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TOP 10 Hindi Story For Class 4 | Hindi Moral Story

TOP 10 Hindi Story For Class 4 | Hindi Moral Story

TOP 10 Hindi Story For Class 4: बच्चों, क्या आप हमारी Hindi Story For Class 4 के 10 मज़ेदार कहानियाँ सुनने के लिए तैयार हैं। तो बता दें कि बच्चों, हमारी ये Hindi Story For Class 4 की सभी कहानियां आपके लिए काफी मजेदार साबित होने वाली हैं। क्योंकि हम न केवल आपका मनोरंजन करेंगे, बल्कि इन सभी कहानियों से आप एक समझदार व्यक्ति भी बन सकेंगे।

हमारा एक ही मकसद है कि आपको हमेशा खुश रखना और हर दिन आपको ऐसी ही Hindi Story For Class 4 की ज्ञान भरी कहानियां सुनाना। इससे आपको भी मजा आएगा और हमें भी बहुत खुसी होती हैं। हमारी Hindi Story For Class 4 की कहानियां सुनकर आप सब मुस्कुरा देते हैं। हम हर दिन कोशिश करते हैं की आपके एक से एक Hindi Story For Class 4 की बेहतरीन कहानिया सुनाए.

हमें यकीन है कि आपको ये Hindi Story For Class 4 की सभी कहानियाँ बहुत पसंद आएंगी, तो आइए बिना देर किए शुरू करते हैं Hindi Story Class 4 की 10 मज़ेदार कहानियाँ।

Table of Contents

    Hindi Story for Class 4 | Hindi Moral Story

    1# खरगोश और कछुआ | Moral Stories In Hindi For Class 4

    एक बार की बात है एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहता था, खरगोश को अपनी गति पर बहुत गर्व था। वह कछुए की धीमी गति के लिए उसका मजाक उड़ाता था। एक दिन कछुआ ने उसे चुनौती दी कि वह उसके साथ दौड़ प्रतियोगिता करे, खरगोश ने चुनौती स्वीकार कर ली। फिर दौड़ शुरू हुई, प्रतियोगिता में एक कौवा रेफरी था।

    खरगोश बहुत तेज दौड़ा, कछुआ बहुत पीछे था। खरगोश एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिए रुका, वह सो गया। कछुआ उसके पास से गुजरा और विजेता के पद पर पहुंच गया। तब खरगोश उठा, जितनी तेजी से भाग सकता था, दौड़ा। उसने देखा कि कछुआ पहले से ही जीतने की स्थिति में था, कछुआ ने दौड़ की प्रतियोगिता जीत ली।

    एक बार की बात है एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहता था, खरगोश को अपनी गति पर बहुत गर्व था। वह कछुए की धीमी गति के लिए उसका मजाक उड़ाता था। एक दिन कछुआ ने उसे चुनौती दी कि वह उसके साथ दौड़ प्रतियोगिता करे, खरगोश ने चुनौती स्वीकार कर ली। फिर दौड़ शुरू हुई, प्रतियोगिता में एक कौवा रेफरी था।

    खरगोश बहुत तेज दौड़ा, कछुआ बहुत पीछे था। खरगोश एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिए रुका, वह सो गया। कछुआ उसके पास से गुजरा और विजेता के पद पर पहुंच गया। तब खरगोश उठा, जितनी तेजी से भाग सकता था, दौड़ा। उसने देखा कि कछुआ पहले से ही जीतने की स्थिति में था, कछुआ ने दौड़ की प्रतियोगिता जीत ली।

    Moral Stories In Hindi For Class 4, नैतिक शिक्षा : घमंड का सर हमेशा नीचा ही होता है,

    और जो कोशिश करता है वही सफल होता है।

    खरगोश और कछुआ विडियो – Class 4 Hindi Story

    2# स्वर्ग का रास्ता | Class 4 Hindi Story

    Hindi Story For Class 4: गयासुर नाम का एक राक्षस था। उसने इतनी लंबी तपस्या की कि ब्रह्माजी उसके तप से प्रसन्न हो उठे। उन्होंने गयासुर से कहा, “तुमको जो भी वरदान चाहिए, माँगो।” गयासुर घमंड से बोला, “अरे छोड़ो ! तुम कौन होते हो वरदान देनेवाले! माँगना है तो तुम मुझसे माँगो ।

    गयासुर की घोर तपस्या से देवता भी भयभीत थे। तिसपर उसने माँगने के लिए कहा तो ब्रह्माजी ने सुरक्षा के लिए माँगा, “ हें गयासुर तुम अपनी देह दे दो। आपकी देह तप से पवित्र हुई है, हम उसपर यज्ञ करेंगे। गयासुर ने स्वीकार कर लिया। राक्षस की देह पर यज्ञ शुरू हुआ। देवताओं ने वर्षों तक यज्ञ किया, फिर भी राक्षस नहीं मरा।

    इतने में एक और गड़बड़ हुई। राक्षस की देह उड़ने लगी। ब्रह्माजी अत्यधिक चिंतित हो उठे। उन्होंने फौरन नारायण की स्तुति शुरू कर दी । नारायण प्रकट हुए, “क्या बात है, वत्स?” ब्रह्माजी बोले, “गयासुर की देह हवा में उड़ रही है। वह मरेगा नहीं तो देवताओं का नाश हो जाएगा।”

    गयासुर की उड़ती हुई देह को नारायण ने दो लात मारीं । फिर भी वह न मरा । नारायण ने कहा, “अरे, अब तो जीवन का मोह छोड़ो । ” गयासुर ने कहा, “ठीक है। पर मैं राक्षस हूँ। मैंने कठोर तप किया है। वह व्यर्थ तो नहीं जाएगा। ”भगवान् नारायण को उसकी बात ठीक लगी । वह राक्षस होकर भी दे सकता है और ये देवता होकर सिर्फ ले रहे हैं।

    देवों के देव नारायण ने गयासुर को वरदान दिया, “जाओ, तुम्हारे तप से यह जगह पवित्र हो जाएगी। लोग यहाँ आकर अपने पिता का श्राद्ध करेंगे तथा पितरों को पिंडदान करेंगे।” ‘गया’ उसी राक्षस की भूमि है। भगवान् के आशीर्वाद से पवित्र हो गई। आज भी लोग श्राद्ध करने गया जाते हैं।

    Class 4 Hindi Story, नैतिक शिक्षा : इस कहानी से यह सीख मिलती हैं की तप से पापी भी पवित्र हो जाते हैं ।

    3# हुदहुद को कलगी कैसे मिली | Moral Story in Hindi | Hindi Story for Class 4

    कई साल पहले जोतपुर नाम का एक गांव हुआ करता था। उस गाँव में एक राजा था, जिसका नाम सम्राट सुलेमान था। एक दिन सम्राट सुलेमान अपने उड़ते हुए डिब्बे में बैठे कहीं जा रहे हैं। गर्मी का मौसम था। चिलचिलाती धूप से राजा परेशान थे।

    उसने देखा कि पास में गिद्धों का झुंड उड़ रहा था। सम्राट सुलेमान जानवरों और पक्षियों से बात किया करते थे। उसने गिद्धों के मुखिया को बुलाया और कहा, “आज बहुत धूप है। अपने पंख फैलाओ और मुझ पर छाया डाल दो, तो मुझे इस चिलचिलाती धूप से राहत मिलेगी।

    गिद्धों ने कहा “हम बहुत छोटे हैं। हमारे पंख भी बहुत छोटे हैं। इसके अलावा, हमारी गर्दन पर पंख भी नहीं हैं। क्षमा करें महाराज। हम छाया नहीं कर पाएंगे।” यह कहकर गिद्धों का सरदार अपने साथियों को लेकर तेजी से उड़ गया।

    जब बादशाह सुलेमान थोड़ा और आगे बढ़े तो उन्हें हुदहुद का सरदार दिखाई दिया। उसने उसे बुलाया और अपनी समस्या बताई, हुदहुद का सरदार ने कहा “गिद्ध से बहुत छोटा पक्षी होते हुए भी वह मदद के लिए तैयार हो गया। अपने साथियों के साथ अपने पंख फैलाकर, राजा के उपर छाया डाला”।

    यह सुन बादशाह सुलेमान बहुत खुश हुए. वे हुदहुदों के सरदार से बोले, “कुछ देर पहले मैंने गिद्ध से मदद मांगी थी. लेकिन उसने मना कर दिया था. तुमने आकार में छोटे होते ही भी मेरी मदद की. मैं तुमसे बहुत ख़ुश हूँ. मांगों क्या मांगते हो”

    “बादशाह सलामत! मैं अपने दल के साथियों से सलाह करने के बाद ही कुछ मांगूंगा.” यह कहकर वह अपने साथियों के पास चला गया. उनसे सलाह करने के बाद वह बादशाह सुलेमान के पास आया और बोला, “बादशाह सलामत! हमें वरदान दें कि अब से हमारे सिर पर सोने का ताज़ हो.”

    यह सुनकर बादशाह सुलेमान बोले, “क्या तुमने इसके परिणाम के बारे में अच्छी तरह सोचा है “बादशाह सलामत! हम सभी हुदहुदों की यही इच्छा है. हमने सोच-समझकर ही यह वरदान मांगा है.” हुदहुदों का मुखिया बोला.

    “ठीक है! मैं तुम्हें मनचाहा वरदान देता हूँ.” बादशाह सुलेमान बोले और उसी समय सभी हुदहुदों के सिर पर सोने का ताज़ आ गया. सभी हुदहुद बहुत ख़ुश हुए. लेकिन उनकी ये ख़ुशी अधिक दिनों तक नहीं रही. लोगों ने जब उनके सिर पर सोने का ताज़ देखा, तो सोना हासिल करने के लिए उनका शिकार करने लगे.

    एक-एककर हुदहुदों के मारे जाने से हुदहुदों का वंश समाप्त होने को आ गया. घबराकर हुदहुदों का सरदार बादशाह सुलेमान के पास पहुँचा और बोला, “बादशाह सलामत! सोने की कलगी के कारण लोग हमें मारने लगे हैं. इस तरह तो धरती पर एक भी हुदहुद नहीं रहेगा. हमें ये सोने का ताज़ नहीं चाहिए. कृपा कर अपना वरदान वापस ले लीजिये.”

    बादशाह सुलेमान बोले, “मुझे यही आशंका थी. इसलिए मैंने तुम्हें पहले ही चेताया था. खैर, अब से तुम्हारे सिर पर सोने का नहीं, बल्कि सुंदर परों का ताज़ होगा.” तब से परों का सुंदर ताज़ (कलगी) हुदहुदों के सिर पर सुशोभित है.

    Hindi Story For Class 4, नैतिक शिक्षा : जीवन में कोई भी निर्णय सोच-समझकर करना चाहिए.

    4# मेहनत का महत्त्व | Hindi Moral Story

    Hindi Story For Class 4: एक बार की बात हैं, राहुल नाम का एक समझदार लड़का था, लेकिन वह पढ़ाई के मामले में हमेशा मेहनत करने से बचता था। एक बार जब उसका पसंदीदा कप टूट गया तो माँ ने उसे बाज़ार से खुद जाकर एक अच्छा कप लाने को कहा। पहली बार राहुल को इस तरह का कोई काम मिला था, वह मन ही मन खुश हो रहा था कि चलो इसी बहाने उसे बाहर जाने को मिलेगा और उतनी देर कोई पढ़ने के लिए नहीं कहेगा।

    वह पास के बाजार में पहुंचा और इधर-उधर कप खोजने लगा। वह जो भी कप उठाता उसमे कोई न कोई कमी होती… कोई कमजोर होता तो किसी की डिजाईन अच्छी नहीं होती! काफी खोजने पर भी उसे कोई अच्छा कप नहीं दिखाई दिया और वो मायूस लौटने लगा।

    तभी उसकी नज़र सामने की दूकान में रखे एक लाल रंग के कप पे जा टिकी। उसकी चमक और ख़ूबसूरती देख राहुल खुश हो गया औ झट से दुकानदार से वो कप हाथ में ले देखने लगा। कप देखने में बहुत अच्छा था! उसकी मजबूती…उसकी चमक…उसकी शानदार डिजाईन…हर चीज परफेक्ट थी।

    राहुल ने वो कप खरीद लिया और घर चला गया। रात को भी वो कप अपने साथ ले बिस्तर पे लेट गया, और देखते-देखते उसे नींद आ गयी। वह गहरी नींद में सो रहा था कि तभी उसे एक आवाज़ सुनाई दी…राहुल…राहुल…” राहुल ने देखा कि वो कप उससे बातें कर रहा है।

    कप- मैं जानता हूँ कि मैं तुम्हे बहुत पसंद हूँ। पर क्या तुम जानते हो कि मैं पहले ऐसा नहीं था? राहुल- नहीं, मुझे नहीं पता…तुम्ही बताओ कि पहले तुम कैसे थे। कप- एक समय था जब मैं मामूली लाल मिटटी हुआ करता था। फिर एक दिन मेरा मास्टर मुझे अपने साथ ले गया। उसने मुझे जमीन पर पटक दिया और मेरे ऊपर पानी डाल कर अपने हाथों से मुझे मिलाने लगा…मैं चिल्लाया कि अब बस करो…लेकिन वो कहता रहा…अभी और…अभी और…मैंने बहुत कष्ट सहे…जब वो रुका तो मुझे लगा कि बस अब जो होना था हो गया….अब मैं पहले से काफी अच्छी स्थिति में हूँ।

    लेकिन ये क्या, उसने मुझे उठाकर एक घुमते हुए चक्के पे फेंक दिया। वह चक्का इतनी तेजी से नाच रहा था कि मेरा तो सर ही चकरा गया…मैं चिल्लाता रहा…अब बस…अब बस….लेकिन मास्टर कहता…अभी और..अभी और… और वो अपने हाथ और डंडे से मुझे आकार देता रहा जब तक कि मैं एक कप के शेप में नहीं आ गया।

    खैर! सच कहूँ तो पहले तो मुझे बुरा लग रहा था, लेकिन अब मैं खुश था कि चलो इतने कष्ट सह कर ही सही अब मैं अपने जीवन में कुछ बन गया हूँ, वर्ना उस लाल मिटटी के रूप में मेरी कोई वैल्यू नहीं थी। लेकिन, मैं गलत था…अभी तो और कष्ट सहने बाकी थे।

    मास्टर ने मुझे उठा कर आग की भट्ठी में डाल दिया… मैंने अपने पूरे जीवन कभी इतनी गर्मी नहीं सही थी…लगा मानो मैं वहीँ जल कर भष्म हो जाऊँगा….मैं एक बार फिर चिल्लाया…नहीं…नहीं…मुझे बाहर निकालो…अब बस करो…अब बस करो….

    लेकिन मास्टर फिर यही बोला…अभी और…अभी और…और कुछ देर बाद मुझे भट्ठी से निकाल दिया गया। अब मैं अपने आप को देखकर हैरान था…मेरी ताकत कई गुना बढ़ गयी थी…मेरी मजबूती देखकर मास्टर भी खुश था, उन्होंने मुझे फ़ौरन रंगने के लिए भेज दिया और मैं अपने इस शानदार रूप में आ गया। सचमुच, उस दिन मुझे खुद पर इतना गर्व हो रहा था जितना पहले कभी नहीं हुआ था।

    हाँ, ये भी सच है कि उससे पहले मैंने कभी इतनी मेहनत नहीं की थी…इतने कष्ट नहीं सहे थे…लेकिन आज जब मैं अपने आप को देखता हूँ तो मुझे लगता है कि मेरा संघर्ष मेरी मेहनत बेकार नहीं गयी, आज मैं सर ऊँचा उठा कर चल सकता हूँ…आज मैं कह सकता हूँ कि मैं दुनिया के सबसे अच्छे कपों में से एक हूँ।

    राहुल सारी बातें बड़े ध्यान से सुन रहा था और जैसे ही कप ने अपनी बात पूरी की उसकी आँखें खुल गयीं। आज सपने में ही सही, राहुल मेहनत का महत्त्व समझ गया था। उसने मन ही मन निश्चय किया कि अब वो कभी मेहनत से जी नहीं चुराएगा और अपने टीचर्स और पेरेंट्स के कहे अनुसार मन लगा कर पढ़ेगा और कड़ी मेहनत करेगा।

    Hindi Story For Class 4 , नैतिक शिक्षा : बच्चो इस कहानी से हमें कड़ी मेहनत करने की सीख मिलती है, फिर चाहे वो पढ़ाई हो, खेल हो या कोई और चीज। हमे हमेशा मेहनत करनी चाहिए न की उससे डर कर भागना चाहिए.

    5# भिखारी बना अमीर | Hindi Story For Class 4

    एक शहर में एक छोटा सा व्यापारी रहता था, उसका काम अच्छा चल रहा था। वह हर दिन बस गाड़ी से अपने शहर से दूसरे शहर की यात्रा करता था। एक दिन वह बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहा था तभी वहां एक भिखारी आ गया। और “कहा मैं बहुत दिनों से भूखा हूं, कुछ खाने के लिए पैसे दो, भगवान तुम्हारा भला करे”। छोटे व्यापारी ने कहा, “क्या तुम्हारे पास भीख मांगने के अलावा और कोई काम नहीं है? अगर मैं तुम्हें पैसे दूं तो तुम बदले में क्या दोगे”?

    भिखारी ने बोला “मेरे पास तो देने को कुछ नहीं है पर मैं इसके बदले आपको दुआ दे सकता हूं”। व्यापारी बोला “नहीं चाहिए तुम्हारी दुआ मेरा व्यापार अच्छा चल रहा है। यह कहकर वह वहां से चला गया, फिर भिखारी सोचने लगा।

    यह सच है कि मेरे पास देने के लिए कुछ नहीं है, तभी उसने अपने सामने कुछ फूलों के पेड़ देखे। उसने उन फूलों को तोड़ा और चला गया, अब वह उन्हें फूल देगा जो उसे पैसे देते थे। जब लोग को फुल देने लगा तो वे पैसे देने से भी नहीं हिचके।

    अब वह उन पैसों से कुछ अच्छे फूल खरीदता और उसे बेचने लगा। ऐसा करते करते वह अब फूल का अच्छा खासा व्यापार सुरु कर देता है। एक दिन वह छोटा व्यापारी वही से गुजर रहा था और बड़ा परेशान था। भिखारि जो फूल का व्यापार कर रहा है। वह उसे देख कर उसके पास जाता है।

    और कहता है आपने मुझे पहचाना नहीं छोटा बिजनेस मैन बोला नहीं भाई आप कौन हो। फूल वाला बोला कोई बात नहीं बड़े परेशान लग रहे हो। छोटा बिजनेस मैन बोला हां भाई बिजनेस में लॉस हो गया है। भगवान के मंदिर जा रहा हूं उनसे दुआ करने शायद कोई चमत्कार हो जाए।

    फूल वाला बोला है फूल लेते जाओ भगवान को समर्पित करना। छोटा बिजनेस मैन बोला भाई मेरे पास सिर्फ 10 रुपये हैं पर मैं तुम्हें वह भी दे दूंगा। तो मैं इंटरव्यू के लिए नहीं जा पाऊंगा। तुम्हारे फूल के बदले देने की लिए मेरे पास कुछ नहीं है।

    फूल वाला बोला मुझे इसके बदले पैसे नहीं चाहिए बस दुआ दे देना। उसकी बात सुनकर छोटे बिजनेसमैन को सारी बातें याद आ गई। उसे बहुत पछतावा हुआ और माफी मांगी। फिर पूछा तुम तो भिखारी थे फिर तुम फूल की इतने बड़े कारोबार कैसे करते हो।

    फूलों वाला बोला आप नहीं तो बताया था के कोई अगर तुम्हें कुछ देता है तो उसके बदले उनको भी कुछ देना चाहिए। तो मैं सबको भूल देना शुरु कर दिया और आज मैं फूलों का बिजनेस करता हूं। अगर आप भी ऐसे किसी व्यक्ति को भीख मांगते देखते हैं।

    जो कुछ करने में समर्थ हो तो आप उसकी सहायता करें और बताएं। कि तुम कुछ काम धंधा करके पैसे कमाओ भीख क्यों मांगते हो। और उसे ऐसा करने में सहायता करें।

    Hindi Story For Class 4, नैतिक शिक्षा : इससे यह सीख मिलती हैं की हर इंसान की सहायता करनी चाहिए. क्योंकि आपकी एक सहायता से किसी की जिंदिगी बन सकती हैं.

    6# ईमानदारी का इनाम | Moral Story In Hindi

    Hindi Story For Class 4: एक गाँव में बाबूलाल नाम का एक चित्रकार रहता था, वह बहुत गरीब था। लेकिन वह अपना काम बहुत लगन से करते थे। वह अपने छोटे-छोटे कामों में बहुत ईमानदार था। दिन भर काम करने के बाद भी वह सिर्फ दो वक्त की रोटी ही कमा पाता था। एक दिन उसे गाँव के जमींदार ने बुलाया और बोला “तुम्हारे लिए नौकरी है”।

    बाबूलाल बोला बताइए “जमींदार जी क्या काम है”। जमींदार बोला हमारी एक नाव रंग करनी है। बताओ कितना रुपए लोगे”। बाबूलाल बोला “एक नाव के 1500 रुपए लगते हैं। बाकी आप जो समझे”। जमींदार बोला “ठीक है नाव अच्छी तरह से रंग करना। बाबूलाल जब नाव रंग कर रहा था तब उसे नाव में एक छेद दिखाई दिया।

    छेद देकर बाबूलाल सोचने लगे कि “अगर यह नाव पानी में चली गई तो डूब जाएगी। हमें पहले इस छेद को बंद करना होगा”। और उसने किसी तरह छेद को बंद कर दिया। और फिर रंग किया और जमींदार को देखने के लिए बुलाया। नाव देखकर जमींदार बहुत खुश हुआ। और कहा नाव तुमने बहुत अच्छी रंग की है। कल सुबह आओ और पैसे ले लो।

    बाबूलाल और जमींदार अपने-अपने घर चले जाते हैं । अगली सुबह जमींदार का परिवार नाव लेकर घूमने चला जाता है। तभी जमींदार का नौकर वहां पर आता है और परिवार को ना देख कर जमींदार जी से परिवार के बारे में पूछता है। तब जमींदार जी बताते हैं कि वह लोग नाव से घूमने गए है।

    इस पर नौकर बोलता है नाव मैं तो छेद था। नाव डूब जाएगी। तभी उनका परिवार घूम कर घर आ जाता है परिवार को देखकर जमींदार जी चैन की सांस लेते हैं। जमींदार समझ जाते हैं कि बाबूलाल ने हीं उस छेद को बंद किया है। बाबूलाल जब पैसे लेने आता है तब जमींदार उसे काम से अधिक पैसे देता है।

    जब बाबूलाल पैसे गिनता है तो जमींदार जी से कहता है। शायद आपने गलती से हमें ज्यादा पैसे दे दिए हैं जमींदार जी कहते हैं नहीं तुम्हारे मेहनत के पैसे हैं। बाबूलाल बोलता है हमारी बात तो 1500 रुपए में हुई थी। यह तो 6000 है। तब जमींदार जी बोलते हैं। नाव के छेद को तुम ने बंद किया।

    जिसके बारे में मुझे नहीं पता था। आज सुबह जब मेरा परिवार नाव ले के गया। तो वह डूब सकता था।पर तुम्हारे छेद बंद करने की वजह से हमारे परिवार की जान बची है। इसलिए तुम सारे पैसे ले लो। यह तुम्हारी मेहनत की कमाई है। बाबूलाल जमींदार जी को धन्यवाद दिया और खुशी से अपने घर चला गया।

    Hindi Story For Class 4, नैतिक शिक्षा : इस कहानी से हमें यह सीख मिलती हैं, की चाहे कोई भी काम हो, हमें उस काम को पुरे ईमानदारी से करनी चाहिए.

    7# चॉकलेट का पेड़ | Short Story In Hindi With Moral

    Hindi Story For Class 4: बहुत समय पहले एक शहर में एक बहुत बड़ा घर था। उस घर में चिंकी और उसके माता-पिता रहते थे। उनके घर में शांति बाई नाम की एक नौकरानी काम करती थी। एक दिन शाम को चिंकी के पिता घर आए और चिंकी से कहा, “अगले हफ्ते तुम्हारा जन्मदिन है, बताओ तुम्हें क्या गिफ्ट चाहिए।

    चिंकी ने कहा, “इस बार हमें एक अलग तौफा चाहिए”। उसके पिता ने कहा, “बेटा मुझे बताओ कि तुम्हें क्या अलग उपहार चाहिए”। तो चिंकी ने कहा “मैं इस जन्मदिन पर अपने दोस्तों को एक बड़ी पार्टी देना चाहता हूं”। चिंकी के पिता ने कहा, “ठीक है, मैं तुम्हारे लिए एक बड़ी पार्टी की व्यवस्था करूंगा”। चिंकी की माँ भी शांति बाई से कहती है कि “हम अपनी चिंकी का जन्मदिन मना रहे हैं, तुम भी अपने बच्चों को जरूर लेकर आना”।

    शांति बाई जब शाम को घर गए तो वह अपने बेटे राम से बोली कि “कल चिंकी का जन्मदिन है और मालकिन ने तुम्हें जन्मदिन के पार्टी में बुलाया है”। अगले दिन शांति बाई और उनका बेटा राम पार्टी में पहुंचे। इतनी बड़ी पार्टी देखकर राम बोला “इतनी बड़ी पार्टी तो मैंने जिंदगी में नहीं देखी”। चिंकी ने केक काटा और सब ने केक खाया और कोल्ड ड्रिंक पिया फिर चिंकी रिटर्न गिफ्ट में सबको चॉकलेट देती है।

    राम को जब चॉकलेट मिला तब वह सोचने लगा कि आज तो मैंने बहुत कुछ खाया है। इसे कल खाऊंगा और अपनी मां के साथ घर वापस आ गया। अगले दिन जब वह स्कूल से आया तब उसे चॉकलेट की याद आई वह चॉकलेट खाया और उसे वह चॉकलेट बहुत अच्छा लगा तो वह सोचने लगा।

    अगर मैं पूरा आज ही खा जाऊंगा तो कल क्या खाऊंगा। यह सोचकर वह बोला कि मैं इसे थोड़ा थोड़ा रोज खाऊंगा। कुछ दिन बाद उसके पास थोड़े ही चॉकलेट बचे। तो वह काफी उदास हो गया। वो रास्ते में चलते एक जामुन के पेड़ को देखता है। और सोचता है कि मैं भी एक चॉकलेट का पेड़ लगा सकता हूं। बस मुझे चॉकलेट को जमीन में डालकर उस पर पानी ही तो देना है।

    ऐसा सोचकर वह घर पर जाता है और चॉकलेट को लेकर एक गड्डा खोनके उसमें डाल कर पानी डाल देता है। और मन ही मन खुश हो कर हंसने लगता है। तभी एक बुजुर्ग आदमी वहां से जा रहा होता है और उसे ऐसे हंसते हुए देख कर पूछता है क्या बात है बेटा तो राम कहता है कि यहां पर चॉकलेट का पेड़ उगेगा ।

    मैंने इस गड्ढे में चॉकलेट डाला है। उसके बात सुनकर बुड़ा आदमी उसे समझाता है। बेटा तुमने लालच के चक्कर में जो चॉकलेट तुम्हारे पास था वह भी तुमने खो दिया। चॉकलेट का पेड़ कभी नहीं होता है. जिसे सुनकर राम को बहुत दुःख हुआ.

    Hindi Story For Class 4, नैतिक शिक्षा : लालच बुरी बला है हमें लालच नहीं करना चाहिए। क्योंकि लालच हमें पूरी तरह ख़राब कर देती हैं.

    The Moral Stories in Hindi For Kids | बच्चों के लिए मोरल स्टोरीज, इससे मिलेगा सिख
    चॉकलेट का पेड़ विडियो – Class 4 Hindi Story

    8# सूरज और हवा | Stories in Hindi for class 4

    एक बार की बात है वह पतझड़ का दिन था, एक दिन हवा और सूरज एक बात को लेकर बहस कर रही थी। हवा ने दावा किया मैं तुमसे ज्यादा ताकतवर हूं। सूरज उसकी बात नहीं मानी उसने कहा नहीं तुम ज्यादा ताकतवर नहीं हो।

    तभी, उन्होंने देखा एक यात्री कंबल में लिपटा हुआ वहां से गुजर रहा था। हवा ने कहा, हम दोनों में से जो भी कंबल को यात्री से अलग कर पाएगा वह ज्यादा शक्तिशाली है। सूरत से पूछा क्या आप सहमत है?

    सूरज ने जवाब दिया, ठीक है पहले आप कोशिश करो। हवा जोर से बहने लगी, यात्री ने अपने कंबल को उसकी चारों ओर लपेट दिया। फिर हवा और जोर से बहने लगी, यात्री ने अपनी कंबल ओढ़ लिया। हवा बहुत जोर जोर से बह रही थी लेकिन यात्री ने अपनी कंबल नहीं छोड़ी, वह कंबल में लिपटा रहा, हवा विफल रही। अब सूरज की बारी थी, सूरज यात्री पर धीरे से मुस्कुराया।

    यात्री ने कंबल पर अपनी पकड़ ढीली कर दी, सूरज और गर्म होकर मुस्कुराया। यात्री ने बहुत ही ज्यादा गर्व महसूस की और जल्द ही कंबल उतार दिया, फिर सूरज को हवा से ज्यादा ताकतवर घोषित किया गया।

    Hindi Story For Class 4, नैतिक शिक्षा : जहां नम्रता से बात मनवाई जा सकती है, वहां ताकत दिखाने का कोई जरूरत नहीं है।

    9# गुलाम और शेर | Short Hindi story for class 4 with moral

    एक बार एक राज्यों में एक गुलाम था, उसका राजा बहुत क्रूर था। वह भागकर एक जंगल में चला गया, वहां रहने के लिए एक गुफा में गया। गुलाम गुफा में सोया हुआ था, शेर की दहाड़ सुनकर अचानक वह जाग गया, उसने वहां एक शेर को देखा।

    शेर लंगड़ा कर चल रहा था, गुलाम ने शेर की पंजे में एक कांटा देखा। उसने शेर की पंजे से कांटा बाहर निकाला, शेर को राहत महसूस हुई, फिर दोनों दोस्त बन गए। एक दिन गुलाम को उसकी राजा के लोग ने पकड़ लिया। और फिर राजा के सामने लेकर गया। राजा ने उसे एक भूखे शेर के सामने फेंकने का आदेश दिया। जब गुलाम को शेर के सामने फेंका गया, तो शेर ने उसे नहीं मारा।

    क्योंकि यह वही शेर था, शेर ने उसकी पैर चाटी, इस अजीब नजारे को देखकर सभी हैरान थे। फिर गुलाम को आजाद कर दिया गया और उसे शेर को पुरस्कार के रूप में दिया गया था।

    Short Hindi story for class 4 with moral, नैतिक शिक्षा : हमेशा संकट में किसी का मदद करना चाहिए।

    10# भेड़िया और मेमना | Short Moral Story in Hindi for class 4

    एक बार एक जंगल में एक शरारती मेमना रहती थी, उसकी मां अपने बच्चों से इतना प्यार करती थी, कि वह हमेशा बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती थी। उसकी मां हमेशा उन्हें चेतावनी देती थी, बच्चों आपको जंगल में नहीं जाना चाहिए।

    जंगली जानवर वहां रहते हैं, वह तुम्हें मारकर खा सकता है लेकिन शरारती मेमना ने अपनी मां की बात कभी नहीं सुना। एक दिन, वह हमेशा की तरह जंगल में घूमने गई थी। वहां उसने एक झरना दिखा, उसे बहुत ज्यादा प्यास लगी थी इसलिए वह पानी पीने के लिए वहां गया।

    जब मेमना झरना की पानी पी रहा था, तब एक भेड़िया एक पेड़ की पीछे से उसे देख रहा था। वह दोनों के अलावा वहां और कोई नहीं था, आप जानते नहीं हो यह जंगल सिर्फ मेरे जैसा जंगली जानवर के लिए है। तुम यहां की पानी नहीं पि सकते हो। भेड़िया ने कहा.

    मेमना को पता था की भेड़िया खतरनाक जानवर है, उसकी मां ने भेड़िया की बारे में चेतावनी दी थी। उसे पता था भेड़िया उसे खाने वाला है, फिर वह भेड़िया को कहा तुम भी पानी को गंदा कर रहे हो। अब मैं इस दूषित पानी को कैसे पियूंगा?

    इस तरह मेमना कुछ और समय तक भेड़िया से बात करता रहा। फिर वहां से एक लकड़हारा जा रहा था, लकड़हारा मेमना को बचाने के लिए वहां आया। उसने मेमना और भेड़िया दोनों को देखा, लकड़हारा उसे बचाने के लिए भेड़िया को पकड़कर पीटा।

    मेमना अब सुरक्षित थी, वह वापस अपनी मां के पास गया। उसने अपनी मां को बताया कि जंगल में भेड़िया और लकड़हारा के साथ क्या हुआ था। और फिर उन्होंने अपनी मां से वादा किया वह फिर कभी जंगल में अकेला नहीं जाएगी।

    Short Moral Story in Hindi for class 4, नैतिक शिक्षा : ताकत ही सब कुछ नहीं होता, कभी कभी कमजोर लोग होशियारी से ताकतवर लोगों पर काबू पा सकते हैं।

    निष्कर्ष
    बच्चो के लिए Hindi Story For Class 4 बहुत ही मजेदार होती है. यदि आप इस In Hindi Stories For Class 4 कहानी को अपने बच्चो को सुनाते है तो उन्हें आगे जीवन में एक सही दिशा मिलती है.

    हमे उम्मीद है की यह Hindi Story For Class 4 पसंद आई होगी. यदि ये Moral Kahaniyaa से आपको कुछ सिखने को मिला है या यह Small Moral Stories in Hindi उपयोगी है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर जरुर करे.

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    लेखक के बारे में

    सूरज बढ़ई

    लिक्स्कार्ट डॉट कॉम में सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर और संस्थापक हैं। खुद की ब्लॉग से करियर की शुरुआत हुई।

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