर चले गए। कुछ समय बाद एक दिन भेड़िया सचमुच आ गया। भेड़ चराने वाला लड़का पेड़ पर चढ़ गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा। लेकिन इस बार उनकी मदद के लिए कोई नहीं आया। सभी को लगा कि बदमाश लड़का पहले की तरह मजाक कर रहा है। भेड़िये ने कई भेड़ों को मार डाला। इससे लड़के को अपनी हरकत से बहुत दुख हुआ।

    इस short story in hindi for class 2 से यह शिक्षा मिलता है की झूठे आदमी की सच्ची बातों पर भी लोग विश्वास नही करते। कभी भी इस तरह के मजाक नहीं करनी चाहिए.

    4. काजू खाने वाला लड़का: Hindi Stories for Class 2

    एक लड़का था। उन्हें काजू बहुत पसंद थे। इसलिए उनकी मां उन्हें खाने के लिए कुछ काजू देती थीं। लड़का हमेशा माँ से ज्यादा काजू देने की जिद करता था। लेकिन उसकी मां उसे हर बार नहीं कहती कि बेटे को एक साथ ज्यादा काजू नहीं खाना चाहिए। अगर आप एक बार में ज्यादा काजू खाते हैं। तो आपके पेट में दर्द होने लगेगा।

    यह सुनकर बालक चुप हो गया। लेकिन उसने कभी अपनी मां की बात पर ध्यान नहीं दिया। एक दिन उसकी माँ बाहर गई थी। लड़का घर पर अकेला था। उसने झट से काजू का डिब्बा उतार दिया उस दिन घर पर उसे रोकने वाला कोई नहीं था। उसने पेट भर काजू खा लिया। अगले दिन लड़का बीमार पड़ गया। उनके पेट में तेज दर्द हो रहा था। उसे बहुत अफ़सोस हुआ कि उसने अपनी माँ की बात नहीं मानी।

    इस Hindi Stories for Class 2 से यह शिक्षा मिलता है की माता-पिता की कहना मानना चाहिए. माता-पिता हमारे शुभचिंतक है जो अपने बच्चो के बारे में हमेशा भला सोचते है.

    5. टोपीवाला और बंदर: Short Story for Class 2 in Hindi

    दो छोटे-छोटे गाँव थे। दोनों गांवों के बीच जंगल था। इस जंगल में कई बंदर रहते थे। एक दिन एक टोपी वाला आदमी इस जंगल से टोपियां बेचने जा रहा था। वह चलते-चलते थक गया था। उसने टोपियों से भरा अपना बक्सा एक पेड़ के नीचे रख दिया और वहीं आराम करने बैठ गया। कुछ देर बाद वह सो गया।

    जब टोपी वाला उठा तो वह चौंक कर उठा। उसका बक्सा खुला था और सारी टोपियां गायब थीं। तभी उसने बंदरों की आवाज सुनी। उसने ऊपर देखा कि उस पेड़ पर बहुत सारे बंदर थे। सभी बंदर सिर पर टोपियां पहने हुए थे। टोपी वाले को बहुत गुस्सा आया।

    उसने पत्थर उठाए और बंदरों को मारने लगा। उसकी नकल करते हुए बंदरों ने भी पेड़ से फल तोड़ लिया और टोपी वाले की ओर फेंकने लगे। अब टोपीवाला समझ गया कि वह बंदरों से टोपी कैसे वापस ले सकता है। टोपीवाला ने सिर से टोपी उतारकर जमीन पर पटक दी।

    जब नकली बंदरों ने यह देखा तो वे भी अपने सिर की टोपी उतार कर फेंकने लगे। टोपीवाले ने झट से टोपियाँ संग्रह के डिब्बे में रख दीं और खुशी-खुशी दूसरे गाँव की ओर चल दिया।

    इस Short Story for Class 2 in Hindi से यह शिक्षा मिलता है की सूझबूझ से ही हम कठिनाइयों से पार हो सकते है. जानवरों के साथ कैसे बच सकते है इसे समझना होता है.

    मुझे उम्मीद है की Hindi Stories in Short आपके लिए उपयोगी है. यदि आपको यह Short Stories in Hindi with Moral for Kids पसंद आई है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर अवश्य करे. इसके अलेवा Silchar24 को आप फेसबुक, ट्विटर और इन्स्टाग्राम में फॉलो कर सकते है.

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    लेखक के बारे में

    सूरज बढ़ई

    लिक्स्कार्ट डॉट कॉम में सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर और संस्थापक हैं। खुद की ब्लॉग से करियर की शुरुआत हुई।

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