Simple Story in Hindi: क्या आप अपने बच्चो के लिए Simple Story in Hindi की खोज रहे है. जिसे आपके बच्चे बिलकुल आसानी से समझ सके. तो आज हम आपके लिए लेकर आए है Simple Story in Hindi.
जिसमे हमने बिलकुल आसान भाषा में आपके बच्चो के लिए Simple Story in Hindi कहानियां (Easy Short Story In Hindi) लिखी है. जिसे पढ़ने में काफी मजा आता है. इस लिए हमारे इस Simple Story in Hindi पोस्ट को अंत तक पढ़े.
आपके जानकारी के लिए बता दे की हमने Simple Story in Hindi के हर एक कहानी ख़तम होने के बाद उस कहानी का Moral यानि नैतिक शिक्षा भी लिखी है. जिसे यदि आप बच्चो को सुनाते है तो वे इस कहानी से मनोरंजन तो प्राप्त करेंगे ही लेकिन उसके साथ साथ उनको एक नई शिक्षा भी मिलेगी.
Table of Contents
Simple Story in Hindi – हिंदी सरल कहानियां
हमने निचे कुछ Simple Story in Hindi दी है, जो बच्चो में बहुत प्रशीद्ध है. तो आइए अब देर न करते हुए पढ़ते है Simple Story in Hindi को विस्तार से.
1# मूर्ख बकरियां की कहानी – Short Simple Story in Hindi
एक बार एक काली बकरी और एक भूरी बकरी संकरे पुल पर बीचोंबीच मिलीं। दोनों एक दूसरे से तुम पीछे हटो- तुम पीछे हटो कहके एक-दूसरे पर हमला कर दिया । मूर्ख बकरियों का संतुलन बिगड़ा और वे नदी में गिरकर डूब गई। कुछ देर बाद दूसरी दो बकरियाँ भी पुल से गुज़रीं । वे दोनों काफ़ी चतुर थीं। उनमें से एक नीचे बैठ गई और दूसरी उसके ऊपर से सुरक्षित दूसरी ओर चली गई ।
शिक्षा – क्रोध से हानी और शांत दिमाग से प्रसन्नता व सफलता प्राप्त होती है।
2# मुर्ख कौआ की कहानी – Short Simple Story in Hindi
एक भूखे कौए को कहीं से पनीर का एक टुकड़ा मिला। कौआ पेड़ की टहनी पर बैठकर अपनी भूख शांत करना चाहता था। तभी एक लोमड़ी पेड़ के नीचे आयी । उसने कौए को पनीर के टुकड़े के साथ देख लिया था । लोमड़ी को देख कौए ने पनीर का टुकड़ा मज़बूती से चोंच में दबा लिया |
लोमड़ी ने पनीर का टुकड़ा पाने के लिए कौए से कहा-” कौए भाई, तुम बहुत सुंदर हो, मुझे अपना गाना तो सुनाओ ।” प्रशंसा सुनकर कौआ कॉव-काँव करने लगा तो पनीर का टुकड़ा नीचे गिर गया। लोमड़ी पनीर का टुकड़ा लेकर वहाँ से भाग निकली। अब कौए की समझ में आ गया था कि लोमड़ी ने प्रशंसा करके उसे मूर्ख बनाया था ।
शिक्षा : किसी काम को करने से पहले आगा-पीछा विचार लें ।
3# दो बिल्लिया की कहानी – A Small Story in Hindi
एक बार दो बिल्लियों को एक रोटी मिली। उनमें से एक बिल्ली ने झपटकर रोटी उठा ली – और दूसरे ने उसे छीनने का प्रयास किया। जब वे दोनों बहस कर रही थीं, तभी एक बंदर वहाँ से गुज़र रहा था । बिल्लियों ने बंदर से कहा कि वह उनका विवाद हल करे।
तब बंदर ने सहमति देकर रोटी के दो बराबर टुकड़े कर दिये। एक छोटा, दूसरा बड़ा कहकर उनमें से छोटा छोटा हिस्सा खा लिया। थोड़ी देर बाद रोटी के बहुत छोटे दो टुकड़े ही शेष रह गये । ” इतने छोटे टुकड़े तुम्हारे किस काम के ?” ऐसा कहते हुए उसने दोनों टुकड़ों को भी खा लिया ।
शिक्षा : दो व्यक्तियों के झगड़े का फ़ायदा तीसरा उठाता है।
4# शेर और चूहा की कहानी – A Small Story in Hindi
गर्मी से बचने के लिए एक शेर घने वृक्ष की छाया में आराम कर रहा था । उस पेड़ के नीचे बिल में रहे एक चूहा, शेर की पीठ पर चढ़कर खेलने को चाहा। शेर की पीठ पर चढ़ा ही था कि शेर ने उसे पंजे में जकड़ लिया और मारने का तैयार हुआ ।
तब चूहे ने कहा- मैं भविष्य में तुम्हारे किसी काम आ सकूँ, अब मुझे छोड़ दो। शेर ने हस्ते हुए कहा की तू छोटा सा प्राणी में जंगल का राजा तू मेरी क्या मदद करेगा. लेकिन शेर ने दया करते हुए चूहे को छोड़ दिया। कुछ दिन के बाद शेर एक शिकारी के जाल में फँस गया। तब चूहे ने आकर जाल की रस्सियों को कुतर कर शेर को आज़ाद कर दिया ।
शिक्षा : किसी को छोटा व कमज़ोर न समझो ।
5# प्यासा कौआ की कहानी – Short Simple Story in Hindi
एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में यहाँ-वहाँ भटक रहा था। उसे एक मैदान में पानी का बरतन नज़र आयी । उसमें थोडा पनी है। पानी की सतह तक उसकी चोंच नहीं पहुँच पाई। अथक परिश्रम करने के बाद उसको एक उपाय सूझा । उसने एक-एक कंकर उठाकर पानी के बरतन में डाल दिया। कौए ने बरतन में इतने कंकर डाल दिए कि पानी ऊपर तक आ गया | उसने अपने प्यास बुझाई और उड़ गया ।
शिक्षा : हमें सदैव दिमाग से काम लेना चाहिए ।
6# Fairy Tales Story in Hindi
Fairy Tales Story in Hindi: एक समय मौर्य साम्राज्य में एक राजा रहता था। उसका पुत्र राजकुमार बहुत बुद्धिमान था। राजा जब भी संकट में पड़ता था तो अपने पुत्र से सलाह लेता था। उनका बेटा अपने पिता की हर समस्या को हल करने में मदद करता था।
एक दिन राज्य का प्रधान मंत्री राजा के पास आया और कहा कि वह बहुत बूढ़ा हो गया है। वह अब अपने पद से मुक्त होना चाहते हैं। राजा ने यह बात अपने पुत्र को बताई।
राजकुमार को राज्य का अगला प्रधानमंत्री चुनने का विचार आया और अगले दिन उसने पूरे राज्य में घोषणा करवा दी कि जो व्यक्ति स्वयं को प्रधानमंत्री बनने के योग्य समझता है।
उन्हें शाम को दरबार में पेश होना चाहिए। यह बात पूरे राज्य में आग की तरह फैल गई। शाज़िया नाम की एक लड़की को इस बात का पता चला, वह बड़ी ईमानदार और चतुर थी। वह अन्य व्यक्तियों के साथ प्रधान मंत्री बनने के लिए दरबार में भी उपस्थित हुईं।
राजकुमार ने सबसे कहा कि मैं तुम्हें मकई के कुछ बीज दूंगा और प्रत्येक व्यक्ति को खेत में कुछ जगह दी जाएगी। आपको इन मक्के के दानों को अच्छी तरह से देखभाल करके और पानी देकर एक महीने में उगाना है।
जिसका मक्का सबसे अच्छा होगा वही जीतेगा और प्रधानमंत्री बनेगा। जनता की सेवा के लिए जरूरी इस परीक्षा से आपकी निष्कपट सेवा और मेहनत दिखेगी। इसके बाद सभी लोग बीज लेकर अपने-अपने स्थान पर खेत में बीज बोने लगे।
कुछ दिनों बाद सबकी मक्का उगने लगी लेकिन शाजिया की मक्का नहीं उगी। इस तरह एक महीना बीत गया, सबकी मक्का अच्छी हो गई लेकिन शाजिया की मेहनत के बाद भी मक्का नहीं उगा।
राजकुमार और राजा ने सबके अन्न को देखा। इसके बाद राजकुमार ने दरबार में शाजिया को विजेता घोषित किया। राजकुमार ने बताया कि उसने जो बीज दिए थे वे खराब थे और मक्का उगाने के लिए उपयुक्त नहीं थे।
शाजिया को छोड़कर सभी लोग बाहर से मक्के के बीज लाकर अच्छे मक्के की खेती के लिए खेत में इस्तेमाल करते थे। लेकिन शाजिया ने उसी बीज पर पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम किया। इस तरह शाजिया अपनी ईमानदारी के बल पर राज्य की प्रधानमंत्री बनीं।
7# लकड़हारा और कुल्हाड़ी की कहानी – Short Simple Story in Hindi
Short Moral Stories in Hindi: एक गांव में एक लकड़हारा रहता था, जो जंगल से लकड़ी काटकर बाजार में बेचकर पैसे कमाता था। एक दिन वह रोज की तरह जंगल में लकड़ी काटने गया और नदी के किनारे एक पेड़ से लकड़ी काटने लगा।
अचानक कुल्हाड़ी उसके हाथ से छूटकर नदी में जा गिरी। इससे लकड़हारा बहुत दुखी हुआ और वह नदी में कुल्हाड़ी खोजने की कोशिश करने लगा। लेकिन उसे अपनी कुल्हाड़ी नदी में नहीं मिली। इस बात से लकड़हारा बहुत दुखी हुआ और वह नदी के किनारे बैठकर रोने लगा। जब वह नदी तट पर रो रहा था, तब लकड़हारे की आवाज सुनकर भगवान नदी से प्रकट हुए।
भगवान ने लकड़हारे से पूछा कि तुम क्यों रो रहे हो, इस पर लकड़हारे ने आदि से अंत तक की सारी कहानी भगवान को बता दी। लकड़हारे की कहानी सुनकर प्रभु को उस पर दया आ गई और लकड़हारे की मेहनत देखकर उन्होंने उसकी मदद करने की योजना बनाई। इसके बाद भगवान जी नदी में अंतर्ध्यान हो गए और लकड़हारे को सोने की कुल्हाड़ी देते हुए कहा, यह रही तेरी कुल्हाड़ी।
सुनहरी कुल्हाड़ी देखकर लकड़हारे ने कहा, हे भगवान, यह कुल्हाड़ी मेरी नहीं है, यह सुनकर भगवान फिर से नदी में गायब हो गए और इस बार चांदी की कुल्हाड़ी लकड़हारे को देते हुए कहा, “ये लोग तुम्हारी कुल्हाड़ी हैं, इस बार लकड़हारा भी।” उसने कहा कि यह कुल्हाड़ी भी मेरी नहीं है और मुझे केवल अपनी कुल्हाड़ी चाहिए। भगवान फिर नदी में अंतर्ध्यान हो गए, एक लोहे की कुल्हाड़ी निकाली और लकड़हारे को देते हुए कहा, यह रही तेरी कुल्हाड़ी।
इस बार लकड़हारे के चेहरे पर मुस्कान थी, क्योंकि यह कुल्हाड़ी लकड़हारे की थी। उसने कहा यह मेरी कुल्हाड़ी है। भगवान ने लकड़हारे की ईमानदारी से प्रसन्न होकर सोने और चांदी की दोनों कुल्हाड़ियां उसी लकड़हारे को दे दीं। इससे लकड़हारा खुशी-खुशी अपने घर चला गया।
Short Moral Stories in Hindi, कहानी से सीख: लकड़हारे की इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है, हमें हमेशा अपनी ईमानदारी पर ही रहना चाहिए। क्योकिं जीवन में ईंमानदार व्यक्ति को कोई भी नहीं हरा सकता है।
8# Short Simple Story in Hindi – सांप और कौआ की कहानी
Saamp Ki Kahaniyan: एक ज़माने में। जंगल में दो कौए अपना घर बनाने के लिए इधर-उधर घूम रहे थे। तभी उन दोनों को एक बहुत बड़ा पेड़ दिखाई दिया। दोनों ने उस पेड़ में अपना घर बना लिया। उस पेड़ पर कौए का एक जोड़ा खुशी से रह रहा था। ऐसे ही कुछ दिन बीत गए।
एक दिन उसकी खुशी पर एक सांप की नजर पड़ गई। सांप ने भी उसी पेड़ में रहने की सोची और उसी पेड़ के नीचे बने बिल में रहने लगा जिस पर कौए का घोंसला था।
एक दिन जब एक कौए का जोड़ा चरने के लिए गया था, तो सांप उनके घोंसले में घुस गया और उनके अंडे खा गया। शाम को जब वे लौटे तो घोंसला खाली पाया, जिसे देखकर वे परेशान हो गए। उन्हें नहीं पता था कि अंडे कौन ले गया।
इसी तरह लगातार कुछ दिनों तक जब भी कौए खाने के लिए बाहर जाते तो सांप उनके घोंसले में जाकर उनका अंडा खा जाता था। जिससे दोनों कौए परेशान रहने लगे। लेकिन उन्हें यह पता नहीं चल पा रहा था कि उनके अंडे कौन ले रहा है।
बहुत दिन ऐसे ही निकल गए। एक दिन एक कौए कुछ अनाज खाकर जल्दी ही अपने घोंसले में आ गया, तो उन्होंने देखा कि बिल में रहने वाला एक सांप उनके अंडे खा रहा है। जिसके बाद दोनों कौवों ने आपस में बात की और पेड़ पर एक ऊंचे स्थान पर छिपकर अपना घोंसला बना लिया।
सर्प ने देखा कि कौए का जोड़ा पहले वाली जगह से चला गया है, लेकिन दोनों कौए शाम को वापस पेड़ पर आ जाते हैं, लेकिन सांप को यह जानकारी नहीं मिल रही थी कि वे कहां रहते हैं।
इस प्रकार बहुत दिन बीत गए। कौए के अंडों से बच्चे निकले और वे बड़े होने लगे। एक दिन सांप को उनके नए घोंसले के बारे में पता चला और वह कौए के जाने का इंतजार करने लगा। जैसे ही कौए ने घोंसला छोड़ा, सांप उनके घोंसले की ओर बढ़ने लगा।
लेकिन किसी कारणवश कौओं का जोड़ा वापस पेड़ पर लौटने लगा। उन्होंने सांप को दूर से अपने घोंसले की ओर जाते हुए देखा और वे दोनों जल्दी से वहां पहुंचे और अपने बच्चों को पेड़ की आड़ में छिपा दिया।
सांप ने देखा कि घोंसला खाली है, तो वह कौए की चाल समझ गया और बिल के पास वापस गया और सही समय का इंतजार करने लगा। इस बीच कौओ ने सांप से छुटकारा पाने के लिए एक योजना बनाई।
कौआ उड़ गया और जंगल के पास के एक राज्य में चला गया। उस राज्य में एक सुन्दर महल था। राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ महल में खेल रही थी। कौआ उसके गले का मोतियों का हार लेकर उड़ गया। जब सभी ने शोर मचाया तो पहरेदारों ने हार पाने के लिए कौए का पीछा करना शुरू कर दिया।
कौए ने जंगल में पहुंचकर हार को सांप के बिल में डाल दिया, जिसे पीछे चल रहे सैनिकों ने देखा। सिपाहियों ने जैसे ही हार निकालने के लिए बिल में हाथ डाला सांप फुफकारता हुआ बाहर निकल आया। सांप को देखकर सिपाहियों ने उस पर तलवारों से हमला कर दिया।
जिससे सांप घायल हो गया और अपनी जान बचाकर भाग गया। सांप के जाने के बाद कौआ अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी रहने लगा।
Q. Saamp Aur Kauwa Ki Kahani से हमने क्या सीखा?
Ans: Saamp Aur Kauwa Ki Kahani से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी कमजोर का फायदा नहीं उठाना चाहिए। साथ ही मुसीबत में समझदारी से काम लेना चाहिए। उदाहरण के लिए इस कहानी में कौए ने अपनी सूझबूझ दिखाते हुए सांप को भगाया और अपने बच्चों को भी बचा लिया।
9# चतुर नाई की कहानी – Short Simple Story in Hindi
एक बार एक नाई जंगली जानवरों से भरे जंगल से गुज़र रहा था। अचानक उसके सामने एक शेर आकर खड़ा हो गया। लेकिन नाई ने हिम्मत नहीं हारी। नाई ने शेर से कहा मैं बहुत समय से तुम्हारी तलाश कर रहा हूँ, क्योंकि- मैं दो शेर पकड़ना चाहता था। एक मैंने पकड़ा और तुम दूसरे होओगे । ऐसा कहकर नाई ने शेर को एक आईना दिखाया | आईने में अपना मुख देख कर शेर घबराया और वहाँ से भाग गया । चतुर नाई ने अपनी जान बचा ली ।
शिक्षा : संकट में चतुराई से काम लेना चाहिए ।
10# आलसी गधा की कहानी – Simple Story in Hindi
Simple Story in Hindi: एक व्यापारी के पास एक गधा था। वह गधे पर बाजार से माल ढोकर लाता था। एक दिन व्यापारी ने नमक के बड़े-बड़े बोरे गधे की पीठ पर लादे। इतने भारी बोझ से गधे का दम निकला जा रहा था।
अचानक रास्ते में नदी के किनारे उसका पैर फिसला और वह नदी में जा गिरा। किसी तरह संभलकर वह उठा तो हैरान था, क्योंकि उसकी पीठ पर लदा भार अचानक हल्का हो गया था। दरअसल, नमक पानी में घुल गया था। अगले दिन फिर व्यापारी ने गधे की पीठ पर नमक के भारी बोरे लादे। गधा जब नदी पर पहुँचा तो जान-बूझकर फिसलकर पानी में जा गिरा।
उसकी पीठ का भार फिर कम हो गया। गधे के मालिक ने देख लिया था कि आज गधा जान बूझकर फिसला है, इसलिए उसने गधे को सबक सिखाने की सोची। अगले दिन उसने गधे की पीठ पर रूई के बोरे लादे। नदी पर आकर गधा जैसे ही फिसलकर नदी में गया तो रूई ने पानी सोख लिया और भारी हो गई। गधे को अब अपने ऊपर पछतावा हो रहा था।
Simple Story in Hindi, नैतिक शिक्षा : हमें परिश्रम से जी नहीं चुराना चाहिए।
निष्कर्ष
बच्चो के लिए Simple Story in Hindi बहुत ही मजेदार होती है. हमे उम्मीद है की यह Short Simple Story in Hindi पसंद आई होगी. यदि ये Moral Kahaniyaa से आपको कुछ सिखने को मिला है या यह Short Simple Story in Hindi उपयोगी है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर जरुर करे.
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