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जवाहर लाल नेहरू – Essay on Pandit Jawaharlal Nehru In Hindi

जवाहर लाल नेहरू – Essay on Pandit Jawaharlal Nehru In Hindi

इस लेख में हमने बात की है की जवाहरलाल नेहरु जी की सपूर्ण जीवनी, उनका जन्म, मृत्यु, शिक्षा जीवन,राजनीतिक जीवन और बाल दिवस क्यों मनाया जाता है. तो आइये जानते है जवाहरलाल नेहरू जी की जीवनी Jawaharlal Nehru Biography In Hindi.

और इस आर्टिकल पर हम Essay on Pandit Jawaharlal Nehru In Hindi पंडित जवाहर लाल नेहरू पर भी हिंदी में निबंध लिख रहे है जिन्हें पढ़कर कोई भी पंडित जवाहर लाल नेहरू के बारे में जान सकता है. यदि आप किसी विषय पर निबंध पढ़ना पसंद करते है. तो आज की लेख में आप पंडित जवाहर लाल नेहरू पर निबंध पढ़े

Table of Contents

    पंडित जवाहर लाल नेहरू निबंध – Essay on Pandit Jawaharlal Nehru In Hindi

    पंडित जवाहर लाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) भारत के महान नेता थे. उन्होंने देश को स्वतंत्र कराने में अपना पूरा जीवन लगा दिया. वे भारत के प्रथम प्रोधनमंत्री (India’s First Prime Minister) बने. आजादी के बाद उन्होंने देश को प्रगती के पथ पर आगे बढ़ाया.

    जवाहर लाल नेहेरुजी का जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था. उनके पिता स्वर्गीय मोतीलाल नेहरु एक नामी वकील थे. नेहरूजी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने की बाद उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैण्ड गए.

    वहाँ से वे बैरिस्टरी पास कर भारत लोटे और इलाहाबाद में ही वकालत करने लगे. उनका विवाह कमला नेहरू से हुआ था.

    उन दिनों भारत पर अंग्रेजों का शासन था. नेहरूजी ने देश स्वतंत्र करने का निश्चय किया. वे काँग्रेस के सदस्य बन गए. गाँधीजी के आह्वान पर वकालत छोड़कर वे देश सेवा करने लगे.

    Essay on India’s First Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru In Hindi

    गाँधीजी के असहयोग आंदोलन में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई. वे हमेशा जोशीले भाषण देते थे. इससे उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा.

    नेहरूजी को कई बार काँग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. काँग्रेस के लाहौर अधिवेशन में नेहरूजी ने पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव पास किया. ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ में उन्होंने सक्रीय रूप से भाग लेने के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा.

    1945 ई. में वे जेल से रिहा किए गए. 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ. नेहरूजी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने. उन्होंने देश के विकास के लिए कई योजनाएँ शुरू की.

    पंडित जवाहर लाल नेहरू एक अच्छे लेखक भी थे. ‘भारत की खोज’ तथा ‘विश्व इतिहास की झलक’ उनके प्रसिद्द ग्रन्थ हैं.

    उन्हें बच्चों से बड़ा प्रेम था. बच्चे प्यार से उन्हें ‘चाचा नेहरु’ कहते थे. इसलिए 14 नवम्बर को उनका जन्म दिन ‘बाल दिवस’ ‘Children’s Day’ के रूप में मनाया जाता है. 27 मई 1964 को उनका निधन हो गया.

    नेहरूजी मर कर भी अमर हैं. उनका आदर्श महान है. हमलोग उन्हें शांतिदुत के रूप में जानते हैं.

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    बाल दिवस क्यों मनाया जाता है – Why Children Day Is Celebrated in Hindi

    बाल दिवस भी हमारे देश का महत्वपूर्ण दिवस है. इस दिवस का पालन प्रतिवर्ष 14 नवंबर किया जाता है. इसी दिन हमारे देश के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु का जन्म हुआ था. उन्हें बच्चों से बहुत प्रेम था. बच्चे प्यार से उन्हें ‘चाचा नेहरु’ कहते थे. अतः चाचा नेहरु का जन्म दिवस बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है.

    बाल दिवस का बड़ा महत्वा है. बच्चे राष्ट्र की `वास्तविक सम्पति है. वे देश के कर्णधार है. यह बच्चे

    ही राष्ट्र को सही मार्ग दिखा सकते हैं. इसलिए चाचा नेहरु ने अपना जन्मदिन देश के प्यारे बच्चों को समर्पित कर दिया.

    बाल दिवस के अवसर पर विद्यालयों में रंगारंग समारोह होते है. यह समारोह बच्चो के सर्वागीण विकास के लिए आयोजित किये जाते है. इस अवसर पर खेलकूद, क्विज, वाद-विवाद आदि प्रतियोगिताए होती है. इनमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र को पुरस्कार दिये जाते है.

    बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते है. बच्चे बड़े ही आकर्षक कार्यक्रम पेश करते है. बाल दिवस पर मुख्य समारोह दिल्ली में होता है. वहाँ शांति वन जाकर बच्चे चाचा नेहरु के समाधि पर श्रद्धा-सुमन अर्पित करते है.

    इस अवसर पर बच्चो को मिठाइयाँ और गुलाब के फूल भेंट किये जाते है. क्यिंकि चाचा नेहरु को गुलाब से लगाव था. वे अपने कोट में हमेशा गुलाब का फूल लगाते थे.

    बाल दिवस का राष्ट्रीय महत्वा है. इससे बच्चो की प्रतिभा का विकास होता है. उनमें देश प्रेम की भावना बढ़ती है. वे देश के सच्चे नागरिक बनते है.

    जवाहरलाल नेहरु जी के परिवार – Jawaharlal Nehru Family In Hindi

    जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को ब्रिटिश भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के इलाहबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरु और माताजी का नाम स्वरूपरानी थुस्सू थी. नेहरु जी की पत्नी की नाम कमला नेहरू थी.

    जवाहरलाल नेहरु जी का पिता मोतीलाल नेहरु जी का जन्म 6 मई 1861 को हुआ था जो एक धनी बैरिस्टर कश्मीरी पंडित समुदाई से थे. वे स्वंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष चुने गए और उनका मृत्यु 6 फ़रवरी 1931 को हुआ था.

    नेहरु जी के माता का नाम स्वरूपरानी थुस्सू थी. जिनका जन्म 1868 को हुआ था जो लाहौर में बसे एक सुपरिचित कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थी. जो मोतीलाल जी की दूसरी पत्नी थी और उनकी मृत्यु 10 जनवरी 1938 को हुआ था.

    जवाहरलाल नेहरु जी की दो बहन भी थे जिन में से बड़ी बहन का नाम विजया लक्ष्मी थी जो बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी और उनके छोटी बहन का नाम कृष्णा हठीसिंग थी जो एक उल्लेखनीय लेखिका बनी.

    जवाहरलाल नेहरु जी का शिक्षा जीवन – Jawaharlal Nehru Education Life In Hindi

    जवाहरलाल नेहरु जी की सिक्षा की बात की जाए तो वे दुनिया के कुछ बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की थी. उंन्होने अपनी स्कूली शिक्षा हैरो से की और अपनी कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कालजे, लंदन से पूरी की.

    और इसके बाद उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की. इंग्लैंड में उन्होंने सात साल व्यतीत किए जिसमें वहां के फैबियन समाजवाद और आयरिश राष्ट्रवाद के लिए एक तर्कसंगत दृष्टिकोण विकसित किया.

    जवाहरलाल नेहरु 1912 में भारत लौटे और वकालत शुरू की और 1916 में उनकी शादी कमला नेहरु से हुई . इसके एक साल बाद उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया जिसका नाम इंदिरा प्रियदर्शनी था.

    जवाहरलाल नेहरु जी की राजनीति जीवन – Jawaharlal Nehru Political Career In Hindi

    सन 1912 में भारत लौटने के बाद सन 1917 में होमरूल लीग में शामिल हो गए. इसके दो साल बाद वे सन 1919 में राजनीतिक में शामिल हो गए. जब वे महात्मा गांधी जी के संपर्क में आए उस समय गांधी जी ने रौलट-एक्ट के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था.

    नेहरु जी महात्मा गांधीजी के शांतिपूर्ण सविनय आवाज आंदोलन से काफी प्रभावित हुए. वे गांधी जी को अपना आदर्श मानने लगे यहां तक की वे विदेशी वस्तुओ को त्याग दिये थे. सन 1920-1922 के गांधी जी के असहियोग आंदोलन में भी साथ दिया उसके कारण उन्हें गिरफ्तार भी किया गया.

    बाद में उन्होंने सन 1926 से 1928 तक अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव के रूप में सेवा की. सन 1928 से 1929 में कांग्रेस के वार्षिक सत्र का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता उनके पिता मोतीलाल नेहरु ने की.

    उस सत्र में जवाहरलाल नेहरु और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पूरी राजनीतिक स्वतंत्रता की मांग की लकिन मोतीलाल नेहरु और अन्य नेता ब्रिटिश शाशन के अंदर ही प्रभुत्व संपन्न राज्य चाहते थे.

    उस समय गांधी जी ने इस समाश्या का हल निकालते हुए कहा की ब्रिटिश सरकार को भारत को राज्य का दर्जा देने के लिए दो साल का समय दिया जाएगा.

    यदि ब्रिटिश सरकारने ऐसा नहीं किया तो कांग्रेस पूर्ण राजनैतिक स्वतंत्रता के लिए एक राष्ट्रीय आदोलन शुरू करेगी लकिन उस बात से नेहरु और बोसे सेहेमत नहीं थे और उनेहोनें मांग की कि इस समय को कम करके एक साल कर दिया जाए. लकिन ब्रिटिश सरकार इसका कोई भी जअवाब नहीं दिया.

    दिसम्बर 1929 में जब कांग्रेस की वार्षिक अधिवेशन का आयोजित लाहौर में किया गया उस समय नेहरु जी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुने गए. उस समय उस सत्र में उनहोनें एक प्रस्ताब रखा.

    उस प्रस्ताब में उन्होंने सर्बराज्य की मांग की और 26 जनवरी 1930 को लाहौर में स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया और उसी समय गांधी जी ने भी सविनय अवज्ञा आंदोलन का सुरुवात किया. वो आंदोलन काफी सफल रहा और ब्रिटिश सरकार को मजबूर होकर कांग्रेस राजनैतिक पार्टी का बात मानना पड़ा.

    सन1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया गया. इस बीच उन्होंने अहमदनगर की जेल में रहकर सन 1944 में अप्रैल से सितंबर के बीच भारत की खोज (Discovery Of India) पुस्तक की रचना की और भारत की खोज के अलावा उनेहोनें और एक पुस्तक की रचना की जिसका नाम ग्लिम्पसेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री( Glimpes Of World History) है. बाद में वे 15 जून 1945 में जेल से रिहा हुए . जवाहरलाल नेहरू जी अपने जीवन में 9 बार जेल गए. और उन्होंने “आराम हराम है” का नारा दिया था.

    जब देश में पहेला आम चुनाव हुआ तब प्रधान मंत्री नेहरु जी को 40 हजार किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी और साड़े तिन करोड़ भारतवाशीयो को सीधे संबोधित किया.

    उस रेली में यह नारा लगाया की “कांग्रेस को वोट देना” यानी नेहरु जी को वोट देना और इस चुनाव में नेहरु जी ने जीत हासिल की. इसमें सबसे रोचक बात यह थी की जवाहरलाल नेहरू जी लाल किले पर तिरंगा लहराने वाले सबसे पहले वेक्ति थे.

    सन 1947 में आजादी के बाद वे भारत के प्रथम प्रधान मंत्री बने और मई 1964 में अपनी मौत तक अपने पद पर रहे. भारत की औधोगीकरण को उन्होंने प्रमुखता दी और आर्थिक क्षेत्र में सुधार लाने में उनका मुख्य योगदान हें और सन 1955 में भारत रत्न से उन्हें सम्मानित भी किया गया था.

    आजादी के बाद भी चार बार जवाहरलाल नेहरू जी की हत्या का प्रयास किया गया था। पहली बार 1947 में विभाजन के दौरान, दूसरी बार 1955 में एक रिक्शा चालक ने, तीसरी बार 1956 और चौथी बार 1961 में मुंबई में.

    भारत में ब्रिटिश शाशन के बाद नेहरु जी ने भारत का संपर्क अन्य देशो के साथ अच्छा रखा. लकिन सन 1962 में भारत- चीन शीमा विवाद के कारण वे चीन के साथ युद्ध में उलझ गए. और इस युद्ध में बहुत से भारतीय शैनिको को अपना जान गवाना पड़ा इस लिए भारत को इस युद्ध को बूरी तरह हारना पड़ा.

    जवाहरलाल नेहरु जी की मृत्यु 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से हो गई और उनके मृत्यु के बाद गुलजारीलाल नन्दा जी हमारे भारत के प्रधानमंत्री बने.

    रौलट-एक्ट किया था ? – What Was The Rowlatt Act In Hindi

    रॉलेट एक्ट 21 मार्च 1919 को ब्रिटिश सरकार द्वारा लागू किया गया एक सक्त कानून था. इस कानून को लागू करने का यह उद्देश्य था किब्रिटिश सरकार भारतीय राजनैतिक गतिविधियों और उनके खिलाफ किये जाने वाले बिरोधो को दबा सके.

    कोई भी उनके खिलाफ आवाज उठाने की कोसिस की और ब्रिटिश सरकार को नुकसान पहुचाने की कोसिस की तो किसी को भी सरकार के बिना किसी मुकदमे के दो साल तक गिरफ्तार कर अपने हिरासत मे रखने का अधिकार दिया. इस कानून की अध्यक्षता एक न्यायाधीश सर सिडनी रॉलेट ने की थी. बाद में, इसिलिए इस अधिनियम का नाम सर सिडनी रॉलेट के नाम पर रखा गया.

    सविनय अवज्ञा आंदोलन किया था ? – What Was The Civil Disobedience Movement In Hindi

    सविनय अवज्ञा आंदोलन ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और गांधीजी के द्वारा चलाये गए आन्दोलन में से एक था. सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत 1930 में की थी. इस आंदोलन का उद्देश्य अंग्रेजों को पूर्ण रूप से भारत से भगाना था.

    कुछ विशिष्ट प्रकार के क़ानूनो की अवज्ञा करना मतलब अंग्रेज सरकार के कानूनों को अभेलना करना था. और ब्रिटिश सरकार को झुका देना था. इस आंदोलन में ब्रिटिश सरकार से उनहोनें सर्बराज्य की मांग की. इस आंदोलन को दांडी यात्रा या नमक सत्याग्रह के नाम से भी जाना जाता है.

    जवाहरलाल नेहरु जी के द्वारा लिखि पुस्तके

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    FAQs

    Q: पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कहाँ हुआ?
    Ans: पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को ब्रिटिश भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के इलाहबाद में हुआ था.

    Q: जवाहरलाल नेहरु जी के पिता का नाम क्या था ?
    Ans: जवाहरलाल नेहरु जी के पिता का नाम मोती लाल नेहरू था.

    Q: जवाहलाल नेहरु जी की माता का नाम क्या था ?
    Ans: जवाहलाल नेहरु जी की माता का नाम स्वरूपरानी थुस्सू थी.

    Q: मोती लाल नेहरू के पिता कौन थे?
    Ans: गंगाधर नेहरू (1827 – 4 फरवरी 1861) वह 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान दिल्ली के कोतवाल (मुख्य पुलिस अधिकारी) थे। वे स्वतंत्रता सेनानी एवं कांग्रेस नेता मोतीलाल नेहरू के पिता और स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू के दादा थे.

    Q: जवहारलाल नेहरु जी ने कितनी कक्षा तक पड़ाई की थी ?
    Ans: जवाहरलाल नेहरु जी लॉ तक की पड़ाई की थी.

    Q: जवाहरलाल नेहरु जी की शादी कब हुई थी ?
    Ans: जवाहरलाल नेहरु जी की शादी सन 1916 में हुई थी.

    Q: जवाहरलाल नेहरु जी की पत्नी का नाम क्या था?
    Ans: जवाहरलाल नेहरु जी की पत्नी का नाम कमला नेहरु थी.

    Q: जवाहरलाल नेहरु जी को कितनी बार जेल जाना पड़ा था?
    Ans: जवाहरलाल नेहरू जी को 9 बार जेल जाना पड़ा था.

    Q: जवाहरलाल नेहरु जी की बेटी का नाम किया था?
    Ans: जवाहरलाल नेहरु जी की बेटी का नाम इंदिरा प्रियदर्शनी था.

    Q: जवाहरलाल नेहरु द्वारा लिखि गई पुस्तकों का नाम क्या है?
    Ans: जवाहरलाल नेहरु द्वारा लिखि गई पुस्तकों का नाम भारत की खोज (Discovery Of India) और ग्लिम्पसेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री (Glimpes Of World History) है.

    Q: जवाहरलाल नेहरु जी की हत्या कितनी बार करने की कोशिस की गई?
    Ans: जवाहरलाल नेहरु जी की हत्या चार बार करने का प्रयास किया गया था। पहली बार 1947 में विभाजन के दौरान, दूसरी बार 1955 में एक रिक्शा चालक ने, तीसरी बार 1956 में और चौथी बार 1961 में मुंबई में किया गया था.

    Q: ब्रिटिश सरकार द्वारा रॉलेट एक्ट कब लागू किया गया था ?
    Ans: 21 मार्च 1919 को ब्रिटिश सरकार द्वारा रॉलेट एक्ट लागू किया गया था.

    Q: जवाहरलाल नेहरु जी अपनी शिक्षा पूरी करके इंग्लैंड से भारत कब लौटे ?
    Ans: जवाहरलाल नेहरु जी अपनी शिक्षा पूरी करके सन 1912 में भारत लौटे.

    Q: गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत कब की थी ?
    Ans: गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत सन 1930 में की थी.

    Q : जवाहरलाल नेहरु जी ने कोनसा नारा दिया था?
    Ans : जवाहरलाल नेहरु जी ने “आराम हराम है” का नारा दिया था.

    निष्कर्ष

    इस लेख में हमने जवाहरलाल नेहरू पर निबंध हिंदी में (Essay on Pandit Jawaharlal Nehru In Hindi) और Jawaharlal Nehru Biography In Hindi शेयर किया हुआ है. मुझे उम्मीद है की यह निबंध आप जरुर पसंद करेंगे.

    यदि आपको Essay on Pandit Jawaharlal Nehru In Hindi और Jawaharlal Nehru Biography In Hindi जानकारी अच्छी लगे तो कृपया सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जैसे Facebook, Twitter या Whatsapp पर शेयर जरुर करे. नई पोस्ट की Update के लिए Subscribe करना ना भूले.

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    लेखक के बारे में

    सूरज बढ़ई

    लिक्स्कार्ट डॉट कॉम में सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर और संस्थापक हैं। खुद की ब्लॉग से करियर की शुरुआत हुई।

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